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Income Tax Notice: डरने की नहीं, समझदारी से जवाब देने की जरूरत है, जानिए पूरा प्रोसेस

Income Tax Notice : आजकल जैसे ही मोबाइल या ईमेल पर आयकर विभाग का नोटिस आता है, बहुत से लोग घबरा जाते हैं। खासकर वो लोग जो पहली बार इनकम टैक्स भर रहे होते हैं या जिनका रिटर्न पहली बार स्क्रूटिनी में गया हो। लेकिन सच्चाई यह है कि इनकम टैक्स नोटिस मिलना हमेशा कोई बुरी बात नहीं होती। कई बार यह सिर्फ जानकारी मांगने या रिटर्न के किसी हिस्से को क्लैरिफाई करने के लिए होता है। इसलिए डरने की नहीं, समझदारी से सही समय पर जवाब देने की जरूरत होती है।

कई लोग घबराकर न तो समय पर जवाब देते हैं और न ही सही जानकारी अपडेट करते हैं, जिससे परेशानी और बढ़ जाती है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि अगर आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिलता है, तो आपको क्या करना चाहिए, किस तरह जवाब देना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

नोटिस मिलने के पीछे की वजहें क्या हो सकती हैं

आयकर विभाग जब किसी को नोटिस भेजता है, तो उसकी कई वजहें हो सकती हैं। जैसे आपने समय पर रिटर्न नहीं भरा, आपकी इनकम और रिटर्न में कोई अंतर दिख रहा है, ज्यादा खर्च दिखाया गया है या फिर किसी पुराने साल का मामला खुला है।

इसके अलावा अगर आपने फॉर्म 26AS या AIS में दिख रही जानकारी से अलग डिटेल फाइल की है, तो भी नोटिस आ सकता है। कई बार ये नोटिस सिर्फ यह बताने के लिए होता है कि आपके दस्तावेजों में कोई छोटा सुधार किया जाए। यानी हर नोटिस का मतलब पेनल्टी या जुर्माना नहीं होता। लेकिन हां, अगर आप समय पर इसका जवाब नहीं देते हैं तो मामला गंभीर जरूर बन सकता है।

नोटिस आने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए

अगर आपको इनकम टैक्स विभाग से कोई मेल या मैसेज आया है, तो सबसे पहले यह जांचें कि वह आधिकारिक है या नहीं। नोटिस हमेशा www.incometax.gov.in पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद ही असली तौर पर देखा जा सकता है।

अगर नोटिस वैध है, तो उसमें एक DIN नंबर होगा और तारीख भी लिखी होगी। उस नोटिस में साफ लिखा होता है कि आपको किस सेक्शन के तहत बुलाया गया है और कितने समय में जवाब देना है। नोटिस पढ़ने के बाद घबराएं नहीं, बल्कि किसी अच्छे टैक्स कंसल्टेंट या सीए से मिलें और पूरे डॉक्यूमेंट्स तैयार करें।

कैसे देना होता है नोटिस का जवाब

इनकम टैक्स नोटिस का जवाब देने के लिए अब आपको दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर लॉगिन करें, फिर “e-Proceedings” सेक्शन में जाकर नोटिस खोलें। वहां एक ऑप्शन होता है – “Submit Response”।

उस पर क्लिक करके आप अपनी बात रख सकते हैं। अगर कोई दस्तावेज अपलोड करना है तो वह भी इसी सेक्शन में अपलोड कर सकते हैं। ध्यान रहे कि सभी डिटेल्स साफ-सुथरे और सटीक हों। कोई झूठ या अधूरी जानकारी देने से मामला बिगड़ सकता है और विभाग जांच के लिए केस को आगे बढ़ा सकता है।

समय पर जवाब न देने पर क्या हो सकता है असर

अगर आपने नोटिस का जवाब समय पर नहीं दिया, तो आयकर विभाग आपके खिलाफ संकल्पनात्मक असेसमेंट (Best Judgement Assessment) शुरू कर सकता है। इसका मतलब है कि विभाग अपने हिसाब से मान लेगा कि आपने टैक्स चोरी की है और उसके अनुसार पेनल्टी और ब्याज लगाया जाएगा।

कई बार विभाग संपत्ति जब्ती, बैंक खाता सीज़ करने या कोर्ट केस तक की कार्रवाई भी कर सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि नोटिस को नजरअंदाज न करें और समय रहते पूरा जवाब दें। अगर आपके पास पूरे कागज़ात नहीं हैं तो आप समय मांग सकते हैं, लेकिन प्रतिक्रिया ज़रूर दें।

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