Income Tax: भारत में शादी, जन्मदिन और त्योहारों पर गिफ्ट देना आम बात है, लेकिन इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार कुछ स्थितियों में इन गिफ्ट्स पर टैक्स देना पड़ सकता है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2)(x) में गिफ्ट पर टैक्स से संबंधित नियम स्पष्ट किए गए हैं। अगर किसी व्यक्ति को किसी वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट मिलता है, तो उस पर टैक्स देना पड़ सकता है।
गिफ्ट चाहे कैश में हो या प्रॉपर्टी, इनकम टैक्स विभाग इसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ में जोड़ता है। हालांकि, शादी के समय मिले गिफ्ट पर टैक्स छूट का प्रावधान भी है, जिसे जानना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है।
शादी में मिले गिफ्ट पर छूट का प्रावधान
शादी के अवसर पर मिले गिफ्ट पर इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति को शादी के मौके पर रिश्तेदारों, दोस्तों या किसी से भी गिफ्ट मिलता है, तो उस पर टैक्स की कोई देनदारी नहीं होती। इनकम टैक्स एक्ट में शादी के अवसर पर मिले गिफ्ट को टैक्स फ्री रखा गया है।
यह नियम सिर्फ शादी के अवसर पर लागू होता है। अगर शादी के अलावा किसी और अवसर पर गिफ्ट लिया गया है और वह 50,000 रुपये से अधिक है, तो वह टैक्स के दायरे में आएगा। इससे टैक्सपेयर्स को यह जानने में आसानी होती है कि किस गिफ्ट पर टैक्स देना है और किस पर नहीं।
किन रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता
इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार कुछ खास रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पूरी तरह टैक्स फ्री होते हैं। इनमें माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी, दादा-दादी, नाना-नानी, पोता-पोती और दामाद आदि शामिल हैं। इनसे मिले किसी भी प्रकार के गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता चाहे उसकी राशि कितनी भी हो।
यदि किसी व्यक्ति को इन रिश्तेदारों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से 50,000 रुपये से अधिक का गिफ्ट मिलता है, तो उस पर टैक्स देना अनिवार्य होता है। इसलिए शादी या अन्य अवसरों पर गिफ्ट लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि गिफ्ट किससे मिल रहा है।
प्रॉपर्टी गिफ्ट पर टैक्स का नियम
यदि किसी व्यक्ति को शादी के अवसर पर जमीन, घर या प्रॉपर्टी गिफ्ट में मिलती है, तो वह भी टैक्स फ्री होती है। लेकिन यह शर्त केवल शादी के अवसर पर लागू होती है। यदि प्रॉपर्टी किसी अन्य अवसर पर गिफ्ट में मिलती है, तो उसकी स्टांप ड्यूटी वैल्यू के अनुसार टैक्स की गणना होती है।
यदि प्रॉपर्टी की वैल्यू 50,000 रुपये से अधिक है, तो पूरी वैल्यू इनकम में जोड़ी जाएगी और उस पर टैक्स देना होगा। ऐसे मामलों में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट और गिफ्ट डीड संभाल कर रखना चाहिए ताकि टैक्स विभाग की पूछताछ में इसका सबूत दिया जा सके।
टैक्स से बचने के लिए जरूरी सावधानियां
शादी में मिले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता, फिर भी गिफ्ट रिसीव करने पर उसका उचित रिकॉर्ड रखना आवश्यक है। गिफ्ट देने वाले व्यक्ति का नाम, पता और गिफ्ट का विवरण नोट कर लेना चाहिए। इससे भविष्य में टैक्स विभाग की जांच में परेशानी नहीं होगी।
यदि गिफ्ट कैश में मिला है, तो उसे बैंक अकाउंट में जमा करने पर ध्यान दें और उसका सोर्स भी बताने के लिए तैयार रहें। इससे टैक्स की संभावित समस्याओं से बचा जा सकता है और ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है।