Gold Rate : भारत में सोना सिर्फ गहनों की चीज़ नहीं, बल्कि लोगों की भावना और निवेश का एक सुरक्षित जरिया भी है। शादी-ब्याह से लेकर त्योहार तक, सोने की मांग हमेशा बनी रहती है और यही वजह है कि इसके दाम में लगातार उतार-चढ़ाव आता रहता है। अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसने अगले कुछ वर्षों के लिए सोने के रेट को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक जून 2026 तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹80,000 से ₹85,000 तक पहुंच सकती है। यह खबर उन लोगों के लिए खास मायने रखती है जो निवेश के लिए सोने को पहली पसंद मानते हैं। बीते कुछ वर्षों के ट्रेंड और आने वाले वैश्विक आर्थिक हालात को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है कि सोना आने वाले समय में निवेशकों को बड़ा रिटर्न दे सकता है।
वैश्विक बाजार और डॉलर की स्थिति का सीधा असर
सोने की कीमत में सबसे बड़ा प्रभाव अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर की चाल का होता है। जब डॉलर कमजोर होता है या आर्थिक संकट गहराता है, तो निवेशक अपने पैसे को सुरक्षित करने के लिए सोने की ओर भागते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर की अनिश्चितता और क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी सोने को निवेश का भरोसेमंद विकल्प बना दिया है।
आने वाले दो वर्षों में अगर वैश्विक स्तर पर मंदी या राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो सोने की कीमतें तेजी से ऊपर जा सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को स्थिर रखने के मूड में हैं, जिससे सोने की मांग बनी रह सकती है। इसके अलावा चीन और भारत जैसे देशों में फिजिकल गोल्ड की डिमांड भी लगातार बनी हुई है।
घरेलू बाजार में मांग और शादी-ब्याह का असर
भारत में हर साल लाखों शादियाँ होती हैं, और हर शादी में सोने का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है। यही वजह है कि भारत में सोने की डिमांड दुनिया में सबसे ज़्यादा रहती है। साल 2024 और 2025 में शादियों की संख्या और बड़े त्योहारों की लाइन लगी हुई है, जिससे गोल्ड की खरीद में तेजी बनी रहने वाली है। इसके अलावा सरकार की ओर से डिजिटल गोल्ड और गोल्ड बॉन्ड्स को बढ़ावा मिलने से भी निवेशकों का रुझान सोने की ओर बढ़ा है।
जब डिमांड बढ़ती है, तो स्वाभाविक रूप से कीमतें भी ऊपर जाती हैं। रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब सोने को सिर्फ जेवर नहीं बल्कि बचत और इन्वेस्टमेंट के रूप में देखा जाने लगा है। ऐसे में जून 2026 तक अगर सोना ₹85,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच जाए, तो यह किसी को हैरानी नहीं होगी।
सोने में निवेश की रणनीति कैसी होनी चाहिए
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट से हटकर थोड़ा सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो सोना आपके लिए एक बढ़िया विकल्प बन सकता है। लेकिन निवेश करने से पहले यह समझना जरूरी है कि सोना एक लॉन्ग टर्म असेट है और इसमें छोटा मुनाफा देखकर जल्दी निकालने का विचार नुकसान दे सकता है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि गोल्ड में निवेश SIP की तरह किया जाए — यानी हर महीने थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदा जाए ताकि कीमत के उतार-चढ़ाव का असर कम हो। इसके अलावा डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ETF जैसे विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए, जिससे फिजिकल सोने की सुरक्षा का झंझट न हो। आने वाले दो वर्षों में अगर आप सही रणनीति से सोने में निवेश करते हैं, तो जून 2026 तक अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है जून 2026 के अनुमान को लेकर
विश्वस्तरीय फाइनेंशियल एजेंसियों और निवेश बैंकों की रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतों में 2024 से 2026 तक लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। उनका मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार की अस्थिरता के चलते आम निवेशक फिर से गोल्ड की ओर लौटेंगे। इसके साथ ही भारत सरकार की मौद्रिक नीति, आयात शुल्क, और GST जैसे फैक्टर भी कीमतों को प्रभावित करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2026 तक सोना ₹80,000 से ₹85,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है, खासकर 24 कैरेट शुद्धता के लिए। वहीं 22 कैरेट गोल्ड का रेट ₹72,000 से ₹76,000 तक रहने का अनुमान है। ये आंकड़े सिर्फ अटकल नहीं बल्कि बीते कुछ वर्षों के आंकड़ों और आने वाले आर्थिक समीकरणों पर आधारित हैं।