Gold Rate: बीते कुछ महीनों से सोने की कीमतों में जिस तरह से उछाल देखने को मिला है, उसने निवेशकों से लेकर आम गृहिणियों तक को चौंका दिया है। 24 कैरेट सोना अब ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच चुका है, जो अब तक का ऐतिहासिक स्तर है। यह स्थिति न केवल बाजार की चाल को दिखाती है, बल्कि आने वाले समय में महंगाई, वैश्विक संकट और निवेश के बदलते ट्रेंड की ओर भी इशारा करती है। खास बात यह है कि यह तेजी सिर्फ अस्थाई नहीं दिखती, बल्कि जानकारों के अनुसार आने वाले 12 महीनों में सोने की कीमतों में और उछाल देखा जा सकता है।
सोने की कीमतों में लगातार इज़ाफा
देश भर में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, रांची और अन्य प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,00,000 के आंकड़े को छू चुकी है। इसके पीछे कई आर्थिक और वैश्विक कारण माने जा रहे हैं, जिनमें डॉलर की कमजोरी, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनिश्चितता और क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव प्रमुख हैं।
मौजूदा समय में भारत में सोने को निवेश और पारंपरिक धरोहर दोनों रूपों में देखा जाता है। ऐसे में जब भी बाजार में कोई अस्थिरता आती है, लोग सोने की ओर रुख करते हैं। यही वजह है कि डिमांड के बढ़ते दबाव और सीमित सप्लाई के चलते सोने के दामों में तेजी बनी रहती है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की भूमिका अहम
सोने की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार का सीधा असर देखने को मिलता है। हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को लेकर जो नीतियाँ अपनाई हैं, उन्होंने डॉलर को कमजोर किया है। जब डॉलर कमजोर होता है, तब सोने में निवेश का रुझान बढ़ता है, जिससे कीमतें चढ़ती हैं।
इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव की वजह से भी वैश्विक निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। भारत में भी यही ट्रेंड देखने को मिल रहा है, और यही कारण है कि कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
अगले 12 महीनों में क्या रहेगा ट्रेंड
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की यह तेजी निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2026 की शुरुआत तक 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,10,000 से ₹1,15,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है। इसका मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और घरेलू मांग में बढ़ोतरी है।
वहीं दूसरी ओर, अगर वैश्विक स्तर पर राजनीतिक या आर्थिक स्थिरता आती है, तो सोने की कीमतों में कुछ गिरावट भी देखने को मिल सकती है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए यह संभावना फिलहाल कम ही दिखाई देती है।
स्थानीय बाज़ारों पर इसका असर
राज्य स्तर पर देखें तो राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में स्थानीय मांग और पारंपरिक अवसरों के चलते सोने की खरीदारी में तेज़ी आई है। त्योहारी सीजन और शादियों के मौसम में सोने की डिमांड और भी अधिक बढ़ जाती है, जिससे कीमतें और ऊपर जाती हैं।
छोटे शहरों और गांवों में भी लोग अब सोने को निवेश के बेहतर विकल्प के रूप में देखने लगे हैं। यही कारण है कि अब केवल बड़े शहर ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र भी सोने की बढ़ती कीमतों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह समय सोच-समझकर निर्णय लेने का है। विशेषज्ञ डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसी योजनाओं में निवेश को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं क्योंकि इसमें शुद्धता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित रहती है।
भविष्य को देखते हुए लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सोना एक भरोसेमंद विकल्प बना रह सकता है। लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि बाजार की स्थितियों पर नजर रखी जाए और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों से सलाह ली जाए।
सोने की कीमतों में जो तेज़ी देखने को मिल रही है, वह न सिर्फ बाजार की चाल को दर्शाती है, बल्कि यह आने वाले समय के लिए संकेत भी देती है। ₹1 लाख के आंकड़े को पार करना एक बड़ा पड़ाव है और इसके बाद की चाल को समझना हर निवेशक और आम व्यक्ति के लिए ज़रूरी है। ऐसे में जागरूकता और सही जानकारी ही सही निर्णय में मदद कर सकती है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। कीमतों में उतार-चढ़ाव बाज़ार की स्थिति पर निर्भर करता है।