Shopping Rules: आजकल अधिकतर दुकानों पर बिल या छूट देने के नाम पर ग्राहकों से मोबाइल नंबर मांगा जाता है। लेकिन ग्राहक संरक्षण कानून के अनुसार यह नंबर देना आपकी मर्जी पर निर्भर है। यदि कोई दुकान या मॉल जबरदस्ती नंबर मांगता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है। ग्राहक अपनी गोपनीयता की रक्षा के लिए नंबर देने से मना कर सकता है।
दुकानदार कई बार ऑफर भेजने या कूपन देने के बहाने ग्राहक का मोबाइल नंबर लेते हैं। लेकिन यह ग्राहकों की निजता में हस्तक्षेप करता है। ऐसे में ग्राहक बिना किसी डर के नंबर देने से इनकार कर सकता है और खरीददारी कर सकता है।
ग्राहक संरक्षण अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान
ग्राहक संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत ग्राहक को अपनी जानकारी गोपनीय रखने का अधिकार है। दुकानदार या मॉल यदि जबरदस्ती नंबर मांगते हैं, तो ग्राहक इसकी शिकायत कर सकता है। इस नियम के तहत दुकानदार किसी भी ग्राहक को सर्विस देने से मना नहीं कर सकते अगर वह मोबाइल नंबर नहीं देता।
इस अधिनियम का उद्देश्य ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करना है। ऐसे में यदि आपसे कोई जबरन जानकारी ले रहा है, तो आप कानून का सहारा लेकर अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। यह नियम ग्राहकों की सहमति के बिना डाटा कलेक्ट करने पर रोक लगाता है।
किस प्रकार होती है शिकायत
यदि कोई मॉल, शॉप या ब्रांड जबरदस्ती मोबाइल नंबर मांगता है, तो ग्राहक इसके खिलाफ उपभोक्ता हेल्पलाइन 1915 पर कॉल कर सकता है। इसके अलावा consumerhelpline.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत के समय दुकान का नाम, स्थान और तारीख की जानकारी देना जरूरी होता है।
ग्राहक अपने जिले के उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत के बाद उचित कार्रवाई की जाती है और दुकानदार को नोटिस भेजा जाता है। इससे ग्राहकों की निजता की सुरक्षा होती है और दुकानदारों पर नियमों का पालन करने का दबाव भी बनता है।
गोपनीयता का अधिकार महत्वपूर्ण क्यों
आज के डिजिटल युग में निजता बनाए रखना बेहद जरूरी है। कई बार मोबाइल नंबर देने से स्पैम कॉल्स और अनचाही प्रमोशनल मैसेज आने लगते हैं। ग्राहक का मोबाइल नंबर उसकी निजी जानकारी है, जिसे वह अपनी इच्छा से ही किसी को दे सकता है।
निजता का अधिकार संविधान द्वारा भी सुरक्षित किया गया है। ऐसे में कोई भी दुकानदार इस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता। यदि ग्राहक चाहें तो खरीददारी करते समय केवल कैश पेमेंट कर सकते हैं और अपनी जानकारी गोपनीय रख सकते हैं।
ग्राहकों की जागरूकता जरूरी
ग्राहकों को यह जानना जरूरी है कि मोबाइल नंबर देना कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। अधिकतर लोग अनजाने में नंबर दे देते हैं और बाद में परेशान होते हैं। अगर हर ग्राहक इस नियम को जानकर पालन करेगा, तो दुकानदार भी बिना सहमति के जानकारी मांगने से बचेंगे।
इसके अलावा ग्राहक को अपनी जानकारी केवल विश्वसनीय और जरूरी जगहों पर ही देनी चाहिए। जागरूकता से ही निजता की सुरक्षा संभव है और दुकानदार भी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का पालन करने को मजबूर होंगे।