7th Pay Commission: सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ऑफिस में समय पर आने और हाजिरी दर्ज करने को लेकर नए सख्त नियम लागू किए हैं। अब सभी कर्मचारियों को सुबह 9:15 बजे तक ऑफिस पहुंचना अनिवार्य है। डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) ने इसको लेकर साफ आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगाना भी अब ज़रूरी बना दिया गया है। सरकार चाहती है कि ऑफिस का कामकाज समय पर और अनुशासित तरीके से हो, ताकि सभी विभागों की कार्यक्षमता में सुधार हो सके।
बायोमेट्रिक हाजिरी फिर से अनिवार्य हो गई है
कोरोना के वक्त कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बायोमेट्रिक हाजिरी कुछ समय के लिए रोक दी गई थी। पिछले चार सालों से यह सिस्टम बंद था, और कर्मचारी मैनुअल उपस्थिति दर्ज करते थे। लेकिन अब सरकार ने दोबारा इसे लागू करने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि अब हर केंद्रीय कर्मचारी को अपनी उंगलियों की पहचान से ही ऑफिस में हाजिरी लगानी होगी। इससे कर्मचारियों के आने और जाने का समय ठीक से रिकॉर्ड होगा और कोई गड़बड़ी नहीं होगी। इससे ऑफिस में पारदर्शिता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेगी।
देरी करने पर सख्त सज़ा का प्रावधान
डीओपीटी के निर्देश के मुताबिक, अब कर्मचारियों को 9:15 बजे से ज़्यादा देर से ऑफिस आने पर आधे दिन की सैलरी का नुकसान झेलना पड़ेगा। सरकार ने साफ कह दिया है कि अब लेट आने की आदत नहीं चलेगी। जो भी कर्मचारी बार-बार देर से आता है, उसे सख्त सज़ा दी जाएगी। इस नियम का पालन सभी कर्मचारियों को करना होगा, चाहे वे किसी भी पद पर हों। इसका मकसद है समय के प्रति सजगता बढ़ाना और ऑफिस में एक अनुशासित माहौल तैयार करना।
अनुपस्थित रहने पर पहले से सूचना देना जरूरी
सरकार के नए नियमों में यह भी जोड़ा गया है कि अगर कोई कर्मचारी किसी दिन ऑफिस नहीं आ पा रहा है, तो उसे पहले से सूचना देना जरूरी है। किसी भी तरह की छुट्टी बिना बताए नहीं ली जा सकती। कर्मचारियों को अपने सीनियर अधिकारी को पहले से सूचित करना होगा और छुट्टी के लिए सही तरीके से आवेदन करना होगा। अगर कोई एमरजेंसी हो, तो भी कंपनी को जानकारी देना अनिवार्य है। इससे ऑफिस का कामकाज प्रभावित नहीं होगा और वैकल्पिक व्यवस्था पहले से की जा सकेगी।
हर विभाग प्रमुख को निगरानी की जिम्मेदारी
सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि हर सरकारी विभाग में जो भी अधिकारी प्रमुख हैं, उन्हें अपने स्टाफ की टाइमिंग और उपस्थिति की निगरानी करनी होगी। उन्हें यह देखना होगा कि उनके विभाग में सभी कर्मचारी समय पर आ रहे हैं या नहीं। अगर कोई लगातार लेट आता है या बिना बताए गैरहाज़िर रहता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। यह सिस्टम विभागों में जवाबदेही को बढ़ाएगा और ऑफिस का वातावरण बेहतर बनाएगा।
सरकारी दफ्तरों की काम करने की संस्कृति में बदलाव
सरकार अब चाहती है कि सरकारी दफ्तरों में भी प्राइवेट कंपनियों की तरह प्रोफेशनल माहौल हो। लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी और ढीले रवैये की आलोचना होती रही है। इन नए नियमों से सरकार उस सोच को बदलना चाहती है। कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति, कार्य के प्रति समर्पण और जवाबदेही से ऑफिस की छवि सुधरेगी। इससे जनता को भी समय पर और बेहतर सेवाएं मिलेंगी, जो कि किसी भी सरकारी सिस्टम का असली उद्देश्य होता है।
मोदी सरकार का साफ संदेश
सरकार का मानना है कि अब सरकारी कर्मचारियों की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मोदी सरकार चाहती है कि हर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाए और समय की कद्र करे। समय पर ऑफिस पहुंचना, अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करना और कार्यक्षमता बढ़ाना – यही अब हर सरकारी कर्मचारी से उम्मीद की जा रही है। यह बदलाव देश के विकास में अहम रोल निभाएगा क्योंकि मजबूत प्रशासन ही देश को आगे ले जाता है।
कर्मचारियों के जीवन पर असर
ये नए नियम कर्मचारियों की रोज़ की जिंदगी में बदलाव लाएंगे। उन्हें अब समय से उठना होगा और ट्रैफिक या किसी भी परेशानी को ध्यान में रखकर ऑफिस के लिए पहले से निकलना होगा। छुट्टी लेनी हो तो पहले से सूचना देना जरूरी होगा। शुरू में थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे यह एक आदत बन जाएगी। कर्मचारी खुद महसूस करेंगे कि समय पर ऑफिस पहुंचने से उनका काम आसान होता है और मानसिक शांति भी बनी रहती है।
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सरकारी कामकाज में अनुशासन की तरफ एक कदम
केंद्र सरकार द्वारा जारी ये नए निर्देश सरकारी ऑफिसों में अनुशासन और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम हैं। इससे ये संदेश जाता है कि सरकार अब अपने कर्मचारियों से पूरा समर्पण चाहती है। समय का पालन, जवाबदेही और बेहतर कार्य संस्कृति – यही अब आगे का रास्ता है। सभी कर्मचारियों को इन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि वे न सिर्फ एक अच्छे कर्मचारी बनें, बल्कि देश के विकास में भी भागीदार बन सकें।
यह लेख केवल जानकारी के लिए है। इसमें दिए गए नियम समय के साथ बदल सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी वेबसाइट या अधिकारी से संपर्क करें। लेखक इस जानकारी की सटीकता की पुष्टि नहीं करता, कृपया किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक सूचना या सलाह जरूर लें।