property rights: भारत में लड़की की शादी के बाद उसका रिश्ता सिर्फ उसके पति से ही नहीं, बल्कि पूरे ससुराल से जुड़ जाता है। वह सिर्फ अपने ससुराल में जिम्मेदारियां का बोझ नहीं उठाती, बल्कि घर की इज्जत, परंपरा श्रुति को भी अपने साथ लेकर चलती है। लेकिन जब बात संपत्ति के अधिकार पर आती है, तो बहुत से लोग अभी भी यह नहीं जानते की एक बहू का अपने ससुराल की संपत्ति में क्या अधिकार होता है।
बहुत से मामले में देखा जाता है कि जब पति की मृत्यु हो जाती है या पारिवारिक विवाद होता है, तब बहू को घर से निकल जाने की कोशिश की जाती है। ऐसी स्थिति में यदि बहू को अपने कानूनी हक की जानकारी ना हो, तो वह चुपचाप सब कहती रहती है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कानून बहू को ससुराल की संपत्ति में क्या अधिकार देता है से मामले में वह दावा कर सकती है।
पति के जीवित रहते हुए बहू के अधिकार
कानून के मुताबिक, जब पति जीवित होता है, तो उसकी पत्नी को पति की संपत्ति पर अधिकार नहीं होता, खास करता बच्चा बाबा संपत्ति पति के नाम पर नहीं बल्कि ससुराल में अन्य किसी के नाम पर हो। अगर ससुराल की संपत्ति पैतृक है यानी दादा दादी से मिली है, तो बहू का उसे पर कोई सिद्ध अधिकार नहीं बनता।
लेकिन अगर पति की जाती है, तब बहू को अपने पति के हिस्से के अनुसार संपत्ति में हिस्सा मिलता है। यह हिस्सा भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत किया गया है। उदाहरण के लिए, अगर पति की मृत्यु के समय उसके माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं, तो संपत्ति इन सबके बीच बराबर माटी जाती है।
पति की मृत्यु के बाद बहू का क्या हक होता है
यदि बहू का पति नहीं रहा और वह विधवा हो गई, तो उसकी कानून थोड़ा ज्यादा संवेदनशील सील हो जाता है। ऐसी स्थिति में बहू को अपने पति के हिस्से की संपत्ति में पूरा अधिकार होता है। वह उसे हिस्से की मालिक बन जाती है और कोई भी ससुराल वाला उसे उस संपत्ति से बेदखल नहीं कर सकता।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई फसलों में यह बात स्पष्ट हो चुकी है की बहू को ससुराल में रहने का अधिकार भी है, संपत्ति ससुर की ही क्यों ना हो। अगर बहू को ससुराल से निकाला जाता है या उसे परेशान किया जाता है, तो वह घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत ने की मांग कर सकती है।
क्या बहू ससुर की संपत्ति में हकदार है?
सवाल यह होता है कि अगर ससुर की संपत्ति है और बेटा यानी बहू का पति अभी जीवित है, तो क्या बहू को उसमें कुछ मिलेगा? जवाब है- नहीं। जब तक पति जीवित है और ससुर की संपत्ति पर कोई वसीयत नहीं है, तब तक बहू को उसे संपत्ति में कोई सीता हक नहीं मिलता।
लेकिन जैसे ही ससुर की मृत्यु होती है और अगर उन्होंने कोई वसीयत नहीं छोड़ी है, तो उनके कानूनी उत्तराधिकारियों में बेटा, बहू के पति, और अगर पति की मृत्यु हो गई है तो बहू भी शामिल हो सकती है। उस स्थिति में बहू अपने बच्चों के हक के लिए संपत्ति में समान सकती है।
बहू के लिए कानूनी सुरक्षा के उपाय
बहू के पास अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए कानून के कई मजबूत हथियार मौजूद है। घरेलू हिंसा कानून, उत्तराधिकार कानून और crpc केके धारा यह बहू को ससुराल में रहने और सुरक्षा का पूरा अधिकार देती है।
अगर ससुराल पक्ष जबरदस्ती घर से निकलता है, तो बहू स्थानीय पुलिस या कोर्ट में अपील कर सकती है। कोर्ट बहू को रहने की जगह (shared household) देने का आदेश दे सकती है, भले ही वह घर बहू के नाम पर ना हो (shared household) साथ ही, कोर्ट खर्च और बच्चों की परवरिश के लिए भी ससुराल पक्ष को आदेश दे सकती है।
यह जानकारी हर महिला और परिवार तक जरूर पहुंचाएं ताकि बहु को उसके अधिकारों के बारे में सही जानकारी हो