8th Pay Commission: सरकारी नौकरी करने वालों के लिए 8वां वेतन आयोग अब केवल अफवाह नहीं, बल्कि सच्चाई की ओर बढ़ता कदम बनता जा रहा है। करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की नजर इस पर टिकी है कि आखिर 8वां वेतन आयोग कब आएगा, और क्या इसमें कुछ ऐसा होगा जो पहले कभी नहीं हुआ। अब जो जानकारी सामने आ रही है, वो वाकई में चौंकाने वाली है। सरकार इस बार कर्मचारियों की सैलरी उनके काम के प्रदर्शन यानी परफॉर्मेंस के आधार पर तय करने पर विचार कर रही है।
यानि अब सिर्फ सीनियरिटी ही नहीं, बल्कि आपके काम की गुणवत्ता और समय पर काम करने की क्षमता पर भी वेतन बढ़ाने का फार्मूला बनेगा। इससे एक तरफ मेहनती कर्मचारियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं आलसी और लापरवाह रवैये वालों के लिए ये बड़ा संकेत होगा।
कामकाज के आकलन पर आधारित वेतन वृद्धि की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक 8वें वेतन आयोग में परफॉर्मेंस बेस्ड इनक्रिमेंट की व्यवस्था लागू की जा सकती है। सरकार चाहती है कि कर्मचारियों को सिर्फ साल दर साल सेवा देने के लिए नहीं, बल्कि बेहतर नतीजे देने के लिए प्रोत्साहन मिले। इसलिए अब काम के स्तर पर मूल्यांकन के आधार पर वेतन में बढ़ोत्तरी तय हो सकती है।
इस मॉडल में कर्मचारियों के काम की समीक्षा सालाना आधार पर होगी और उसी के अनुसार सैलरी में वृद्धि तय की जाएगी। जो कर्मचारी समय पर काम पूरा करते हैं, जनता से अच्छे व्यवहार में रहते हैं और विभागीय टारगेट्स को पूरा करते हैं, उन्हें ज़्यादा वेतन वृद्धि मिलेगी।
फिटमेंट फैक्टर में भी बदलाव की संभावना
फिटमेंट फैक्टर वह आधार है, जिससे वेतन तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जबकि 8वें में इसके बढ़कर 3.68 तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका सीधा मतलब है कि मौजूदा सैलरी पर करीब 30% तक बढ़ोतरी संभव है।
लेकिन अब इस बढ़ोतरी को भी परफॉर्मेंस से जोड़ा जा सकता है। यानी जो कर्मचारी बेहतर प्रदर्शन करेगा, उसे पूरा लाभ मिलेगा, बाकी को आंशिक लाभ भी दिया जा सकता है। इससे वेतन प्रणाली में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ेगी।
न्यूनतम और अधिकतम वेतन में अंतर होगा कम
एक और बड़ी खबर ये भी है कि इस बार न्यूनतम और अधिकतम वेतन के बीच जो बड़ा अंतर है, उसे कम किया जाएगा। यानी निचले स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को पहले से ज़्यादा राहत मिलेगी।
लेवल-1 कर्मचारियों की सैलरी में ₹8,000 से ₹10,000 तक की बढ़ोतरी की संभावना है, वहीं टॉप लेवल अधिकारियों की सैलरी में बढ़ोतरी सीमित रखी जा सकती है। इसका मकसद वेतन असमानता को कम करना और ग्राउंड लेवल के कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाना है।
पेंशनधारकों को भी मिलेगा बड़ा फायदा
सिर्फ काम करने वाले कर्मचारी ही नहीं, बल्कि पेंशनर्स को भी इस आयोग से फायदा मिलेगा। उनकी पेंशन भी उसी अनुपात में बढ़ाई जाएगी जैसे वेतन बढ़ेगा।
इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि 8वें वेतन आयोग में पेंशन को भी परफॉर्मेंस से जोड़ने की बात की गई है। इसका मतलब ये हो सकता है कि रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 5 साल के औसत प्रदर्शन के आधार पर पेंशन तय हो। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
फैसले का असर और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
जैसे ही यह जानकारी सामने आई कि वेतन अब परफॉर्मेंस के आधार पर तय किया जाएगा, कर्मचारियों में मिला-जुला रुख देखने को मिला है। कुछ कर्मचारी इससे खुश हैं, उन्हें लग रहा है कि मेहनत का सही मूल्य मिलेगा। वहीं कुछ का मानना है कि सरकारी नौकरी का असली आकर्षण ही सुरक्षा और स्थायित्व है। अगर वो भी निजी कंपनियों की तरह बन गया तो दवाब बढ़ेगा।
लेकिन यह भी सच है कि समय के साथ सुधार जरूरी होता है। परफॉर्मेंस आधारित वेतन प्रणाली से काम की गुणवत्ता में सुधार होगा और विभागीय जवाबदेही भी बढ़ेगी।