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Toll Tax: टोल प्लाजा पर 10 सेकेंड से ज्यादा देरी पर टोल टैक्स देना होता है या नहीं, NHAI ने बताए नियम

Toll Tax: जब आप हाईवे पर सफर करते हैं और किसी टोल प्लाज़ा पर रुकते हैं, तो सबसे ज़्यादा चिढ़ उस समय होती है जब लंबी लाइन में इंतज़ार करना पड़े। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि अगर टोल प्लाज़ा पर 10 सेकेंड से ज़्यादा देरी होती है, तो आपको टोल टैक्स नहीं देना होगा, तो क्या आपको यकीन होगा? मगर यह कोई अफवाह नहीं, बल्कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा निर्धारित नियमों के तहत आने वाला प्रावधान है। आइए जानते हैं इस नियम की पूरी जानकारी और इससे जुड़ी ज़रूरी बातें।

NHAI का 10 सेकेंड नियम क्या है

NHAI ने टोल प्लाज़ा पर ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक मानक निर्धारित किया है, जिसके अनुसार वाहन चालकों को 10 सेकेंड से अधिक टोल भुगतान की प्रक्रिया में नहीं रुकना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो यह टोल प्लाज़ा की व्यवस्था में कमी मानी जाती है। इसका उद्देश्य है कि यात्रियों को तेज़ी से सेवा मिले और जाम जैसी स्थिति पैदा न हो।

यह नियम पूरे देश के टोल प्लाज़ा पर लागू है, जहां इलेक्ट्रॉनिक फास्टैग सिस्टम को प्राथमिकता दी गई है। इस सिस्टम की मदद से वाहन बिना ज़्यादा रुके अपना टोल चुका सकते हैं। अगर टोल प्लाज़ा इस निर्धारित सीमा का पालन नहीं करता और वाहन 10 सेकेंड से ज़्यादा रुके रहते हैं, तो NHAI द्वारा उस स्थिति में वाहन चालक को टोल टैक्स माफ करने का प्रावधान रखा गया है।

 

कैसे मिलता है टोल टैक्स से छूट का लाभ

अगर किसी टोल प्लाज़ा पर गाड़ी 10 सेकेंड से ज़्यादा रुकती है, तो नियम के अनुसार संबंधित वाहन चालक को उस ट्रांज़ैक्शन के लिए छूट मिलनी चाहिए। हालांकि इसके लिए किसी को खुद से पहल करनी पड़ सकती है, क्योंकि टोल कर्मचारी हर बार स्वतः इसे लागू नहीं करते।

इस स्थिति में वाहन चालक के पास यह अधिकार है कि वह टोल रसीद की मांग करे और देरी का उल्लेख करने के लिए टोल कैमरे की फुटेज की मांग करे। अगर कैमरा फुटेज में देरी सिद्ध होती है, तो NHAI की ओर से टोल माफ किया जा सकता है। इसके लिए NHAI के हेल्पलाइन या पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

फास्टैग सिस्टम और इसकी भूमिका

फास्टैग प्रणाली को लागू करने का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि टोल प्लाज़ा पर समय की बर्बादी न हो। यह सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है, जिससे वाहन बिना रुके टोल गेट पार कर सकते हैं। फास्टैग से टोल की राशि ऑटोमैटिक आपके लिंक किए गए बैंक खाते से कट जाती है।

इस व्यवस्था से यह संभव हुआ है कि टोल प्लाज़ा पर लाइनें छोटी हो गई हैं, और औसतन 10 सेकेंड से कम समय में टोल भुगतान हो जाता है। हालांकि कई बार तकनीकी खराबी, सर्वर स्लो होने या अन्य वजहों से ट्रैफिक बढ़ जाता है और 10 सेकेंड से ज़्यादा समय लग जाता है। ऐसी स्थिति में ही यह नियम कारगर होता है।

 

वाहन चालकों को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

इस नियम का लाभ उठाने के लिए वाहन चालकों को सतर्क रहना ज़रूरी है। सबसे पहले, उन्हें अपने वाहन में सक्रिय फास्टैग होना चाहिए। दूसरा, यदि कहीं भी उन्हें लगे कि देरी हुई है, तो उसका रिकॉर्ड रखें। यदि संभव हो तो समय का वीडियो बनाना भी मददगार साबित हो सकता है।

कई बार टोल कर्मी वाहन चालकों को भ्रमित कर सकते हैं, ऐसे में यह ज़रूरी है कि आप अधिकारों की जानकारी रखें। अगर नियमों का उल्लंघन हो रहा है, तो आप NHAI की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए शिकायत कर सकते हैं। ऐसे मामलों में कई बार टोल रिफंड भी हुआ है।

NHAI का 10 सेकेंड नियम यात्री सुविधा के लिए लाया गया है, जिसका मकसद टोल प्लाज़ा पर लगने वाली भीड़ को कम करना है। यह नियम यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करता है और टोल प्रबंधन को जवाबदेह बनाता है। ऐसे में वाहन चालकों को इस नियम की जानकारी होना बेहद ज़रूरी है, ताकि वे अपना समय और पैसा दोनों बचा सकें।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और NHAI की गाइडलाइनों पर आधारित है। किसी भी विवाद की स्थिति में संबंधित विभाग से संपर्क करें।

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