Ranipet Triple Murder Case: रणिपेट जिले के कोडक्कल गांव में 15 मई 2025 को दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक 30 वर्षीय युवक ने गुस्से और पारिवारिक झगड़े में तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी की पहचान सी. बालू के रूप में हुई है, जिसने अपनी सास और कथित प्रेमी के माता-पिता को लोहे की रॉड से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया।
यह घटना वलजापेट पुलिस थानाक्षेत्र में शोलिंगुर कस्बे के पास की है। बालू ने खुद जाकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद इस त्रिगुण हत्याकांड की जांच शुरू की गई। इस वारदात ने न सिर्फ पीड़ित परिवारों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे गांव में डर और नाराज़गी का माहौल बना दिया है।
शादी के बाद बिगड़ते रिश्ते और अलगाव की शुरुआत
बालू की शादी भुवनेश्वरी नाम की महिला से हुई थी जो कीलपुधुपेट की रहने वाली थी। शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे बालू की शराब की लत और हिंसक व्यवहार के कारण उनके रिश्ते में खटास आ गई। भुवनेश्वरी आए दिन मारपीट से तंग आकर अपने दो साल के बेटे को लेकर मायके आ गई थी।
लगभग एक साल से दोनों अलग-अलग रह रहे थे। इस दूरी ने बालू के गुस्से और असुरक्षा की भावना को और भड़का दिया। गांववालों के मुताबिक, वह अक्सर भुवनेश्वरी पर शक करता था और उसे वापस लाने की जिद करता था। लेकिन उसकी पत्नी ने उससे किसी भी तरह का रिश्ता रखने से इनकार कर दिया था।
गर्भावस्था और रिश्तों पर शक ने दिया खौफनाक मोड़
बालू को जब यह पता चला कि उसकी पत्नी आठ महीने की गर्भवती है, तो उसने शक जताया कि यह बच्चा उसका नहीं है। उसे शक था कि उसकी पत्नी का विजय नामक एक रिश्तेदार के साथ प्रेम संबंध है, जो उसी गांव में रहता है। यह शक उसके भीतर गुस्से का ज्वालामुखी बनकर फूट पड़ा।
गांव में लोग बताते हैं कि बालू अक्सर विजय और भुवनेश्वरी के बारे में अपशब्द कहता था और जान से मारने की धमकी भी देता था। उसकी मानसिक स्थिति भी पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। शराब पीने के बाद वह और भी हिंसक हो जाता था।
सास की बेरहमी से हत्या
गुरुवार की रात बालू ने शराब पी और लोहे की रॉड लेकर अपनी सास भारती (45) के घर पहुंच गया। वह घर में अकेली थीं, बाकी लोग अंदर सो रहे थे। उसने बिना कुछ कहे भारती पर रॉड से हमला कर दिया। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
चीख-पुकार सुनकर भुवनेश्वरी और घर के अन्य सदस्य वहां पहुंचे, लेकिन बालू की हिंसक हालत देखकर सब लोग किसी तरह जान बचाकर भाग निकले। भुवनेश्वरी ने तुरंत अपने कुछ रिश्तेदारों को फोन किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
विजय के माता-पिता को भी नहीं बख्शा
इसके बाद बालू विजय को ढूंढने निकला, लेकिन वह घर पर नहीं मिला। गुस्से में आकर उसने विजय के माता-पिता अन्नामलाई (52) और राजेश्वरी (45) को भी बुरी तरह पीट-पीट कर मार डाला। दोनों बुजुर्गों ने उससे माफ़ी मांगने की कोशिश की, लेकिन बालू ने किसी की नहीं सुनी। चश्मदीदों के मुताबिक, बालू का चेहरा पूरी तरह गुस्से से लाल था और वह बार-बार चिल्ला रहा था कि “अब सब खत्म कर दूंगा!” यह सुनकर कई लोग डर से अपने घरों में बंद हो गए और किसी ने हिम्मत नहीं की बीच-बचाव की।
आत्मसमर्पण और पुलिस की तत्परता
तीन लोगों की हत्या करने के बाद, बालू खुद वलजापेट पुलिस थाने पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। उसने पुलिस के सामने पूरी घटना कबूल की। पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए वेल्लोर सरकारी अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने IPC की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या का केस दर्ज कर लिया है और मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजा गया है और आसपास के लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि बालू मानसिक रूप से अस्थिर था और उसका इलाज भी जरूरी है।
गांव में मातम और आक्रोश
इस जघन्य कांड से पूरा कोडक्कल गांव सदमे में है। गांववालों का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि घरेलू विवाद इतना भयानक रूप ले सकता है। पीड़ित परिवारों में मातम पसरा है, और लोग आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय पंचायत और समाजसेवी संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की है। साथ ही, यह मांग उठ रही है कि घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य के मामलों को गंभीरता से लिया जाए।
यह त्रिगुण हत्या न सिर्फ घरेलू कलह की भयावह परिणीति है, बल्कि यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि किस तरह संवादहीनता, मानसिक अस्थिरता और गुस्सा एक इंसान को राक्षस बना सकता है। पुलिस की तत्परता सराहनीय रही, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम ऐसे मामलों को पहले ही पहचान कर रोक सकते हैं?
अगर समय रहते हस्तक्षेप किया जाता, काउंसलिंग और सही इलाज मिल पाता, तो शायद तीन जिंदगियां बच सकती थीं। ऐसे मामलों में समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि वे जागरूकता फैलाएं और मदद के रास्ते खोलें