Home Loan EMI Bounce: आज के समय में घर खरीदना हर इंसान का सपना होता है और ज़्यादातर लोग इस सपने को पूरा करने के लिए होम लोन लेते हैं। लेकिन कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं जब EMI समय पर नहीं भर पाते। किसी महीने नौकरी चली जाती है, कभी मेडिकल इमरजेंसी आ जाती है या कोई और आर्थिक दबाव आ जाता है। ऐसे में अगर आपकी एक या दो EMI बाउंस हो जाती है तो क्या बैंक फौरन घर छीन लेगा?
बहुत से लोगों के मन में ये डर बैठा रहता है और कई बार बिना सही जानकारी के वे तनाव में आ जाते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि बैंक भी नियमों के तहत ही काम करता है और आपको अपना पक्ष रखने का पूरा मौका देता है। आइए जानते हैं कि होम लोन की EMI चूकने पर बैंक क्या-क्या कदम उठाता है और आपके पास क्या विकल्प रहते हैं।
EMI बाउंस होते ही क्या होता है’
अगर आपने किसी महीने की EMI नहीं भरी, तो सबसे पहले बैंक आपको एक SMS या ईमेल के जरिए रिमाइंडर भेजता है। इसके साथ ही आपको लेट फीस भी लगाई जाती है जो आमतौर पर ₹500 से ₹1000 के बीच होती है।
अगर लगातार दो या तीन किस्तें चूक जाती हैं, तो बैंक इस मामले को थोड़ा गंभीरता से देखता है और आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ‘Default’ की एंट्री हो सकती है। इससे आपके भविष्य में कोई और लोन लेने की संभावना कमजोर हो सकती है। लेकिन अभी तक यह स्थिति ‘Non-Performing Asset’ (NPA) नहीं मानी जाती।
तीन महीने की चूक पर बढ़ती है सख्ती
अगर लगातार तीन महीने तक EMI नहीं भरी गई, तो बैंक आपके लोन अकाउंट को NPA यानी नॉन-परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर सकता है। इसका मतलब होता है कि बैंक अब इसे डूबता खाता मान रहा है और इस पर वसूली की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
बैंक आपको एक लीगल नोटिस भेजेगा, जिसमें 60 दिनों के भीतर बकाया राशि जमा करने के लिए कहा जाएगा। अगर आपने इस नोटिस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की, तो बैंक आपके घर को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
घर की नीलामी और लोन रिकवरी का प्रोसेस
बैंक के पास अधिकार होता है कि वह SARFAESI Act 2002 के तहत बिना कोर्ट में गए ही आपकी प्रॉपर्टी को जब्त कर सके। इसके लिए वह पहले आपकी संपत्ति की वैल्यू निर्धारित करता है और फिर अखबार में विज्ञापन के जरिए नीलामी की तारीख घोषित करता है।
अगर उस तारीख तक आप पूरा बकाया जमा नहीं करते, तो बैंक आपकी संपत्ति को नीलाम कर देता है और उस पैसे से लोन की वसूली करता है। अगर नीलामी से पूरा पैसा नहीं मिलता, तो बाकी की रकम भी आपसे वसूली जा सकती है।
EMI न भर पाने की स्थिति में क्या करें
अगर आपको लगता है कि आने वाले महीनों में आप EMI नहीं भर पाएंगे, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें। बैंक को साफ-साफ अपनी स्थिति बताएं और लोन री-स्ट्रक्चरिंग या मोराटोरियम की सुविधा के बारे में पूछें।
COVID-19 के समय सरकार और बैंकों ने EMI स्थगन की सुविधा दी थी, जिसे कई लोगों ने इस्तेमाल किया। अब भी अगर आपकी आर्थिक स्थिति वाकई खराब है, तो बैंक आपसे सहयोग कर सकता है, बशर्ते आप ईमानदारी से बात रखें।
क्रेडिट स्कोर और भविष्य पर असर
EMI बाउंस होने का सीधा असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है। अगर आपने लगातार तीन महीने EMI नहीं भरी तो आपका स्कोर 100–150 पॉइंट तक गिर सकता है। इससे आगे चलकर आपको पर्सनल लोन, कार लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में दिक्कत आ सकती है।
इसलिए हमेशा कोशिश करें कि समय पर EMI भरें, और अगर दिक्कत हो रही हो तो वक्त रहते बैंक से बात करें। लेट फीस, पेनाल्टी और क्रेडिट डाउनग्रेड से बेहतर है कि पहले ही स्थिति को संभाल लिया जाए।