Jyoti Malhotra Case

आरोपी के पिता बोले- मेरे साथ धोखा हुआ है…; वकील करने के लिए मेरे पास पैसे नहीं: Jyoti Malhotra Case

Jyoti Malhotra Case: ज्योति मल्होत्रा केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा तकलीफ की बात यह सामने आई है कि खुद आरोपी की बेटी के पिता हरीश मल्होत्रा को अपनी ही बेटी से मिलने तक का मौका नहीं मिल पाया। उन्होंने अमर उजाला से बातचीत में खुलकर बताया कि उनके पास न तो वकील करने के पैसे हैं और न ही कोई ऐसा जानकार जिससे सलाह ली जा सके।

उनका कहना है कि उन्हें पुलिस की ओर से बताया गया था कि दोपहर 12 बजे ज्योति को कोर्ट में पेश किया जाएगा और वह वहां मिल सकती हैं, लेकिन जब वह समय पर पहुंचे तो पता चला कि ज्योति को पहले ही रिमांड पर भेज दिया गया है। उन्हें महसूस हुआ कि पुलिस ने जानबूझकर गलत समय दिया ताकि वह अपनी बेटी से न मिल सकें।

अदालत में ज्योति की पेशी और रिमांड का बढ़ना

गुरुवार को ज्योति को अदालत में पेश किया गया क्योंकि उसका पांच दिन का पुलिस रिमांड पूरा हो चुका था। पुलिस की तरफ से बताया गया कि अभी ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप की फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है, और कुछ और जानकारी इकट्ठा करनी बाकी है। साथ ही, दूसरे राज्यों की पुलिस भी ज्योति से पूछताछ करना चाहती है क्योंकि उसने उन राज्यों के बॉर्डर क्षेत्रों के वीडियो बनाए थे।

जांच अधिकारी ने अदालत से सात दिन की और रिमांड की मांग की। अदालत में दोनों पक्षों की 40 मिनट तक चली बहस के बाद मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने ज्योति को चार दिन के और रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।

 

फोरेंसिक जांच और पाकिस्तान लिंक की पुष्टि

जांच अधिकारी ने कोर्ट में बताया कि ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप को मधुबन स्थित फोरेंसिक लैब में भेजा गया है, और रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि उसने पाकिस्तान ऑपरेटिव एजेंसी (पीओआई) के साथ किस प्रकार की जानकारी साझा की थी। अभी तक प्राप्त साक्ष्य के अनुसार ज्योति का संपर्क पाकिस्तान के अधिकारियों से था और वह वीडियो भेजने से पहले दानिश नाम के एक व्यक्ति से निर्देश लिया करती थी। दानिश वीडियो की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करता था कि कोई संवेदनशील या पाकिस्तान की सुरक्षा से जुड़ा हिस्सा वीडियो में न रहे। उसके बाद ही ज्योति वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करती थी।

वकील की कमी और सरकारी मदद

ज्योति मल्होत्रा ने अभी तक कोई प्राइवेट वकील नहीं किया है। चूंकि उसके पिता के पास वकील नियुक्त करने के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए अदालत ने उसकी ओर से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की ओर से वकील मुहैया करवाया। पिता हरीश मल्होत्रा ने बताया कि पिछले कई दिनों से सिर्फ मीडिया और पुलिस ही उनके घर आ रहे हैं, रिश्तेदार और पड़ोसी उनसे दूरी बना चुके हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस हालात में क्या करें और किससे मदद मांगे।

 

सुरक्षा और अदालत में पेशी की प्रक्रिया

ज्योति को अदालत लाने के लिए सिविल लाइन पुलिस ने खास सुरक्षा इंतजाम किए थे। मीडिया से बचाने के लिए उसे सामान्य पुलिस वाहन की बजाय काली शीशे वाली स्कॉर्पियो में लाया गया और कोर्ट के गेट नंबर एक से अंदर ले जाया गया। अदालत परिसर में करीब 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे थे, जिनमें से कुछ सिविल ड्रेस में भी थे। पेशी से पहले आम जनता को अदालत परिसर से हटा दिया गया।

दानिश को वीडियो भेजने का खुलासा

पूछताछ में ये भी सामने आया कि ज्योति पाकिस्तान से जुड़े वीडियो बनाकर सीधे दानिश को भेजती थी। वह वीडियो देखकर उसे एडिट करने के निर्देश देता था, ताकि पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुँचाने वाला कोई सीन उसमें न हो। यह साफ हो गया है कि ज्योति जानबूझकर निर्देशों के अनुसार वीडियो को संपादित करती थी और फिर पोस्ट करती थी।

 

ज्योति के बैंक खाते और आर्थिक स्थिति

ज्योति के नाम पर चार अलग-अलग बैंकों में खाते हैं। हालांकि, अभी तक इन खातों में कोई बड़ी रकम सामने नहीं आई है। पुलिस इन खातों की जांच कर रही है और फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या ज्योति की इन यात्राओं की फंडिंग किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा की गई थी।

यात्राओं के पीछे की साजिश का सुराग

पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि ज्योति की यात्राओं का क्या मकसद था। वह जिन जगहों पर गई थी, वहां क्या कोई आतंकी गतिविधि हुई या कोई संदिग्ध व्यक्ति पकड़ा गया? इसके साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि उसकी यात्राएं किसने स्पॉन्सर कीं। ये सभी कड़ियां जोड़ने की कोशिश की जा रही है ताकि पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।

 

ज्योति मल्होत्रा केस सिर्फ एक साधारण जासूसी का मामला नहीं रह गया है। यह एक ऐसा केस बन गया है जिसमें परिवार की बेबसी, सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती और सामाजिक बहिष्कार सब कुछ एक साथ दिखता है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में फोरेंसिक रिपोर्ट, पूछताछ और वीडियो सबूतों से क्या सच्चाई निकलकर सामने आती है और भारत की सुरक्षा से जुड़ा यह मामला किस मोड़ पर जाकर खत्म होता है।

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