EPFO Rule 2025: सरकार ने EPFO पेंशन कैलकुलेशन से जुड़े नियमों में 2025 से बदलाव की तैयारी कर ली है। नई व्यवस्था के तहत पीएफ खाताधारकों को रिटायरमेंट पर पेंशन की राशि कैलकुलेट करने में पारदर्शिता और स्पष्टता मिलेगी। यह बदलाव लाखों कर्मचारियों को सीधे लाभ पहुंचाने वाला साबित होगा। अब पीएफ से पेंशन कैलकुलेशन में सैलरी, सर्विस पीरियड और EPS योगदान को प्राथमिकता दी जाएगी।
EPFO के नए नियम और कर्मचारी पेंशन स्कीम
2025 से EPFO कर्मचारियों के पेंशन कैलकुलेशन में साफ और आसान नियम लागू करेगा। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) के तहत 15,000 रुपये बेसिक सैलरी को मानकर योगदान किया जाता है, जिसके आधार पर पेंशन तय होती है। EPFO पेंशन कैलकुलेशन में सेवा अवधि और अंतिम सैलरी औसत को जोड़कर फॉर्मूला लागू करेगा, जिससे कर्मचारियों को पेंशन राशि की सही जानकारी पहले से मिल सकेगी।
इसके अलावा EPFO ने पेंशन कैलकुलेशन में उन कर्मचारियों को भी शामिल किया है, जिन्होंने पहले पेंशन के लिए ऑप्ट नहीं किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कर्मचारी पुराने EPS नियमों में भी पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन पाने का मौका मिलेगा और भविष्य सुरक्षित होगा।
पेंशन कैलकुलेशन में सैलरी और सर्विस पीरियड का महत्व
पेंशन कैलकुलेशन में कर्मचारी की अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी का उपयोग किया जाएगा। यदि आपकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से अधिक है और आपने EPS में योगदान लिया है, तो भी कैलकुलेशन में 15,000 रुपये की सीमा ही लागू होगी। इसके आधार पर कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर पेंशन तय की जाएगी।
सर्विस पीरियड यानी नौकरी में बिताए गए साल पेंशन कैलकुलेशन का अहम हिस्सा हैं। यदि किसी कर्मचारी ने 20 साल से ज्यादा नौकरी की है तो उसे बोनस के रूप में 2 साल का अतिरिक्त लाभ पेंशन में जोड़ा जाएगा। इस नियम से लंबे समय तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को अधिक पेंशन मिलेगी।
उच्च पेंशन का विकल्प और जरूरी दस्तावेज
EPFO ने उच्च पेंशन के विकल्प को चुनने के लिए कर्मचारियों को आवेदन करने का अवसर दिया है। इसके लिए कर्मचारियों को पुरानी सैलरी स्लिप्स, UAN नंबर, और EPS में योगदान की जानकारी देनी होगी। जो कर्मचारी 15,000 रुपये से अधिक सैलरी पर EPS योगदान का विकल्प चुनते हैं, उन्हें उच्च पेंशन का लाभ मिल सकेगा।
उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के बाद कर्मचारियों को अतिरिक्त योगदान जमा करना पड़ सकता है, जो पेंशन में जुड़कर रिटायरमेंट के समय अधिक पेंशन दिला सकता है। इसके लिए EPFO ने एक विशेष पोर्टल भी जारी किया है, जहां कर्मचारी अपने डेटा की जांच कर सकते हैं।
पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला और प्रक्रिया
पेंशन कैलकुलेशन के लिए EPFO का फॉर्मूला है:
(अंतिम 60 महीनों की औसत सैलरी x सेवा वर्ष) / 70 = मासिक पेंशन।
यदि कोई कर्मचारी 20 साल नौकरी करता है और उसकी अंतिम औसत सैलरी 15,000 रुपये है, तो उसे लगभग 4,285 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। इस कैलकुलेशन को कर्मचारी अपने हिसाब से भी पहले से निकालकर पेंशन का अंदाजा लगा सकते हैं।
यह फॉर्मूला EPFO की वेबसाइट और पेंशन कैलकुलेटर में भी लागू किया जा सकता है, ताकि रिटायरमेंट के बाद किसी कर्मचारी को पेंशन के लिए भटकना न पड़े। EPFO का यह कदम कर्मचारियों को आत्मनिर्भर बनाने और पेंशन प्रक्रिया को सरल करने के लिए अहम साबित होगा।
EPFO Rule 2025 के तहत कर्मचारी अब पहले से अपनी पेंशन का कैलकुलेशन कर रिटायरमेंट प्लानिंग बेहतर कर सकते हैं। नई व्यवस्था कर्मचारियों को ट्रांसपेरेंसी और आत्मनिर्भरता देने का काम करेगी, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित और स्थिर बनेगा।