CIBIL Score: अगर आप सोच रहे हैं कि होम लोन बस बैंक की औपचारिकता भर है, तो जरा रुकिए। बैंक आपको कितने ब्याज पर लोन देगा, ये काफी हद तक आपके CIBIL स्कोर पर निर्भर करता है। एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री आपको सिर्फ जल्दी लोन ही नहीं दिलाती, बल्कि लाखों रुपये की बचत भी करवा सकती है।
मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है। अगर आपका CIBIL स्कोर अच्छा है, तो आप कम ब्याज दर पर लोन पा सकते हैं। वही अगर स्कोर कमजोर हो तो आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है। यही ब्याज का फर्क 20 साल की अवधि में 19 लाख रुपये तक की बचत या नुकसान कर सकता है।
CIBIL स्कोर क्या होता है और कैसे बनता है
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाती है। ये स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। जितना ज्यादा स्कोर, उतनी ज्यादा बैंक की नजर में आपकी विश्वसनीयता।
अगर आपने समय पर अपने लोन और क्रेडिट कार्ड की किश्तें चुकाई हैं, तो आपका स्कोर अच्छा रहेगा। वहीं, लेट पेमेंट, लोन डिफॉल्ट या ज्यादा क्रेडिट उपयोग करने से स्कोर गिरता है। आमतौर पर 750 से ऊपर का स्कोर बेहतरीन माना जाता है और इससे लोन सस्ता मिलता है।
अच्छे स्कोर पर मिलती है कम ब्याज दर
अब बात करते हैं उस फायदे की जो एक अच्छा CIBIL स्कोर दिलाता है। अगर आपका स्कोर 800 या उससे ऊपर है, तो बैंक आपको 8% या उससे भी कम ब्याज पर होम लोन दे सकता है।
वहीं अगर स्कोर 650–700 के बीच है, तो ब्याज 9% से ऊपर जा सकता है। इसका सीधा असर आपकी EMI पर पड़ेगा। मान लीजिए आपने 50 लाख का लोन 20 साल के लिए लिया है, तो:
8% ब्याज पर आपकी कुल EMI बनती है करीब ₹41,822
9.5% ब्याज पर EMI हो जाती है ₹46,607
इससे 20 साल में कुल भुगतान का अंतर होता है करीब ₹18.9 लाख। सोचिए, सिर्फ स्कोर बेहतर होने पर इतना फायदा मिल सकता है।
स्कोर सुधारने के तरीके
अगर आपका स्कोर अच्छा नहीं है, तो घबराने की बात नहीं। कुछ आसान तरीकों से आप स्कोर सुधार सकते हैं। सबसे पहले अपने पुराने बकाए चुकाएं और सभी किश्तें समय पर भरें।
क्रेडिट कार्ड लिमिट का कम से कम उपयोग करें और अनावश्यक लोन न लें। साथ ही, किसी भी गलत जानकारी को CIBIL पोर्टल पर जाकर सही करवाएं। 6 से 12 महीनों में आपको फर्क दिखने लगेगा और आपका स्कोर धीरे-धीरे सुधर सकता है।
बैंकों की नजर में भरोसेमंद ग्राहक कौन होता है
बैंक उन ग्राहकों को पसंद करते हैं जिनका फाइनेंशियल रिकॉर्ड साफ हो। CIBIL स्कोर के अलावा वे आपकी नौकरी, आय, पहले के लोन रिकॉर्ड और मौजूदा EMI लोड भी देखते हैं।
अगर आप पहले ही कई लोन ले चुके हैं, तो बैंक आपको हाई रिस्क समझ सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि लोन लेने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें और जरूरत हो तो थोड़ी देर रुककर स्कोर सुधारें, ताकि बाद में भारी ब्याज से बचा जा सके।
सही प्लानिंग से बढ़ेगा फायदा
होम लोन एक लंबी अवधि का फाइनेंशियल कमिटमेंट होता है। ऐसे में अगर शुरुआत में ही आप ब्याज दर में 1% भी कम करा लें, तो लाखों की बचत हो सकती है।
इसलिए लोन लेने से पहले सिर्फ ब्याज दर नहीं, बल्कि अपनी CIBIL स्थिति भी समझना जरूरी है। आजकल कई बैंक सिर्फ स्कोर के आधार पर लोन पास कर रहे हैं, ऐसे में यह आपके पूरे लोन प्रोसेस का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है।