Dhadkan Re-Release

25 साल बाद फिर से सिनेमाघरों में लौटी क्लासिक रोमांटिक फिल्म, बोले सुनील शेट्टी – ‘फिर से जीवंत हो रही है धड़कन’ Dhadkan Re-Release

Dhadkan Re-Release: साल 2000 में आई रोमांटिक ड्रामा फिल्म ‘धड़कन’ आज एक बार फिर सुर्खियों में है। धर्मेश दर्शन के निर्देशन में बनी इस शानदार फिल्म को 25 सालों बाद फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। आज यानी 23 मई को जब यह फिल्म एक बार फिर थिएटर में लगी तो बॉलीवुड प्रेमियों के दिलों में पुरानी यादें ताजा हो गईं। इस खास मौके पर फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले दिग्गज अभिनेता सुनील शेट्टी ने फिल्म की दोबारा वापसी पर अपनी भावनाएं साझा की हैं। उन्होंने ‘धड़कन’ में निभाए गए अपने किरदार देव चोपड़ा को लेकर और फिल्म की गहराई को लेकर बेहद संवेदनशील बातें कहीं, जो इस क्लासिक को एक बार फिर यादगार बना देती हैं।

25 साल बाद फिर से ज़िंदा हो रही है ‘धड़कन’

सुनील शेट्टी ने ‘धड़कन’ के री-रिलीज से पहले ANI से बातचीत के दौरान कहा कि यह फिल्म उनके दिल के बेहद करीब है और इसकी वापसी एक खूबसूरत अनुभव है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “धड़कन 25 साल बाद फिर से ज़िंदा हो रही है। मुझे यकीन है कि लोग इस बार भी इसकी कहानी की खूबसूरती को समझेंगे। यह फिल्म एक लड़की की पसंद और परिवार की मर्जी के बीच संतुलन को बहुत ही भावुकता से दिखाती है। यह उस लड़की की यात्रा है जो अपने पहले प्यार को पीछे छोड़कर एक ऐसे पति के साथ जीवन बिताने का फैसला करती है जो उसे सच्चे मन से चाहता है और हर परिस्थिति में उसका साथ देता है।”

 

सुनील शेट्टी ने यह भी बताया कि इस फिल्म में उनका किरदार देव चोपड़ा एक गहरे प्यार में डूबा इंसान है, जिसे किसी भी हाल में अपनी प्रेमिका से बिछड़ना स्वीकार नहीं होता। इस किरदार की गहराई और दर्द को उन्होंने उस समय बड़ी ईमानदारी से जिया था और अब जब फिल्म दोबारा रिलीज हो रही है, तो उनके लिए यह अनुभव एक बार फिर ताजगी से भर गया है।

‘धड़कन’ दर्शाती है भारतीय संस्कृति की सच्ची तस्वीर

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सुनील शेट्टी ने आज की पीढ़ी की बदलती सोच पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आजकल की शादियों में बहुत जल्दी रिश्ते टूट जाते हैं क्योंकि लोग एक-दूसरे से नराज होकर तुरंत फैसला ले लेते हैं। लेकिन ‘धड़कन’ हमें बताती है कि रिश्ते कैसे निभाए जाते हैं। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे एक महिला अपने पति की सच्चाई और प्यार को समझकर, अपने पहले प्यार को पीछे छोड़ आगे बढ़ती है। यह फिल्म विश्वास, त्याग और समझदारी की मिसाल है और हमारी भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ी हुई है।”

उन्होंने कहा कि इस फिल्म में विवाह के रिश्ते को बेहद गरिमा के साथ दिखाया गया है और यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि सच्चा प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं, बल्कि निभाने का नाम है। सुनील शेट्टी का मानना है कि आज के युवाओं को इस फिल्म से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

 

‘धड़कन’ का सफर और गानों की यादें

‘धड़कन’ एक मल्टीस्टारर फिल्म थी जिसमें अक्षय कुमार, शिल्पा शेट्टी और सुनील शेट्टी मुख्य भूमिकाओं में थे। फिल्म की कहानी एक प्रेम त्रिकोण पर आधारित थी, जिसमें अंजलि (शिल्पा शेट्टी) का दिल देव (सुनील शेट्टी) के लिए धड़कता है, लेकिन वह अपने परिवार की मर्जी से राम (अक्षय कुमार) से शादी कर लेती है। धीरे-धीरे वह राम के प्यार और इंसानियत को समझने लगती है और अपने पहले प्यार को भूलकर एक पत्नी का फर्ज निभाती है। फिल्म की यही यात्रा दर्शकों को भावनाओं से जोड़ती है।

सिर्फ फिल्म की कहानी ही नहीं, इसके गाने भी लोगों की जुबान पर चढ़ गए थे। ‘तुम दिल की धड़कन में’, ‘अक्सर इस दुनिया में अंजाने मिलते हैं’, और ‘दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है’ जैसे गीत आज भी शादियों और फंक्शनों में बजते हैं। इन गानों की मेलोडी और शब्दों की मिठास ने फिल्म को यादगार बना दिया था।

फिल्म का निर्देशन और प्रदर्शन

धर्मेश दर्शन ने ‘धड़कन’ को जिस सादगी और भावनात्मक गहराई के साथ निर्देशित किया था, वह आज भी दर्शकों के दिलों को छूती है। साल 2000 में जब यह फिल्म रिलीज हुई थी, तब इसे जबरदस्त सराहना मिली थी और सुनील शेट्टी को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट विलेन भी मिला था। अब जब फिल्म दोबारा बड़े पर्दे पर आई है, तो नई पीढ़ी को यह समझने का मौका मिलेगा कि 2000 के दशक की फिल्में किस तरह से रिश्तों की परिभाषा को दर्शाती थीं।

 

‘धड़कन’ की वापसी केवल एक फिल्म का दोबारा रिलीज होना नहीं है, बल्कि यह उन भावनाओं की पुनरावृत्ति है जो लोगों ने दो दशक पहले महसूस की थीं। सुनील शेट्टी का बयान इस बात की गवाही देता है कि यह फिल्म आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है। 25 साल बाद भी ‘धड़कन’ उसी भाव से लोगों को जोड़ रही है और यही इसकी सबसे बड़ी खूबी है।

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