8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के बीच एक मुद्दा पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में है आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission)। सोशल मीडिया से लेकर यूनियनों की बैठक तक, हर जगह इसी पर बहस चल रही है कि कब लागू होगा और सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी। लेकिन अब जो बात एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट से सामने आई है, वो लाखों कर्मचारियों के लिए झटका बन सकती है।
लोगों को लग रहा था कि 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही उनकी सैलरी में 40 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। पर अब जानकार कह रहे हैं कि वास्तविक बढ़ोतरी इससे काफी कम हो सकती है। यानि जितनी उम्मीदें कर्मचारी पाले बैठे हैं, उतनी बड़ी राहत फिलहाल नजर नहीं आ रही।
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फिटमेंट फैक्टर पर टिके हैं सारे आंकड़े
8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, इसका आधार होगा फिटमेंट फैक्टर। अभी तक जो इनपुट सामने आए हैं, उसमें यह माना जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर को 3.00 से 3.68 के बीच रखने का सुझाव दिया गया है।
वर्तमान में 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसकी वजह से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में औसतन 14,000 से 18,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 3.00 रखा गया, तो यह बढ़ोतरी लगभग 18% से 25% के बीच होगी जो कि लोगों की उम्मीदों के 40%–50% बढ़ोतरी के मुकाबले बहुत कम है।
महंगाई के मुकाबले राहत कम होगी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ रही है, उस हिसाब से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लोगों को बहुत ज्यादा राहत नहीं दे पाएंगी। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, स्कूल फीस, हेल्थ इंश्योरेंस और बाकी जरूरतों की लागत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अगर सैलरी में 20-25% की बढ़ोतरी होती भी है, तो वह महंगाई के आगे कम लगने लगेगी।
वहीं कुछ अर्थशास्त्रियों का यह भी कहना है कि सरकार खुद भी इस बार ज्यादा बोझ नहीं लेना चाहती, इसलिए कम से कम दायरे में ही संशोधन होगा। ये भी कहा जा रहा है कि आने वाले बजट में इसका असर देखने को मिल सकता है।
रिटायर्ड पेंशनर्स को भी राहत सीमित
8वें वेतन आयोग का असर सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों पर नहीं, बल्कि रिटायर्ड पेंशनर्स पर भी पड़ता है। लेकिन इस बार संकेत यह दे रहे हैं कि पेंशन में भी उम्मीद से कम बढ़ोतरी हो सकती है।
पिछले कुछ वर्षों में कई पेंशनर संगठनों ने सरकार से मांग की थी कि पेंशन फॉर्मूले को और व्यवहारिक बनाया जाए। लेकिन अगर फिटमेंट फैक्टर सीमित दायरे में रहेगा, तो पेंशन में भी सिर्फ मामूली बढ़ोतरी ही संभव होगी। साथ ही यह भी आशंका जताई जा रही है कि सभी कैटेगरी को समान लाभ नहीं मिलेगा।
सरकारी बजट पर पड़ेगा भारी असर
अगर 8वां वेतन आयोग पूरी तरह से लागू होता है और उसमें सैलरी में बड़ा इजाफा किया जाता है, तो इसका सीधा असर सरकार के बजट पर पड़ेगा। इससे राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है और महंगाई को भी बल मिल सकता है।
इसलिए नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के अंदरूनी सूत्रों की मानें, तो सरकार इस बार बेहद सोच-समझकर बढ़ोतरी तय करेगी। पिछली बार की तुलना में अब टैक्स कलेक्शन और सरकारी खर्चों में संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में कर्मचारियों की भारी उम्मीदों पर थोड़ी चोट लग सकती है।
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कर्मचारी संगठनों की बढ़ती बेचैनी
सरकारी यूनियनों और कर्मचारी संगठनों में इस खबर के बाद हलचल तेज हो गई है। जहां पहले सभी लोग 8वें वेतन आयोग को लेकर उत्साहित थे, अब कई संगठन सैलरी बढ़ोतरी के आंकड़ों को लेकर नाखुश नजर आ रहे हैं।
कई संगठनों ने सरकार से बातचीत की मांग भी की है और यह साफ किया है कि अगर इस बार न्याय नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं। हालांकि सरकार की तरफ से कोई अंतिम घोषणा अब तक नहीं की गई है, लेकिन माहौल में चिंता साफ देखी जा सकती है।