प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY)

युवाओं के लिए खुशखबरी! सरकार दे रही है नौकरी में सहारा, जानें PMRPY योजना की खास बातें

प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY): आज के दौर में नौकरी मिलना आसान काम नहीं है। खासकर नए-नए पढ़ाई पूरी करके निकले युवा जब पहली बार जॉब के लिए दर-दर भटकते हैं, तो उनके लिए ये सफर और भी मुश्किल हो जाता है। इसी परेशानी को कम करने के लिए सरकार ने एक खास योजना शुरू की है जिसका नाम है प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY)। यह योजना केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई थी और इसका फोकस युवा वर्ग पर रखा गया था। इससे नौकरी के नए मौके खुलते हैं और युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में प्रवेश आसान होता है।

PMRPY योजना क्या है और क्यों शुरू हुई?

सरकार ने ये योजना अगस्त 2016 में शुरू की थी। इसका मकसद था देश में बेरोजगारी को कम करना और युवाओं को नौकरी दिलाना। इस योजना के तहत अगर कोई कंपनी किसी नए कर्मचारी को नौकरी देती है, तो उसके PF (Provident Fund) का कुछ हिस्सा सरकार खुद देती है। यानी कंपनी को उस कर्मचारी के PF की रकम देने की ज़रूरत नहीं होती, वो पैसा सरकार देती है। इससे कंपनियों को राहत मिलती है और वो ज्यादा युवाओं को रख पाती हैं। इससे रोजगार के अवसर भी पहले से कई गुना बढ़ते हैं।

 

किसे मिलेगा इस योजना का फायदा?

इस योजना का फायदा सिर्फ उन्हीं युवाओं को मिलता है जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है और जिन्होंने पहली बार नौकरी पकड़ी हो। यानी अगर आपने इससे पहले कहीं PF वाली नौकरी नहीं की है, तो आप इस योजना के लिए योग्य हैं। इसके अलावा, आपका आधार कार्ड, बैंक खाता और UAN नंबर (जो EPFO से मिलता है) होना जरूरी है। बिना इसके आप इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। अगर आपने पहले कहीं काम किया है लेकिन PF कटना शुरू नहीं हुआ था, तो आप फिर भी योजना में आ सकते हैं। जरूरी है कि PF का रिकॉर्ड पहली बार इसी नौकरी से शुरू हो।

कंपनी को क्या करना होता है?

किसी भी कंपनी को अगर PMRPY योजना का फायदा लेना है, तो उन्हें नए कर्मचारी को EPFO में रजिस्टर करना होता है और उसका PF खाता खुलवाना होता है। उसके बाद कंपनी सरकार की वेबसाइट पर जाकर इस योजना में आवेदन करती है। सरकार हर महीने उस कर्मचारी का PF का हिस्सा सीधे EPFO में जमा कर देती है। कंपनी को यह काम हर महीने सही समय पर करना होता है वरना सरकार की तरफ से मदद रुक सकती है। यही कारण है कि अब कई कंपनियां इस योजना के जरिए नई भर्ती पर जोर देती हैं।

सरकार कितना देती है पैसा?

 

शुरुआत में सरकार केवल 8.33% का हिस्सा देती थी जो कि पेंशन स्कीम से जुड़ा होता है। लेकिन बाद में सरकार ने इसे बढ़ाकर पूरा 12% तक कर दिया। यानी कर्मचारी के PF का पूरा हिस्सा सरकार देती है। ये रकम सरकार अधिकतम 3 साल तक देती है, जिससे उस दौरान कंपनी को कर्मचारी का PF देने की चिंता नहीं रहती। इससे कंपनियों की भर्ती लागत घटती है और वे नए कर्मचारियों को रखने में तेजी दिखाती हैं। इससे युवाओं को स्थायी और सुरक्षित नौकरी भी मिलने लगती है।

योजना से जुड़ी कुछ खास बातें जो जानना जरूरी है

इस योजना का फायदा केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलता है जो 1 अप्रैल 2016 के बाद नौकरी में जुड़े हैं और जिनकी सैलरी 15,000 रुपये प्रति महीना या उससे कम है। सरकार की तरफ से ये रकम सीधे EPFO के ज़रिए कर्मचारी के PF खाते में जमा की जाती है। इस योजना के लिए कंपनी को हर महीने ऑनलाइन पोर्टल पर रिपोर्ट भेजनी होती है। अगर कंपनी कोई गलती करती है या समय पर डेटा नहीं देती, तो कर्मचारी योजना से बाहर हो सकता है।

युवाओं को मिलने वाला असली फायदा

इस योजना के चलते कंपनियां नए लोगों को नौकरी देने में हिचकती नहीं हैं क्योंकि उन्हें PF का बोझ नहीं उठाना पड़ता। दूसरी तरफ युवाओं को नौकरी मिलने के चांस बढ़ जाते हैं। इससे पहली बार जॉब करने वाले युवाओं को जॉब मिलना ज्यादा आसान हो जाता है। ये योजना छोटे शहरों और गांव के युवाओं के लिए भी मौका बनकर आई है।

 

अगर आप युवा हैं, पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और पहली बार नौकरी के लिए तैयार हैं, तो PMRPY योजना आपके लिए शानदार मौका है। इस योजना से न सिर्फ आपको नौकरी मिलने में आसानी होगी बल्कि आपकी कंपनी को भी फायदा होगा। सरकार का मकसद है ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना और देश में बेरोजगारी को कम करना। इसलिए अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अपना आधार, बैंक खाता और UAN नंबर तैयार रखें और जब भी आपको PF वाली नौकरी मिले तो जान लें कि आप इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। योजना के बारे में अपने दोस्तों और परिवार के लोगों को भी बताएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।

 

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