Petrol Pump: आज के समय में पेट्रोल और डीजल की मांग कभी खत्म नहीं होने वाली जरूरत बन चुकी है। इसी वजह से पेट्रोल पंप खोलना एक फायदे का सौदा साबित हो रहा है। भारत में हर दिन लाखों लीटर पेट्रोल और डीजल की खपत होती है, जिससे यह बिजनेस लगातार ग्रो कर रहा है।
सरकार भी पेट्रोल पंप खोलने के लिए नई नीतियों के तहत लाइसेंस जारी कर रही है। अगर आपके पास सही जगह और इन्वेस्टमेंट है, तो आप भी इस बिजनेस से हर महीने लाखों की कमाई कर सकते हैं।
प्रति लीटर कमाई का गणित
पेट्रोल पंप मालिकों को हर लीटर डीजल और पेट्रोल बेचने पर एक तय मार्जिन मिलता है। मौजूदा समय में प्रति लीटर पेट्रोल पर लगभग ₹3 से ₹4 तक और डीजल पर ₹2.50 से ₹3.50 तक का मुनाफा होता है। यह कमाई कई बार क्षेत्र और बिक्री पर निर्भर करती है।
अगर आपका पंप एक दिन में 5,000 लीटर पेट्रोल-डीजल बेचता है, तो आप हर महीने ₹4 से ₹6 लाख तक की शुद्ध कमाई कर सकते हैं। यह आंकड़ा हाईवे पर स्थित पंपों में और भी अधिक हो सकता है।
ज़रूरी निवेश और ज़मीन की मांग
पेट्रोल पंप खोलने के लिए सबसे पहली जरूरत होती है सही लोकेशन की। अगर आपकी ज़मीन नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे या आबादी वाले क्षेत्र में है, तो आपके आवेदन की संभावना अधिक हो जाती है। निवेश की बात करें तो कुल मिलाकर ₹15 लाख से ₹25 लाख तक का खर्च आ सकता है। इसमें ज़मीन की कीमत, निर्माण कार्य, टैंक, मशीनरी और लाइसेंसिंग चार्ज शामिल होते हैं।
कंपनी चयन और लाइसेंस प्रक्रिया
भारत में मुख्य रूप से IOCL, HPCL और BPCL जैसी सरकारी कंपनियां पेट्रोल पंप खोलने का मौका देती हैं। समय-समय पर ये कंपनियां विज्ञापन के जरिए स्थान विशेष के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं।
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जाता है और पात्रता के आधार पर चयन किया जाता है। चयन के बाद ट्रेनिंग और जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी कराई जाती है।
बिजनेस को बढ़ाने के तरीके
पेट्रोल पंप पर सिर्फ ईंधन बेचकर ही नहीं, बल्कि अन्य सुविधाएं जोड़कर भी कमाई की जा सकती है। जैसे कि छोटी किराना दुकान, पंक्चर की दुकान, रेस्ट एरिया, पानी और शौचालय की सुविधा आदि। इसके अलावा UPI और डिजिटल भुगतान को अपनाकर भी ग्राहकों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। अच्छी सर्विस और ईमानदारी लंबे समय तक ग्राहक बनाए रखती है।
अगर आपके पास ज़मीन और इन्वेस्टमेंट है, तो पेट्रोल पंप खोलना एक भरोसेमंद और स्थिर आमदनी का स्रोत बन सकता है। यह बिजनेस शुरुआती लागत के बाद स्थायी मुनाफा देता है और कम जोखिम वाला माना जाता है।