Indian Currency Notes: बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर एक अफवाह तेजी से वायरल हो रही थी कि 10 और 20 रुपये के नोट बंद होने वाले हैं। कई जगहों पर लोग यह भी कहने लगे कि ये नोट अब चलन से बाहर किए जा रहे हैं और इनका इस्तेमाल जल्द ही बंद हो जाएगा। इससे आम लोगों के बीच डर और भ्रम की स्थिति बन गई थी, खासकर छोटे दुकानदारों, ग्रामीण क्षेत्रों और दैनिक जरूरत के लेन-देन करने वालों में। लेकिन अब सरकार की ओर से इस पर साफ-साफ जवाब आ गया है।
वित्त मंत्रालय ने इस विषय में जो बयान जारी किया है, वह न सिर्फ सच्चाई को सामने लाता है बल्कि उन सभी अफवाहों पर भी विराम लगाता है जो पिछले कुछ दिनों से फैल रही थीं।
नोटों को लेकर वित्त मंत्रालय का आधिकारिक बयान
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 10 और 20 रुपये के नोट को बंद करने या चलन से हटाने की कोई योजना नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि देश में जो भी नोट अभी सर्कुलेशन में हैं, वे पूरी तरह वैध हैं और उनका उपयोग पहले की तरह ही किया जा सकता है।
यह भी बताया गया कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) समय-समय पर नए नोटों की छपाई और पुराने नोटों को बदलने की प्रक्रिया करता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि पुराने नोट बंद हो रहे हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो दशकों से चली आ रही है।
नए डिजाइन और पुराने नोट दोनों मान्य
पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि RBI ने 10 और 20 रुपये के नए नोट जारी किए हैं जिनका डिज़ाइन बदला गया है, रंग बदले गए हैं और सुरक्षा फीचर्स को भी अपडेट किया गया है। लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि पुराने नोट अब मान्य नहीं हैं।
RBI ने खुद भी कहा है कि जब तक किसी नोट को “legal tender” से हटाने का औपचारिक ऐलान नहीं किया जाता, तब तक वह नोट पूरी तरह से चलन में माना जाएगा। 10 और 20 रुपये के पुराने नोट भी बैंक, दुकानों, बाजारों और हर जगह वैध हैं और उन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है।
अफवाहें कैसे फैलीं और लोगों पर क्या असर पड़ा
सोशल मीडिया आजकल अफवाहों को हवा देने का सबसे तेज़ माध्यम बन चुका है। एक व्हाट्सएप मैसेज वायरल हुआ जिसमें लिखा था कि सरकार 10 और 20 रुपये के नोट बंद करने जा रही है। कई लोगों ने बिना सच्चाई जांचे इसे आगे शेयर कर दिया और देखते ही देखते देशभर में यह बात फैल गई।
इससे छोटे दुकानदारों ने 10 और 20 रुपये के नोट लेना बंद कर दिया, कुछ ऑटो-रिक्शा चालकों ने भी इन्हें लेने से मना कर दिया। यहां तक कि कुछ जगहों पर ग्राहकों को वापस भेज दिया गया क्योंकि उनके पास सिर्फ यही नोट थे। सरकार ने इस पर ध्यान दिया और साफ किया कि ऐसी किसी भी खबर पर भरोसा ना करें जो आधिकारिक स्रोत से न आई हो।
बाजार में लेन-देन पर असर और सरकार की अपील
छोटे नोटों की लेन-देन व्यवस्था खासकर ग्रामीण भारत और छोटे दुकानदारों के लिए रीढ़ की हड्डी होती है। अगर इनमें कोई भ्रम फैलता है तो सबसे ज्यादा असर इन्हीं पर पड़ता है।
वित्त मंत्रालय और RBI ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को सही जानकारी दें और पुराने नोटों को नकारने जैसी किसी भी गतिविधि पर रोक लगाएं। साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि वे केवल सरकारी वेबसाइटों और विश्वसनीय न्यूज़ चैनलों से ही जानकारी लें।
कुल मिलाकर स्थिति पूरी तरह साफ है
अब स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई है – 10 और 20 रुपये के नोट पूरी तरह मान्य हैं, चाहे वे पुराने हों या नए डिजाइन के। सरकार ने ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया है कि इन नोटों को बंद किया जाएगा। इसलिए अब लोगों को घबराने या अफवाहों में आने की जरूरत नहीं है। हर तरह की लेन-देन में इन नोटों को स्वीकार करें और दूसरों को भी सही जानकारी दें।