Indian Currency

Indian Currency: 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर ही क्यों, RBI ने किया बड़ा खुलासा

Indian Currency: महात्मा गांधी भारत की आजादी के सबसे बड़े नेता रहे हैं और उनके विचार आज भी लोगों के जीवन को दिशा देते हैं। उनके नेतृत्व में देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की और देश की पहचान विश्व में बनी। उनकी तस्वीर नोट पर लगने से यह आजादी के संघर्ष और राष्ट्र निर्माण की याद दिलाता है।

गांधीजी का चेहरा भारतीय मुद्रा पर छापने का फैसला 1987 में लिया गया था। रिजर्व बैंक ने उनके ‘लाल किला सीरीज’ नोट में पहली बार उनकी तस्वीर छापी थी। इसके बाद सभी नई सीरीज की मुद्राओं में गांधीजी की तस्वीर का उपयोग शुरू कर दिया गया। इससे भारतीय पहचान को मजबूती मिली।

भारतीय मुद्रा की विश्वसनीयता

महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय मुद्रा की असली पहचान का प्रतीक भी है। इससे भारतीय नोटों की पहचान करना आसान होता है और नकली नोट की पहचान में मदद मिलती है। गांधीजी का चेहरा विश्वसनीयता का भाव देता है और हर नागरिक को राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराता है।

रिजर्व बैंक का मानना है कि नोट पर गांधीजी की तस्वीर भारतीय मुद्रा की गरिमा को बढ़ाती है। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और लोगों के बीच भरोसे को बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया। गांधीजी का चेहरा भारतीय नोट को अलग पहचान देता है।

सरकार और RBI की नीति

सरकार और RBI ने निर्णय लिया कि राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग भारतीय मुद्रा पर किया जाएगा। भारतीय संविधान में राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान और राष्ट्र प्रतीकों को संरक्षित करने की जिम्मेदारी नागरिकों की बताई गई है। नोटों पर महात्मा गांधी का चित्र इसी जिम्मेदारी का हिस्सा है।

रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि महात्मा गांधी भारतीय मूल्यों, अहिंसा और सादगी के प्रतीक हैं। उनके विचारों को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए उनका चित्र भारतीय नोट पर दिया गया। इससे बच्चों और युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना भी जागती है।

ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक पहचान

महात्मा गांधी का चित्र भारतीय संस्कृति और इतिहास की झलक दिखाता है। वह केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार और आंदोलन का नाम हैं, जिसने भारत को स्वतंत्र कराया। उनकी छवि नोट पर छपने से देश की सांस्कृतिक पहचान और गौरव को बढ़ावा मिलता है।

नोट पर उनकी तस्वीर होना हर नागरिक को यह याद दिलाता है कि आजादी कितनी महत्वपूर्ण है और इसके लिए किस तरह के बलिदान दिए गए। गांधीजी का चित्र एक प्रेरणा का स्रोत बनता है और भारतीय मुद्रा को विश्व स्तर पर एक अलग पहचान देता है।

भारतीय मुद्रा में बदलाव की प्रक्रिया

रिजर्व बैंक ने 1987 में पहली बार 500 रुपये के नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी थी। इसके बाद 1996 में महात्मा गांधी सीरीज लॉन्च की गई, जिसमें सभी नोटों पर उनका चित्र छापा गया। इसके बाद 2016 में महात्मा गांधी नई सीरीज जारी की गई।

इस नई सीरीज में भी गांधीजी की तस्वीर को जारी रखा गया, जिससे भारतीय मुद्रा की पहचान बरकरार रहे। नोटों पर गांधीजी की तस्वीर के साथ सुरक्षा फीचर्स भी जोड़े गए ताकि नकली नोटों की समस्या को रोका जा सके। इसके साथ ही भारतीय मुद्रा को सुरक्षित और मजबूत बनाया जा रहा है।

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