7th Pay Commission Pension Rule: सरकारी नौकरी करने वालों के लिए पेंशन सिर्फ एक आर्थिक सहारा नहीं बल्कि रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी का आधार होती है। ऐसे में अगर पेंशन से जुड़े किसी नियम में बदलाव हो तो उसका सीधा असर लाखों रिटायर्ड कर्मचारियों और उनके परिवारों पर पड़ता है। हाल ही में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने एक अहम नोटिफिकेशन जारी किया है जो 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन प्रणाली को लेकर है। इस नए आदेश में कुछ जरूरी संशोधन किए गए हैं जिनका मकसद पेंशन प्रक्रिया को और पारदर्शी, सरल और समयबद्ध बनाना है।
इस बदलाव से ना सिर्फ पहले से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि जो निकट भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनके लिए भी यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। नए नियमों के लागू होते ही पेंशन की गणना और मंजूरी की प्रक्रिया में देरी की संभावनाएं कम हो जाएंगी, जिससे पेंशनर्स को समय पर लाभ मिल सकेगा।
नए आदेश में पेंशन प्रोसेस को लेकर क्या हुआ बदलाव
DoPT की ओर से जारी किए गए नए आदेश के अनुसार अब रिटायर होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रोसेस पहले से तय टाइमलाइन में पूरा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि सेवानिवृत्ति की तारीख के 6 महीने पहले से ही विभाग को संबंधित कर्मचारी की पेंशन संबंधी फाइल तैयार करनी होगी।
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में पेंशन की फाइल रिटायरमेंट से पहले क्लियर हो जानी चाहिए ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारी को अगली ही महीने से उसकी पेंशन मिलने लगे। यह नियम उन लाखों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगा जो पेंशन के लिए महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा पेंशन सिस्टम
नए आदेश में सरकार ने पेंशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है। अब विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी पेंशन फाइल्स को ऑनलाइन प्रोसेस करें और इससे जुड़े डॉक्युमेंट्स को भी डिजिटली स्टोर करें। इसके लिए केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (CPAO) और NIC की मदद से एक साझा पोर्टल विकसित किया जा रहा है।
इस व्यवस्था के लागू होने से पेंशन फाइल की ट्रैकिंग आसान होगी और कर्मचारी खुद देख सकेगा कि उसकी पेंशन प्रोसेस किस स्थिति में है। साथ ही इससे अधिकारियों की जवाबदेही भी बढ़ेगी और लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर भी समय रहते एक्शन लिया जा सकेगा।
बुजुर्ग पेंशनर्स के लिए विशेष राहत के प्रावधान
नए आदेश में 80 वर्ष से अधिक उम्र के पेंशनर्स को लेकर भी विशेष प्रावधान किया गया है। अब ऐसे बुजुर्ग पेंशनरों को साल में दो बार जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें अब केवल एक बार जीवन प्रमाण देना होगा, जिसे डिजिटल मोड से भी स्वीकार किया जाएगा।
इसके अलावा सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि बुजुर्ग पेंशनर्स को बैंक शाखा में जाकर लाइन में लगने की बजाय घर बैठे सुविधा मिले। इसके लिए वीडियो KYC और फेस ऑथेंटिकेशन जैसे विकल्पों पर काम चल रहा है। यह सुविधा पेंशनर्स की गरिमा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखकर लाई जा रही है।
बकाया पेंशन और संशोधन में तेजी लाने के निर्देश
DoPT ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिन पेंशनर्स की पेंशन अब तक संशोधित नहीं हो सकी है या जिनका बकाया अटका हुआ है, उनके मामलों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। इसके लिए सभी मंत्रालयों और विभागों को 60 दिन की समय सीमा में ऐसे मामलों का निपटारा करने को कहा गया है।
कई मामलों में देखा गया है कि तकनीकी कारणों या कागजों की कमी से पेंशन में देरी होती रही है। लेकिन अब सरकार चाहती है कि हर पेंशनर को समय पर उसका हक मिले। इसके लिए पेंशन संशोधन प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है और सभी विभागों को कहा गया है कि वे पुराने रिकॉर्ड डिजिटली उपलब्ध कराएं ताकि देरी से बचा जा सके।