Bank Loan: बात एकदम सीधी है, आजकल बैंक से लोन लेना पहले जैसा आसान नहीं रहा। अब सिर्फ अच्छा सिबिल स्कोर या ज़रूरत नहीं, बैंक ये भी देखता है कि आप रोज़मर्रा के पैसों से जुड़े फैसले कैसे लेते हैं। EMI टाइम पर दी या नहीं, क्रेडिट कार्ड से कैसे खर्च किया, सबका हिसाब रखा जाता है। कई लोग अनजाने में कुछ ऐसी गलती कर देते हैं, जो बाद में बड़ी मुसीबत बन जाती है। और जब सच में लोन की ज़रूरत पड़ती है, तो बैंक हाथ खड़े कर देता है।
EMI में देरी – लोन के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट
अब मान लीजिए आपने हर महीने EMI देने का वादा किया है, लेकिन महीने के बीच में पैसे खत्म हो गए और पेमेंट टल गया। कई लोग सोचते हैं कि एक महीने लेट हो गया तो क्या फर्क पड़ता है। लेकिन बैंक इसे सीधा आपकी कमज़ोर फाइनेंशियल आदतों से जोड़ता है।
हर बार लेट होने से आपका सिबिल स्कोर धीरे-धीरे गिरता है और जब आप नया लोन लेने जाते हैं तो बैंक आपसे दूरी बना लेता है। खासकर पर्सनल लोन, होम लोन या कार लोन में यह देरी आपके लिए बड़ा झटका बन सकती है। EMI हमेशा ऑटो डेबिट से टाइम पर कटे, इसका ध्यान ज़रूर रखें।
क्रेडिट कार्ड को उधारी की दुकान मत समझिए
क्रेडिट कार्ड एक ज़रूरी चीज़ है लेकिन ये उधार की चिट्ठी नहीं है। कई बार देखा गया है कि लोग मिनिमम पेमेंट कर के बाकी रकम टालते रहते हैं। वो सोचते हैं कि बाद में देखेंगे। मगर बैंक ये सब देख रहा होता है।
अगर आपने कार्ड की लिमिट पूरी भर ली है या लगातार सिर्फ मिनिमम पेमेंट कर रहे हैं, तो बैंक मान लेता है कि आप कर्ज में डूबे हुए हैं। इससे आपकी क्रेडिट वर्थिनेस पर सवाल खड़े हो जाते हैं। और अगली बार जब आप किसी लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो रिजेक्ट होने के पूरे चांस रहते हैं।
एक से ज्यादा लोन या कार्ड लेना बिना ज़रूरत – बहुत बड़ी चूक
कुछ लोग तो बस ऑफर देखकर कार्ड बनवा लेते हैं या लोन ले लेते हैं। चाहे ज़रूरत हो या नहीं। उन्हें लगता है जितने ज्यादा कार्ड, उतनी ज्यादा सुविधा। मगर असल में इससे आपकी प्रोफाइल कमजोर पड़ती है।
जब बैंक देखता है कि आपके ऊपर पहले से कई तरह के लोन या कार्ड हैं, तो उन्हें डर लगता है कि कहीं आप ज्यादा बर्डन में न आ जाएं। इससे आपका अगला लोन मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। तो बेहतर है कि आप जरूरत के हिसाब से ही फाइनेंशियल प्रोडक्ट लें, वरना फायदे से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इन आदतों को बदलिए, तभी बनेगी सॉलिड क्रेडिट हिस्ट्री
अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में जब ज़रूरत हो, तो बैंक बिना हिचक लोन दे, तो आज से ही अपनी क्रेडिट आदतों को सुधारिए। EMI टाइम से दीजिए, क्रेडिट कार्ड लिमिट का 30-40% से ज्यादा इस्तेमाल मत कीजिए और बेवजह नए कार्ड्स या लोन के लिए अप्लाई मत कीजिए।
इन छोटी-छोटी बातों का असर बहुत गहरा होता है। बैंक यही देखता है कि आप पैसों को कितनी समझदारी से मैनेज करते हैं। एक सधी हुई फाइनेंशियल आदत से ही आपको अच्छे ऑफर्स, कम ब्याज दर और तुरंत अप्रूवल जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
आपका पैसों से रिश्ता जैसा है, वैसा ही बैंक का रिश्ता होगा आपसे
लोन कोई मोल-भाव की चीज़ नहीं होती। बैंक आपकी पूरी प्रोफाइल देखता है। कमाई, खर्च, बचत, उधार चुकाने का तरीका, सब कुछ। अगर आपने दिखा दिया कि आप जिम्मेदार हैं, तो बैंक भी बिना झिझक आपको सपोर्ट करेगा।
लेकिन एक भी लापरवाही से सारा खेल बिगड़ सकता है। तो आज ही अपने खर्चों और क्रेडिट को ठीक से समझिए। आगे चलकर यही आदतें आपके बड़े सपनों को पूरा करने में मदद करेंगी, चाहे वो घर खरीदना हो या बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना।