indian currency Update : पिछले कुछ महीनों से बाजार में नकली नोटों की खबरें लगातार सामने आ रही थीं। खासकर ₹50 और ₹200 के नोट को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति थी कि कौन-सा नोट असली है और कौन-सा नकली। अब इस मामले पर खुद भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बड़ा अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है जो रोजाना नकद लेन-देन करते हैं – चाहे वह दुकान चलाते हों, बस या ट्रेन में टिकट काटते हों या फिर लोकल मार्केट में सब्जी बेचते हों।
RBI ने अपने बयान में साफ कहा है कि जनता को अब सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि नकली नोट बाजार में तेजी से फैल रहे हैं। खासतौर पर ₹50 और ₹200 के नोटों की कॉपी करना फ्रॉड गिरोहों के लिए आसान हो गया है क्योंकि लोग इन नोटों की पहचान करने में ज्यादा सावधानी नहीं बरतते। इसी के मद्देनजर RBI ने आम जनता को जागरूक करने के लिए नोट के असली और नकली होने की पहचान के तरीके बताए हैं और सभी बैंकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे भी ग्राहकों को सही जानकारी दें।
आरबीआई ने कैसे दी चेतावनी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में एक सार्वजनिक सूचना जारी की है जिसमें बताया गया है कि नकली नोटों की पहचान करना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। ₹50 और ₹200 के नोट ऐसे मूल्यवर्ग के नोट हैं जो रोजमर्रा की खरीदारी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं। यही वजह है कि इन नोटों की जाली प्रतियां बड़ी संख्या में बाजार में घुसपैठ कर रही हैं।
RBI के अनुसार, 2022-23 की वित्तीय रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि ₹200 के नकली नोटों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 11% बढ़ गई है। वहीं ₹50 के नकली नोटों में भी करीब 8% की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर RBI ने जनता को नोट की सुरक्षा विशेषताओं को पहचानने की सलाह दी है। इसमें बताया गया है कि हर नोट में एक वॉटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड, अशोक स्तंभ का प्रतीक, माइक्रो टेक्स्ट, और रंग बदलने वाली स्याही जैसी चीज़ें होती हैं, जिनसे असली और नकली नोटों में फर्क किया जा सकता है।
कैसे पहचाने असली ₹50 और ₹200 के नोट
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपके पास जो ₹50 या ₹200 का नोट है वह असली है या नकली, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखिए। ₹50 के नोट में आरबीआई का लोगो और गवर्नर का हस्ताक्षर साफ-साफ छपा होता है। अशोक स्तंभ का चिन्ह दाईं ओर होता है और नोट को हल्का मोड़ने पर रंग बदलने वाली स्याही में “50” लिखा दिखाई देता है।
₹200 के नोट की पहचान में थोड़ा और ध्यान देना होता है। इस नोट में सेंट्रल गवर्नर का हस्ताक्षर, वॉटरमार्क और नंबर पैनल दोनों ओर होता है। सबसे खास बात यह है कि इसके बाएं ओर एक सुरक्षा धागा होता है जो झुकाने पर हरे से नीले रंग में बदलता है। इसके अलावा गांधी जी की तस्वीर और अशोक स्तंभ के चिन्ह को उभार के रूप में महसूस किया जा सकता है।
RBI ने नागरिकों को सलाह दी है कि लेन-देन के समय जल्दीबाज़ी न करें, हर नोट को थोड़ा समय लेकर जांचें। खासकर बाजार, पेट्रोल पंप, लोकल ट्रेनों और ऑटो रिक्शा जैसे स्थानों पर जहां खुले पैसे जल्दी-जल्दी बदलते हैं, वहां सतर्कता बरतना जरूरी है।
नकली नोटों को लेकर कानून क्या कहता है
भारत में नकली नोटों को चलाना एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 489A से 489E के तहत नकली नोट छापने, रखने, और उन्हें चलाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर नकली नोटों का प्रयोग करता है या उन्हें आगे बढ़ाता है, तो उसे 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। यहां तक कि अगर कोई अनजाने में नकली नोट लेकर आता है लेकिन उसकी जानकारी नहीं देता, तो उसे भी संदेह की नजर से देखा जा सकता है। इसलिए अगर किसी को नकली नोट मिले, तो तुरंत बैंक या पुलिस को सूचित करना सबसे समझदारी भरा कदम होगा।
बैंकों और दुकानदारों के लिए सख्त निर्देश
RBI ने बैंकों को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ग्राहकों को नोट बदलते समय पूरी तरह जांच करके ही नए नोट दिए जाएं। बैंकों को सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों को नोट की पहचान और सत्यापन की ट्रेनिंग दें।
दूसरी ओर दुकानदारों और व्यापारियों के लिए भी यह समय है सचेत रहने का। अगर आप दुकान चलाते हैं और रोजाना सैकड़ों नोटों से लेन-देन करते हैं, तो एक फेक नोट डिटेक्शन मशीन लगाना अब जरूरत बन गई है। यह मशीनें बाजार में ₹1500 से ₹3000 की कीमत में उपलब्ध हैं और ये नकली नोटों की जांच कुछ सेकंड में कर सकती हैं।