India Crime News: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पुलिस ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई कर उस गैंग का पर्दाफाश किया है जो एटीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ कर नकदी चुराने का काम कर रही थी। ये मामला इसलिए भी खास बन गया क्योंकि इसमें पकड़े गए सभी आरोपी उत्तर प्रदेश से आए हुए थे और प्रोफेशनल तरीके से शहर के अलग-अलग इलाकों में एटीएम को निशाना बना रहे थे। ये लोग पहले इलाके की रेकी करते थे, फिर रात के वक्त तकनीकी गड़बड़ी पैदा करके मशीन से बड़ी रकम निकाल लेते थे। चेन्नई पुलिस की तेज़ कार्रवाई और सतर्कता ने इस गैंग को काबू में कर लिया, जिससे शहर में लोगों और बैंकों को राहत की सांस मिली है।
गैंग का ऑपरेशन तरीका और पुलिस की नजर में कैसे आए
पुलिस सूत्रों के अनुसार ये गिरोह बहुत ही चालाकी से काम करता था। सबसे पहले ये लोग चेन्नई शहर के भीड़भाड़ वाले लेकिन कम सुरक्षा वाले इलाकों की पहचान करते थे। फिर एक-एक करके एटीएम की गतिविधियों पर नज़र रखते थे कि किस समय मशीन में कैश भरा जाता है, और सुरक्षा गार्ड कितनी देर तक मौजूद रहता है। गिरोह के सदस्य आम ग्राहक बनकर एटीएम में घुसते थे, और अंदर जाकर मशीन के हार्डवेयर को छेड़ते थे ताकि ट्रांजैक्शन करते समय पैसा बाहर आए लेकिन रिकॉर्ड सिस्टम में न जाए।
कुछ मशीनों में ये लोग कार्ड स्लॉट के पास फर्जी डिवाइस भी लगाते थे, जिससे ग्राहक की जानकारी भी चोरी हो जाती थी। जैसे ही पुलिस को लगातार दो एटीएम में छेड़छाड़ और चोरी की शिकायत मिली, उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया। सीसीटीवी फुटेज और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने इनकी पहचान की और एक ही रात में शहर के अलग-अलग इलाकों से 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
उत्तर प्रदेश से आई थी पूरी टीम, बड़े शहरों को बना रखा था निशाना
जांच में सामने आया कि ये सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए थे, जिनकी उम्र 25 से 35 साल के बीच है। ये लोग पहले भी इसी तरह की घटनाओं में शामिल रह चुके हैं, और दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। चेन्नई पुलिस ने बताया कि यह गिरोह हर बार शहर बदलकर वारदात करता था, जिससे पकड़ में आने के चांस कम हो जाएं।
चेन्नई में इनका टारगेट उन एटीएम को बनाना था जो प्राइवेट बैंकों के थे और जहां रात में गार्ड की मौजूदगी कम रहती थी। एक बार मशीन से पैसा निकालने में कामयाब हो जाते, तो दो दिन बाद दूसरी जगह वारदात करते थे। पुलिस ने इनके पास से ₹14 लाख नकद, कई एटीएम कार्ड, डिवाइस और फर्जी पहचान पत्र बरामद किए हैं।
चेन्नई पुलिस की मुस्तैदी से हुआ भंडाफोड़
चेन्नई पुलिस की साइबर टीम और लोकल इंटेलिजेंस विंग की सतर्कता के कारण ही इतनी बड़ी साजिश को रोका जा सका। पुलिस ने सबसे पहले बैंक अधिकारियों से मिलकर ऐसे एटीएम की लिस्ट तैयार की जहां बीते कुछ दिनों में गड़बड़ी हुई थी। इसके बाद उन सभी जगहों के सीसीटीवी फुटेज मंगाए गए और फुटेज को फ्रेम दर फ्रेम खंगाला गया।
वहीं, कुछ चश्मदीदों ने भी बताया कि उन्होंने कुछ अजनबी चेहरों को एक ही इलाके में कई बार देखा है। इससे पुलिस को सुराग मिला और उन्होंने उन इलाकों में छापेमारी कर एक-एक करके सभी आरोपियों को धर दबोचा। पुलिस का कहना है कि अभी भी कुछ सदस्य फरार हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
अब क्या कदम उठा रही है पुलिस और बैंक प्रशासन
इस घटना के बाद चेन्नई पुलिस ने सभी बैंकों को पत्र लिखकर एटीएम सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खासकर रात के वक्त सीसीटीवी निगरानी, गार्ड की ड्यूटी और तकनीकी उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है।
बैंक प्रशासन ने भी हाई रिस्क एरिया की पहचान करके वहां दोहरी सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ बैंक अब बायोमेट्रिक आधारित एटीएम और फेस रिकग्निशन सिस्टम को पायलट रूप में लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं, जिससे मशीन के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर तुरंत अलार्म बज जाए। पुलिस का कहना है कि यह मामला सिर्फ चेन्नई तक सीमित नहीं, बल्कि देशभर के बैंकों के लिए चेतावनी है कि अब तकनीक से होने वाले अपराधों से निपटने के लिए उन्हें और सतर्क रहना होगा।