Salary Hike: केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कदम से देश के 36 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी सीधे लाभान्वित होंगे। आइए विस्तार से जानते हैं इस वेतन आयोग से जुड़ी हर जरूरी बात।
आठवें वेतन आयोग का गठन और सरकार की मंजूरी
केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है और उम्मीद है कि यह मई 2025 तक गठित हो जाएगा। हालांकि, अभी इसकी औपचारिक घोषणा और समिति के गठन की प्रक्रिया बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि वेतन आयोग पर जल्दी काम शुरू किया जाएगा। इस समिति से उम्मीद की जा रही है कि वह जनवरी 2026 तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी, ताकि वेतन वृद्धि उसी समय से लागू की जा सके। यह कदम सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि सातवां वेतन आयोग 2016 से लागू है और इसका कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त हो रहा है।
वेतन आयोग का ढांचा और संभावित सदस्य
पिछले वेतन आयोगों की तरह, आठवें वेतन आयोग का नेतृत्व आमतौर पर एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के जज या वरिष्ठ सरकारी अधिकारी करेंगे। आयोग में अर्थशास्त्री, पेंशन विशेषज्ञ, सरकारी खर्च के जानकार और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे। इस टीम का मुख्य काम कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन, महंगाई भत्ता (डीए) और फिटमेंट फैक्टर (salary fitment factor) पर सुझाव देना होगा। फिटमेंट फैक्टर वेतन बढ़ाने का वह अनुपात होता है जिसके आधार पर बेसिक सैलरी में वृद्धि की जाती है। इससे कर्मचारियों को उनकी मेहनत के अनुसार उचित वेतन और भत्ते मिलेंगे।
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सैलरी में संभावित बढ़ोतरी: 40-50% तक की उम्मीद
आठवें वेतन आयोग से उम्मीद की जा रही है कि कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 40% से 50% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। फिटमेंट फैक्टर इस बार 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹20,000 है, तो नई सैलरी ₹46,600 से ₹57,200 तक पहुंच सकती है। पिछले वेतन आयोगों ने भी लगातार सैलरी बढ़ोतरी की है। उदाहरण के लिए, पांचवें वेतन आयोग ने बेसिक सैलरी ₹2,750 से शुरू की थी, छठे में यह ₹7,000 और सातवें में ₹18,000 तक पहुंची। अब तक कुल 554% की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, कर्मचारी संगठनों की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाया जाए, जिससे वर्तमान ₹30,000 बेसिक सैलरी सीधे ₹1,10,400 तक जा सकती है, जो अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि होगी।
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आठवें वेतन आयोग की जरूरत और कर्मचारियों के लिए इसका महत्व
महंगाई की दर लगातार बढ़ रही है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी के खर्च भी बढ़ रहे हैं। इससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति यानी खरीदारी करने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में वेतन में समय-समय पर वृद्धि जरूरी हो जाती है ताकि कर्मचारी अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और आर्थिक रूप से मजबूत रह सकें। सातवां वेतन आयोग अब जनवरी 2026 में समाप्त हो रहा है, इसलिए नया वेतन आयोग समय पर गठित होना बेहद जरूरी है। आठवें वेतन आयोग से न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि उनके जीवन में स्थिरता और बेहतर सुविधाएं भी आएंगी। यह बदलाव सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण साबित होगा।
आठवें वेतन आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होगी। यह कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा और बेहतर जीवनशैली का जरिया बनेगा। सरकार की यह पहल उनकी मेहनत को सम्मान देने और आर्थिक मजबूती देने का महत्वपूर्ण कदम है