Income Tax: देश में ज़्यादातर लोग जब इन्कम टैक्स का नाम सुनते हैं तो माथे पर सीधी लकीरें पड़ जाती हैं। ITR की आखिरी तारीख नज़दीक हो तो लोग जैसे बेचैन हो जाते हैं CA को फोन, फॉर्म भरवाने की भागदौड़ और हर पेपर की छानबीन। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे ही देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें करोड़ों रुपये कमाने के बावजूद एक भी रुपया टैक्स नहीं देना होता। जी हां, ये बात सौ फीसदी सच है और खुद सरकार ने इन्हें ये छूट दी है। अब सवाल उठता है, कौन हैं ये लोग और किस आधार पर उन्हें टैक्स से फ्री रखा गया है?
भारत में किन्हें नहीं देना होता इनकम टैक्स
भारत सरकार कुछ खास व्यक्तियों और वर्गों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट देती है। ये वो लोग होते हैं जिनकी जिम्मेदारियां आम लोगों से बिल्कुल अलग होती हैं। जैसे हमारे देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और विदेशी राजदूत इन पदों पर बैठे लोगों की तनख्वाह और भत्ते पूरी तरह टैक्स फ्री होते हैं। इन पर भारत का इनकम टैक्स कानून लागू ही नहीं होता, चाहे उनकी आय कितनी भी हो।
इनके अलावा, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो विदेशी सरकार के अधीन भारत में काम कर रहे होते हैं। जैसे यूनाइटेड नेशंस या दूतावासों के कर्मचारी। इनकी सैलरी भले करोड़ों में हो, लेकिन भारत सरकार उन्हें इनकम टैक्स से पूरी छूट देती है, क्योंकि ये इंटरनेशनल नियमों के दायरे में आते हैं। ऐसे मामलों में टैक्स उनके देश के नियमों के हिसाब से लगता है, भारत में नहीं।
सेना और शहीदों के परिवार को भी राहत
सेना के जवानों को लेकर भी सरकार ने कुछ खास छूटें दी हैं। अगर कोई सैनिक ड्यूटी के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिवार को मिलने वाला मुआवज़ा पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। इसके अलावा, गैलेंट्री अवॉर्ड्स पाने वाले सैनिकों को भी टैक्स से छूट मिलती है – जैसे परमवीर चक्र, महावीर चक्र या अशोक चक्र पाने वालों की पूरी सैलरी टैक्स फ्री होती है।
ऐसी छूटें इसीलिए दी जाती हैं क्योंकि ये लोग देश के लिए जान की बाज़ी लगाते हैं और सरकार चाहती है कि उनके योगदान को सम्मान मिले। यही वजह है कि टैक्स की चिंता से उन्हें राहत दी जाती है।
किसानों को भी बड़ी राहत मिली है
भारत में खेती-किसानी करने वालों के लिए भी एक बहुत बड़ी छूट दी गई है। अगर कोई किसान खेती से कमाई कर रहा है। जैसे फसल बेचकर, बागवानी से या किसी तरह की एग्रीकल्चर एक्टिविटी से तो उस कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता। चाहे वह कमाई एक लाख हो या एक करोड़, अगर वो खेती से हो रही है तो सरकार उस पर टैक्स नहीं लगाती।
हालांकि इसके कुछ नियम भी हैं, जैसे वो आय खेती की होनी चाहिए और गैर-कृषि काम से नहीं कमाई गई हो। लेकिन कुल मिलाकर किसानों को इनकम टैक्स से पूरी राहत मिली है, और यही वजह है कि भारत में लाखों किसान आज टैक्स नहीं भरते।
कुछ धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं भी टैक्स फ्री
भारत में कई ऐसी संस्थाएं भी हैं जो समाजसेवा या धार्मिक काम करती हैं जैसे मंदिर, गुरुद्वारे, NGO या ट्रस्ट। अगर ये संस्थाएं सरकार के नियमों के तहत रजिस्टर्ड हैं और इनका पैसा समाजसेवा में ही खर्च होता है, तो इन पर भी इनकम टैक्स नहीं लगता।
इन संस्थाओं को सरकार टैक्स से इसलिए छूट देती है क्योंकि ये सीधे-सीधे समाज की भलाई में लगी होती हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें हर साल अपने खर्चों और कमाई का हिसाब सरकार को देना होता है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
सरकार का मकसद सिर्फ टैक्स वसूली नहीं, न्याय भी
इन सब छूटों से ये साफ हो जाता है कि सरकार का मकसद सिर्फ पैसा वसूलना नहीं है, बल्कि वो ये भी देखती है कि किस वर्ग को राहत मिलनी चाहिए। खासकर वो लोग जो देश के लिए कुछ बड़ा कर रहे हैं या फिर जिनकी ज़रूरतें अलग हैं, उन्हें टैक्स से राहत देना एक समझदारी भरा फैसला होता है।
इसलिए अगर आप भी सोचते हैं कि हर कमाने वाला टैक्स देता है, तो अब आपको असली तस्वीर पता चल गई होगी। ये छूटें कानून के तहत मिलती हैं और पूरी तरह वैध होती हैं।
Disclaimer: यह लेख भारत सरकार द्वारा दी गई टैक्स छूटों पर आधारित है। दी गई जानकारी सरकारी नियमों और मीडिया रिपोर्ट्स से संकलित है। कृपया अपने टैक्स से जुड़े मामलों के लिए किसी प्रोफेशनल सलाहकार से ज़रूर सलाह लें।