india crime news

ओडिशा में 8 महिलाओं ने 60 साल के आरोपी की हत्या कर जलाई लाश, वर्षों के दर्द का लिया बदला: India Crime News

India Crime News: ओडिशा के क्योंझर जिले से एक चौंकाने वाली और भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा है। यह कहानी सिर्फ एक अपराध की नहीं है, बल्कि उस लंबे संघर्ष और पीड़ा की है जो आठ महिलाओं ने वर्षों तक झेली। गांव में एक 60 वर्षीय व्यक्ति पर यौन शोषण के कई आरोप लगे थे, और इन महिलाओं का दावा है कि वे सभी उसकी दरिंदगी की शिकार थीं। उन्होंने कानून से कई बार मदद मांगी, लेकिन जब उन्हें न्याय नहीं मिला तो उन्होंने खुद ही फैसला ले लिया और वही फैसला बन गया एक खौफनाक लेकिन सच्चाई से भरा अंत।

घटना का पूरा घटनाक्रम और पुष्टि

यह मामला 4 जून 2025 को क्योंझर जिले के एक सुदूर गांव से सामने आया, जब गांव के पास एक 60 वर्षीय व्यक्ति की जली हुई लाश मिली। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मृतक पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी व्यक्ति गांव की गरीब और आदिवासी महिलाओं को वर्षों से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता रहा था।

इन महिलाओं ने पुलिस को बताया कि उन्होंने पहले भी शिकायतें की थीं लेकिन आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे हताश होकर उन्होंने आरोपी को सबक सिखाने का फैसला लिया। उन्होंने मिलकर आरोपी की हत्या की और फिर उसके शव को जला दिया। यह बयान पुलिस द्वारा मीडिया में पुष्टि किया गया है और FIR में इन महिलाओं के आत्मसमर्पण की बात दर्ज की गई है।

ग्रामीणों का समर्थन और सामाजिक पृष्ठभूमि

यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत बदले की नहीं, बल्कि उस सामाजिक पीड़ा की अभिव्यक्ति है जिसे वर्षों तक अनसुना किया गया। गांव के कई लोगों का कहना है कि आरोपी व्यक्ति लंबे समय से महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करता रहा है। लेकिन उसकी उम्र, राजनीतिक पहुंच और कुछ प्रभावशाली लोगों से संबंध होने के कारण कोई उसके खिलाफ खुलकर नहीं बोलता था।

जब इन आठ महिलाओं ने अपनी पीड़ा साझा की और एकजुट होकर आवाज उठाई, तो गांव के कई लोगों ने भीतर ही भीतर उन्हें समर्थन दिया। उनके अनुसार यह “सामूहिक आक्रोश” था, जो एक दिन फूट पड़ा। यह भी सामने आया कि महिलाओं ने आरोपी के घर पर पहुंचकर उसे जंगल की ओर ले जाया, वहीं उसकी हत्या कर दी गई और पास में ही शव को आग के हवाले कर दिया।

कानूनी प्रक्रिया और पुलिस की भूमिका

पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 महिलाओं को हिरासत में लिया है और हत्या, साजिश और शव को जलाने के आरोपों में केस दर्ज किया गया है। हालांकि पुलिस ने यह भी माना कि गांव में आरोपी के खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थीं, लेकिन सबूतों के अभाव में कार्रवाई नहीं हो पाई। अब पुलिस जांच कर रही है कि किन हालात में यह हिंसक कदम उठाया गया और क्या महिलाएं वास्तव में मजबूर थीं।

यह मामला न्याय प्रणाली की उस कमजोरी को उजागर करता है जहां पीड़ित को बार-बार दरकिनार कर दिया जाता है। अगर समय पर कानून ने कदम उठाया होता तो शायद यह भीषण घटना टाली जा सकती थी। पुलिस का कहना है कि सभी तथ्यों की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी और महिलाओं को उचित न्याय मिलने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।

मामले की संवेदनशीलता और समाज में असर

यह घटना समाज में कई बड़े सवाल खड़े करती है क्या जब न्याय न मिले तो लोग खुद कानून हाथ में लें? क्या सिस्टम की निष्क्रियता ऐसे कड़े फैसलों को जन्म देती है? यह मामला न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश के लिए एक आईना है। सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर ज़बरदस्त बहस चल रही है। कुछ लोग इसे न्याय की जीत मानते हैं, तो कुछ इसे एक दुखद अंत बता रहे हैं।

इस घटना ने यह दिखा दिया कि पीड़ा जब सहने की हद पार कर जाती है, तो वह उग्र रूप ले लेती है। इसीलिए ज़रूरी है कि समाज और सिस्टम समय रहते संवेदनशीलता दिखाएं और पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाएं।

Disclaimer: यह लेख सत्यापित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इस घटना की जांच अभी चल रही है, अतः अंतिम निष्कर्ष आने तक सभी तथ्यों की पुष्टि के लिए पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया का इंतज़ार करें। किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले अधिकारिक स्रोतों को प्राथमिकता दें।

Scroll to Top