Government Jobs

Government Jobs : सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी, फर्जी अधिकारी गिरफ्तार, युवाओं से वसूले लाखों

government jobs : आज के दौर में जब युवाओं का सपना होता है सरकारी नौकरी, तब कुछ लोग इस सपने का फायदा उठाकर उन्हें धोखा देने से नहीं चूकते। ताजा मामला दिल्ली से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने खुद को सरकार से जुड़ा अधिकारी बताकर कई बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का वादा किया और लाखों रुपये ऐंठ लिए। जब बात ज्यादा बढ़ गई और कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की, तो मामला उजागर हुआ और आरोपी आखिरकार गिरफ्त में आ गया।

इस घटना ने न सिर्फ युवाओं को चौंकाया बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे ठग आज के डिजिटल और कागजी युग में भी लोगों की भावनाओं से खेलते हैं।

 

कैसे रचा गया फर्जीवाड़े का पूरा खेल

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने खुद को एक केंद्रीय मंत्रालय का अधिकारी बताकर अलग-अलग राज्यों के युवाओं को संपर्क किया। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप और निजी संदर्भों के ज़रिए वह युवाओं तक पहुंचता था और कहता था कि उसके पास सरकारी विभागों में “अंदर से” नौकरी दिलवाने का ज़रिया है।

इसके लिए वह उम्मीदवारों से ₹1 लाख से लेकर ₹5 लाख तक की मांग करता था। आरोपी यह दावा करता था कि इंटरव्यू और टेस्ट सिर्फ दिखावा है, असली नियुक्ति उसकी “सिफारिश” से होगी। इस झांसे में आकर कई युवाओं ने अपनी मेहनत की कमाई उसे दे दी।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा आरोपी को

जैसे ही कुछ युवाओं को शक हुआ कि न तो कोई कॉल लेटर आ रहा है और न ही कोई भर्ती प्रक्रिया हो रही है, उन्होंने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत दर्ज करवाई।

 

पुलिस ने तकनीकी निगरानी शुरू की और मोबाइल लोकेशन, बैंक ट्रांजेक्शन और कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोपी को ट्रैक किया। आखिरकार एक ऑपरेशन के तहत आरोपी को एक गेस्ट हाउस से पकड़ा गया, जहां वह अगली “डील” की योजना बना रहा था। पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी नियुक्ति पत्र, नकद रकम, आधार कार्ड की कॉपी, और लैपटॉप जब्त किए हैं।

युवाओं को कैसे बरगलाया गया

जांच में सामने आया है कि आरोपी ने कुछ असली भर्तियों के पुराने विज्ञापनों और परीक्षा पैटर्न का सहारा लिया। वह उन विज्ञापनों की जानकारी जुटाकर यह जताता था कि वही भर्ती प्रक्रिया का इंचार्ज है।

कुछ मामलों में वह इंटरव्यू तक खुद करवाता था, ताकि उम्मीदवारों को लगे कि सब कुछ असली है। कई बार तो उसने ऑफिस जैसी जगह किराए पर लेकर “फर्जी चयन प्रक्रिया” भी करवाई। युवाओं को इस कदर मानसिक जाल में फँसाया गया कि वे यह सोच भी नहीं पाए कि उनके साथ धोखा हो रहा है।

 

पुलिस और प्रशासन की सख्ती

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और ठगी के इरादे से झूठ बोलना शामिल है।

इसके साथ ही पुलिस अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल है। माना जा रहा है कि आरोपी अकेला काम नहीं कर रहा था और उसके पीछे एक पूरा नेटवर्क है जो अलग-अलग राज्यों में फैला हुआ है।

पुलिस ने युवाओं से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या संदिग्ध संपर्क से नौकरी के नाम पर कोई लेन-देन न करें और हर नियुक्ति की पुष्टि सरकारी वेबसाइट या विभाग से खुद करें।

 

सामाजिक असर और जरूरी चेतावनी

इस तरह की घटनाएं न सिर्फ पीड़ितों को आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि उनके मन में सरकारी नौकरी की पूरी प्रक्रिया को लेकर शक पैदा कर देती हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि अभ्यर्थी सही जानकारी रखें और किसी भी ऑफर को आंख बंद कर स्वीकार न करें।

सरकार भी लगातार इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर चला रही है, जहां आप किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट कर सकते हैं।

जिन युवाओं का सपना है सरकारी नौकरी, उन्हें चाहिए कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों से ही आवेदन करें, परीक्षा की तैयारी करें और किसी शॉर्टकट के झांसे में न आएं।

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