Income Tax

भारत में इन लोगों को करोड़ों की कमाई पर भी नहीं देना होता एक रुपया भी टैक्स: Income Tax

Income Tax: भारत में इनकम टैक्स को लेकर बहुत सारे नियम-कायदे बनाए गए हैं। जो लोग एक तय सीमा से ज्यादा कमाते हैं, उन्हें सरकार को टैक्स देना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में एक ऐसा भी राज्य है, जहां पर लोग चाहे जितना भी कमा लें, उनको एक भी पैसा टैक्स नहीं देना पड़ता। ये बात सुनकर हर टैक्स भरने वाले शख्स के दिमाग में यही सवाल आता है कि क्या वाकई ऐसा संभव है? जी हां, बिल्कुल संभव है और इसका नाम है सिक्किम। उत्तर-पूर्व में बसा ये छोटा सा राज्य न सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए मशहूर है, बल्कि इस वजह से भी चर्चा में रहता है कि यहां के लोगों को अपनी कमाई पर टैक्स नहीं देना होता।

इनकम टैक्स की जब आती है बात, तो क्यों खड़ा हो जाता है सवाल कि कहां नहीं देना पड़ता टैक्स?

भारत में जब इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख करीब आती है, तो हर टैक्सपेयर्स के दिमाग में एक ही बात चलती है, क्या कोई ऐसा राज्य है जहां करोड़ों कमाने के बाद भी टैक्स से पूरी तरह छुटकारा मिल सके? देश का हर आम आदमी सरकार को टैक्स देता है ताकि देश की योजनाएं चल सकें और विकास हो सके। मगर सिक्किम एक ऐसा राज्य है, जहां इस व्यवस्था से लोग पूरी तरह बाहर हैं। यहां के मूल निवासियों को ना ही इनकम टैक्स भरने की कोई चिंता होती है और ना ही उन्हें किसी तारीख तक टैक्स फाइल करने की जरूरत।

 

सिक्किम के लोगों को क्यों नहीं देना पड़ता टैक्स? जानिए इसके पीछे की असली वजह

हर किसी के मन में यह बात जरूर आती है कि आखिर सिक्किम के लोग बाकी देश के नागरिकों की तरह टैक्स क्यों नहीं भरते। इसकी वजह ना सिर्फ खास है बल्कि ऐतिहासिक भी है। सिक्किम को भारत में 1975 में शामिल किया गया था और उस समय इसके साथ एक खास शर्त रखी गई थी कि राज्य की पुरानी कानूनी व्यवस्थाएं और उसकी विशेष पहचान बनी रहेगी। भारत सरकार ने इसे स्वीकार भी किया और इसी समझौते के तहत आज भी सिक्किम के मूल निवासियों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।

1975 के विलय में थी टैक्स छूट की शर्त, जिसे आज भी निभाया जा रहा है

जब सिक्किम भारत में शामिल हुआ, तब एक बड़ी शर्त थी कि यहां के लोग अपने पुराने कानूनों के तहत ही चलेंगे और उन पर इनकम टैक्स एक्ट लागू नहीं किया जाएगा। इसीलिए आज भी सिक्किम के नागरिकों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत टैक्स से पूरी तरह छूट दी गई है। मतलब चाहे कोई सिक्किम निवासी लाखों कमाए या करोड़ों, उसकी कमाई पर इनकम टैक्स नहीं लगता।

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (26AAA) क्या कहती है?

इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 10 (26AAA) सिक्किम के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस धारा में साफ तौर पर लिखा गया है कि सिक्किम के निवासी, जिनकी पहचान “Sikkim Subjects Regulations, 1961” के तहत होती है या जो 26 अप्रैल 1975 से पहले सिक्किम के मूल निवासी या उनके वंशज हैं, उन्हें किसी भी तरह की कमाई पर टैक्स देने की जरूरत नहीं है। चाहे वह आमदनी वेतन से हो, व्यापार से हो, शेयर बाजार से हो या कंपनियों से डिविडेंड के रूप में उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

किसे मिलता है इस छूट का लाभ?

 

इस छूट का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलता है जिनकी पहचान सिक्किम के मूल निवासियों के रूप में होती है। इसका मतलब यह है कि जिनका नाम 1961 के “Sikkim Subjects Register” में दर्ज है, या जो उस समय से पहले सिक्किम में रह रहे थे और उनके वंशज उन्हें इस छूट का लाभ दिया जाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ फैसलों में इस बात को दोहराया है और दायरे को और स्पष्ट किया है।

सिक्किम की टैक्स छूट

सिक्किम की यह टैक्स छूट हमारे संविधान की संघीय व्यवस्था की सुंदर मिसाल है। यह दिखाता है कि भारत जैसे विविधता भरे देश में कैसे हर राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक खासियत को सम्मान दिया जाता है। सिक्किम के लोगों को ना सिर्फ आर्थिक राहत मिलती है, बल्कि उन्हें एक अलग पहचान भी मिलती है। देश के अन्य राज्यों के मुकाबले, जहां हर नागरिक को टैक्स भरने की टेंशन होती है, वहीं सिक्किम के लोग इस तनाव से पूरी तरह दूर रहते हैं।

 

सिक्किम को मिला है खास दर्जा, जो बनाता है इसे सबसे अलग

भारत में सिक्किम का टैक्स फ्री दर्जा बहुत ही खास और ऐतिहासिक है। यह न सिर्फ आर्थिक रूप से राहत देने वाला है बल्कि राज्य के लोगों को एक अलग पहचान भी देता है। यह आज भी इस वजह से बना हुआ है क्योंकि इसे संविधान और ऐतिहासिक समझौते के तहत मान्यता दी गई है। हालांकि समय-समय पर इस व्यवस्था को लेकर बहस होती रही है, लेकिन कानूनी रूप से यह प्रावधान आज भी कायम है और इसका पालन किया जाता है।

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