Income Tax: इनकम टैक्स वालों की नजर अब सिर्फ अमीरों तक सीमित नहीं रही। अब अगर आपने बैंक में कुछ खास तरह के ट्रांजेक्शन किए, तो फौरन अलर्ट भेजा जा सकता है। सोचिए, आप अपने हिसाब से कोई खर्च कर रहे हैं या पैसा जमा कर रहे हैं और अचानक इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आ जाए! ये सब आजकल आम हो गया है।
असल में बात ये है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब हर बड़ी और संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर नजर रखता है। खासकर कुछ तय लिमिट से ऊपर जाते ही उनका सिस्टम अलर्ट हो जाता है। इसलिए अगर आप भी इन ट्रांजेक्शन को हल्के में ले रहे हैं, तो थोड़ा संभल जाना बेहतर रहेगा।
बैंक में ज्यादा कैश जमा किया तो हो सकता है मामला गरम
अगर आपने अपने सेविंग्स अकाउंट में साल भर में ₹10 लाख या उससे ज्यादा कैश जमा किया है, तो इनकम टैक्स की नजर आप पर पड़ सकती है। ये ट्रांजेक्शन सीधे उनके रडार में जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इतना कैश कहां से आया।
बहुत बार लोग शादी, जमीन बेचने या किसी बिज़नेस से मिले पैसे बैंक में जमा कर देते हैं, लेकिन अगर इन पैसों का सोर्स नहीं बताया या रिटर्न में नहीं दिखाया तो फौरन नोटिस आ सकता है। इसलिए अगर बड़ी रकम जमा कर रहे हैं तो उसके पेपर्स और रिटर्न में सही एंट्री ज़रूर करें।
क्रेडिट कार्ड का ज़्यादा इस्तेमाल भी बना सकता है परेशानी
आजकल हर किसी के पास क्रेडिट कार्ड होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप बेतहाशा खर्च करते जाएं। अगर आप एक साल में ₹10 लाख या उससे ज्यादा क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शक हो सकता है।
यह तब और पक्का हो जाता है जब आपकी इनकम कम दिख रही होती है लेकिन खर्चे ज्यादा हो जाते हैं। ऐसे में डिपार्टमेंट को लगता है कि आप कुछ इनकम छुपा रहे हैं। इसलिए अगर कार्ड से ज्यादा खर्च करते हैं तो उस हिसाब से अपनी इनकम का हिसाब-किताब भी क्लियर रखें।
प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में भी नज़र रहती है तेज
अगर आपने किसी प्रॉपर्टी की डील की है और उसका वैल्यू ₹30 लाख या उससे ज्यादा है, तो उसकी जानकारी अपने आप इनकम टैक्स विभाग के पास चली जाती है। रजिस्ट्री ऑफिस से ये डेटा डायरेक्ट भेजा जाता है।
बहुत बार लोग कैश में कुछ पेमेंट करके दिखाते हैं कि डील छोटी है, लेकिन डिपार्टमेंट को सारा डिटेल मिल जाता है। अगर कुछ भी गड़बड़ मिला तो नोटिस आने में वक्त नहीं लगता। इसलिए अगर कोई प्रॉपर्टी खरीद-बेच रहे हैं तो सही रजिस्ट्रेशन और पेमेंट के पेपर जरूर रखें।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और अन्य निवेश भी जांच के दायरे में
अगर आपने बैंक में ₹10 लाख या उससे ज्यादा की FD की है तो वो भी इनकम टैक्स की नजर में होती है। वैसे FD करना गलत नहीं है, लेकिन अगर आपने ये बिना इनकम दिखाए की है तो मामला फंस सकता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ये देखना होता है कि आपने जो इन्वेस्ट किया है वो आपकी कमाई से मेल खाता है या नहीं। अगर आप नौकरी कर रहे हैं और आपकी सैलरी से मेल नहीं खा रही FD की रकम, तो डिपार्टमेंट सवाल जरूर पूछेगा।
साफ-सुथरी फाइलिंग ही बचाव है
देखिए, टैक्स का डर तब लगता है जब चीजें साफ़ नहीं होतीं। अगर आपने सही तरीके से इनकम दिखाई है, सही रिटर्न फाइल किया है और हर ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड है, तो डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर कुछ भी छुपा रखा है, तो अब सिस्टम इतना तेज है कि पकड़ने में वक्त नहीं लगेगा।
इनकम टैक्स विभाग अब डिजिटल और स्मार्ट हो चुका है। गलती से भी अगर कोई बड़ी ट्रांजेक्शन बिना हिसाब के कर दी, तो सीधा नोटिस घर आ सकता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि अपने पैसों का रिकॉर्ड साफ़ रखें और टैक्स रिटर्न समय पर भरें।