India Crime News: जिस खबर ने दिल्ली, असम और उत्तराखंड में हलचल मचा दी है, वह अब पुलिस की बड़ी चुनौती बन चुकी है। एक असम की युवती जो कुछ दिन पहले दिल्ली से अचानक गायब हो गई थी, उसकी लाश अब उत्तराखंड के एक दूर-दराज इलाके से बरामद हुई है। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और परिवार वालों का दुख और गुस्सा दोनों चरम पर हैं।
जानकारी के मुताबिक, 25 वर्षीय युवती दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करती थी। वह बीते सप्ताह अचानक ऑफिस से घर नहीं लौटी। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस में दर्ज करवाई थी। लेकिन जब कई दिन तक उसका कोई सुराग नहीं लगा, तो परिजन और पुलिस दोनों ही चिंतित हो गए। अब जब उत्तराखंड से उसकी लाश बरामद हुई है, तो पूरा मामला हत्या की ओर इशारा कर रहा है।
कैसे सामने आया मामला
यह मामला तब सामने आया जब उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक स्थानीय ग्रामीण ने जंगल के पास दुर्गंध आने की सूचना पुलिस को दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्हें एक महिला का शव मिला, जो बुरी हालत में था। जांच के बाद जब पहचान करवाई गई तो पता चला कि शव दिल्ली से लापता युवती का है, जो असम की रहने वाली थी।

शव की हालत देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या करीब 4 से 5 दिन पहले की गई होगी। साथ ही शव को पहचानने में भी काफी दिक्कत आई, लेकिन युवती के पास मिले कुछ दस्तावेज़ों और गहनों के जरिए उसकी शिनाख्त हो सकी। इस खबर के बाद पुलिस ने केस को गंभीरता से लिया है और अब तक कई लोगों से पूछताछ भी की जा चुकी है।
परिवार वालों का दर्द और सवाल
युवती के परिवार वालों का कहना है कि वह किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी में नहीं थी और न ही उसने कभी घर से जाने की बात की थी। उसके अचानक लापता होने के बाद परिवार ने दिल्ली पुलिस से लगातार मदद मांगी थी, लेकिन उन्हें समय पर कार्रवाई न होने की शिकायत है।
अब जब उनकी बेटी की लाश सैकड़ों किलोमीटर दूर उत्तराखंड में मिली है, तो परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मां का कहना है कि बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगी। परिजनों का शक है कि यह सुनियोजित हत्या है और इसमें कोई नजदीकी शामिल हो सकता है।
पुलिस जांच में क्या सामने आ रहा है
दिल्ली और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त जांच इस समय चल रही है। पुलिस की शुरुआती जांच में यह पता चला है कि युवती के मोबाइल की आखिरी लोकेशन उत्तराखंड बॉर्डर के पास की थी। उसके मोबाइल का सिग्नल लापता होने के अगले दिन तक एक्टिव था, इसके बाद फोन बंद हो गया।
इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति उसके साथ आखिरी बार देखा गया है। पुलिस उस व्यक्ति की तलाश कर रही है। जांच अधिकारियों का कहना है कि यह मामला किडनैपिंग और मर्डर का हो सकता है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है जिससे मौत की असल वजह साफ हो सके।
सोशल मीडिया और आम जनता की प्रतिक्रिया
जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों देखने को मिली। ट्विटर और फेसबुक पर कई लोगों ने दिल्ली पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। खासकर महिला सुरक्षा को लेकर फिर से बहस तेज हो गई है।
यूज़र्स का कहना है कि जब एक कामकाजी लड़की देश की राजधानी से अचानक लापता हो जाती है और फिर उसकी लाश किसी पहाड़ी राज्य में मिलती है, तो यह सिस्टम की विफलता है। कई महिला संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
मामले का असर और आगे की कार्रवाई
यह केस अब तूल पकड़ चुका है और राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है। असम के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि अगर दिल्ली पुलिस समय पर हरकत में आती तो शायद लड़की की जान बचाई जा सकती थी।
उत्तराखंड पुलिस भी अब हर पहलू की जांच कर रही है और मामले को तेजी से सुलझाने का भरोसा दिला रही है। एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और जल्द ही SIT (Special Investigation Team) के जरिए मामले की गहराई से जांच की जाएगी।