Gold Rate: अब तक आसमान छू रहे सोने ने अचानक से जमीन चाटनी शुरू कर दी है। जो सोना एक समय पर 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया था, वो अब इतनी जोर से गिरा कि लोगों की निगाहें थम गईं। सोने के दाम में 6,878 रुपये की जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। निवेश करने वालों के लिए ये खबर किसी सदमे से कम नहीं है, लेकिन आम लोगों की जेब अब थोड़ी राहत महसूस कर रही है। जिन लोगों ने अब तक सोना नहीं खरीदा था, वो अब मौका देख रहे हैं, जबकि जिनका पैसा पहले से फंसा था, उनके माथे पर चिंता की लकीरें हैं।
लगातार गिरावट से मचा हड़कंप
22 अप्रैल को जब सोना 1 लाख रुपये के पार पहुंचा था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि इतना तेज़ी से नीचे भी आ सकता है। मगर बाजार का रंग कब बदल जाए, ये कौन जानता है। अब हालात यह हैं कि हर दिन सोने के दाम गिरते ही जा रहे हैं। 22 अप्रैल के बाद से सोने ने गोते लगाने शुरू कर दिए और अभी तक थमा नहीं है। हालात ये हैं कि एमसीएक्स पर सोना अब 92,480 रुपये पर बंद हो चुका है। हफ्ते की बात करें तो ये अब तक की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। एक ही दिन में 689 रुपये की गिरावट दर्ज की गई, जो लगभग 0.74% होती है। इतना ही नहीं, शुक्रवार को सोने का लो लेवल 91,615 रुपये रहा, जबकि हाई लेवल 93,550 रुपये पर रहा। इससे पहले सोना 93,169 रुपये पर बंद हुआ था, यानी हर दिन कुछ ना कुछ नुकसान ही हो रहा है।
गिरावट के पीछे की वजहें
अब बात करते हैं कि आखिर ये गिरावट आई क्यों। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कुछ समय पहले तक माहौल बहुत ही अनिश्चित था। दुनिया भर में ट्रेड वॉर और टैक्स की मार के चलते लोग सोने को सबसे सुरक्षित निवेश मान रहे थे। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर रेसिप्रोकल टैक्स लागू किया था, जिससे ग्लोबल बाजार में डर का माहौल बन गया। इसी डर के चलते निवेशक तेजी से सोना खरीदने लगे, जिससे कीमतें ऊपर चढ़ती गईं।
मगर जैसे ही वैश्विक बाजारों ने थोड़ी राहत की सांस ली, वैसे ही निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। अब लोग सोना बेचने लगे हैं और नई मांग भी ठंडी पड़ गई है। बाजार में जब खरीदारी कम होती है, तो भाव अपने आप नीचे लुढ़क जाता है। यही वजह है कि सोना अब लगातार नीचे जा रहा है।
क्या फिर से चमकेगा सोना?
अब सवाल यही है कि क्या सोना फिर से पुराने भावों पर लौटेगा? विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल सोने के दाम कुछ समय तक स्थिर रह सकते हैं। ये 88 हजार रुपये से लेकर 96 हजार रुपये के बीच घूमते रह सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टैरिफ वॉर भले ही थमा हो, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में बाजार में फिर से हलचल मच सकती है, जो सोने को दोबारा रफ्तार दे सकती है। हालांकि, ये सब वैश्विक हालातों पर निर्भर करता है।
निवेशकों और आम लोगों के लिए क्या सबक
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ हो जाती है कि निवेश सोच-समझकर ही करना चाहिए। जब सोना ऊपर जा रहा था, तो बहुत से लोगों ने डर या लालच में आकर खरीदारी की, मगर अब उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं, जिन लोगों ने इंतजार किया, अब उन्हें सस्ते दाम पर सोना खरीदने का मौका मिल रहा है। इसलिए समझदारी से निवेश करने वाले ही इस गिरावट का फायदा उठा पाएंगे। एक और बात ये भी कि सोना जितना सुरक्षित निवेश माना जाता है, उतना स्थिर नहीं होता। बाजार के हर बदलाव का उस पर असर पड़ता है, इसलिए कभी भी सारे पैसे सिर्फ एक जगह न लगाएं।
सोने की चमक कभी भी स्थायी नहीं होती। ये बाजार की हवा के साथ ऊपर-नीचे होता रहता है। अभी भले ही सोने के भाव गिर गए हों, लेकिन ये गिरावट खरीददारों के लिए एक सुनहरा मौका बन सकती है। वहीं, निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि बाजार में उतार-चढ़ाव आना सामान्य बात है। सही वक्त पर सही निर्णय ही फायदे का सौदा साबित होता है। इसलिए अगली बार जब सोने में निवेश करें, तो बाजार के रुख और भविष्य के संकेतों को जरूर समझें।