8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की नजरें कई महीनों से 8वें वेतन आयोग पर टिकी थीं। उम्मीद थी कि 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू होगा और एक बार फिर सैलरी में बड़ा उछाल आएगा। लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही है, उसने 1.2 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों को झटका दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू करने की योजना पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसकी पुष्टि किसी आधिकारिक अधिसूचना में नहीं हुई है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे स्पष्ट है कि अब यह योजना जल्द लागू होती नहीं दिख रही।
सरकार का रुख और संकेत
8वें वेतन आयोग को लेकर लंबे समय से अटकलें लग रही थीं। पहले ऐसा माना जा रहा था कि सरकार इसकी घोषणा 2024 या 2025 के किसी समय कर देगी ताकि जनवरी 2026 से यह लागू किया जा सके। लेकिन अब सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि केंद्र इस योजना को फिलहाल टालने के मूड में है।
इसका कारण है वित्तीय दबाव और मौजूदा खर्चों का बढ़ता बोझ। केंद्र सरकार के बजट में पहले से ही सब्सिडी, योजनाओं और बुनियादी ढांचे पर बड़ा खर्च हो रहा है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग के तहत नई सैलरी लागू करना आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
फिटमेंट फैक्टर में भी कोई बदलाव नहीं
कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 या उससे ऊपर किया जाएगा, जिससे सैलरी में लगभग 30% तक का इजाफा हो सके। लेकिन अब इस पर भी विराम लगता नजर आ रहा है।
फिटमेंट फैक्टर वो गणना है जिसके जरिए मूल वेतन में वृद्धि की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। नए वेतन आयोग में इसे लेकर बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन सरकार का मौजूदा रुख देख कर लगता है कि अब इसमें बदलाव की संभावना बहुत कम है।
पेंशनर्स और कर्मचारियों में नाराजगी
इस खबर के बाद पेंशनर्स और कर्मचारियों के बीच मायूसी और नाराजगी का माहौल है। कई कर्मचारियों का कहना है कि लगातार बढ़ती महंगाई के बीच सरकार को कर्मचारियों की सैलरी सुधारने की जरूरत थी।
सरकारी कर्मचारी यूनियन ने भी इस खबर पर नाराजगी जताई है और केंद्र सरकार से दोबारा विचार करने की मांग की है। यूनियन नेताओं का कहना है कि कर्मचारियों की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और उन्हें उचित वेतन वृद्धि से वंचित किया जा रहा है।
अब DA में बढ़ोतरी ही एकमात्र सहारा
जैसे-जैसे 8वें वेतन आयोग को लेकर निराशा बढ़ रही है, अब कर्मचारियों के लिए केवल महंगाई भत्ता (DA) ही राहत का साधन बचा है। हर छह महीने में DA बढ़ता है, जो महंगाई के अनुसार निर्धारित होता है।
लेकिन DA में भले ही बढ़ोतरी हो जाए, वह मूल वेतन में बड़ा बदलाव नहीं ला पाता। इसलिए कर्मचारी वर्ग की मांग यही रही है कि अब नए वेतन आयोग की जरूरत है ताकि उनकी बेसिक सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सके।
विकल्प के तौर पर नई वेतन समीक्षा प्रणाली की तैयारी
सूत्रों की मानें तो सरकार 8वें वेतन आयोग की जगह किसी नई वेतन समीक्षा प्रणाली पर विचार कर रही है, जिसमें हर कुछ सालों में स्वचालित वेतन संशोधन हो सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के लिए 10 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि इस पर अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन इसके संकेत कई वरिष्ठ अधिकारियों के बयानों में मिल चुके हैं। अगर यह प्रणाली लागू होती है तो भविष्य में वेतन आयोग की जरूरत ही खत्म हो सकती है।
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