ATM: देश में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन आज भी करोड़ों लोग कैश ट्रांजैक्शन पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर आप भी अक्सर एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो आपके लिए एक अहम अपडेट है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को एटीएम ट्रांजैक्शन पर नए चार्ज लगाने की मंजूरी दे दी है। यह बदलाव उन लोगों को सीधा प्रभावित करेगा जो महीने में कई बार एटीएम से पैसे निकालते हैं।
इस फैसले के बाद एटीएम से कैश निकालना अब पहले से थोड़ा महंगा हो गया है। बदलाव के पीछे बैंकों की लंबे समय से चली आ रही मांग और एटीएम ऑपरेशन की बढ़ती लागत को वजह बताया जा रहा है। आइए जानते हैं कि ये नया नियम क्या है, किसे कितना असर होगा और अब आपको एटीएम से पैसा निकालते समय क्या सावधानियां बरतनी होंगी।
ATM से निकासी पर नए चार्ज की व्यवस्था
RBI की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब ग्राहक हर महीने केवल कुछ सीमित फ्री ट्रांजैक्शन ही कर सकते हैं। मेट्रो शहरों में 3 और नॉन-मेट्रो शहरों में 5 फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी, लेकिन इनसे ज़्यादा निकासी करने पर अब प्रति ट्रांजैक्शन ₹21 तक का चार्ज लगाया जा सकता है।
पहले यह शुल्क ₹20 था, जिसे अब ₹1 बढ़ाकर ₹21 किया गया है। यह बढ़ोत्तरी छोटी जरूर लग सकती है, लेकिन जिन ग्राहकों को बार-बार नकदी की ज़रूरत होती है, उनके लिए यह बड़ी बात है। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां डिजिटल ट्रांजैक्शन का उपयोग कम है, वहां यह बदलाव ज्यादा असर डाल सकता है।
किस प्रकार के ट्रांजैक्शन पर लगेगा चार्ज
यह शुल्क केवल कैश निकासी पर ही नहीं, बल्कि बैलेंस चेक, मिनी स्टेटमेंट और फंड ट्रांसफर जैसे कुछ नॉन-कैश ट्रांजैक्शन पर भी लागू हो सकता है अगर वे फ्री लिमिट से अधिक होते हैं। हालांकि, अलग-अलग बैंकों के नियमों में कुछ फर्क हो सकता है, इसलिए ग्राहकों को अपने बैंक की गाइडलाइन को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
कुछ बैंक जैसे SBI, HDFC, ICICI और Axis Bank पहले से ही एटीएम पर नॉन-फ्री ट्रांजैक्शन पर यह शुल्क ले रहे हैं। अब RBI की मंजूरी के बाद यह प्रैक्टिस और अधिक मान्यता प्राप्त कर चुकी है। इसका मतलब यह है कि अब एटीएम इस्तेमाल करते समय सोच-समझकर कदम उठाना होगा।
ग्राहकों के लिए बढ़ी चिंता और सतर्कता
एटीएम शुल्क में यह बढ़ोत्तरी भले ही बैंकों के लिए फायदेमंद हो, लेकिन आम लोगों पर इसका सीधा असर पड़ता है। कई बार लोग छोटी रकम निकालने के लिए बार-बार एटीएम जाते हैं, जिससे उनका ट्रांजैक्शन काउंट बढ़ता है और अतिरिक्त चार्ज लगने लगता है। अब ग्राहक इससे बचने के लिए एक साथ अधिक राशि निकालने की सोच सकते हैं।
इस बदलाव के बाद बैंक ग्राहकों को यह सुझाव दे रहे हैं कि वे डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता दें। यूपीआई, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसे माध्यमों से भुगतान करने पर ऐसे किसी शुल्क का सामना नहीं करना पड़ता। इससे ट्रांजैक्शन भी आसान होता है और पैसे की बचत भी होती है।
बैंकों की तरफ से दी गई सफाई
बैंकर्स का कहना है कि एटीएम ऑपरेशन और मेंटेनेंस में काफी खर्च होता है, जिसमें मशीन की सर्विसिंग, नकदी की उपलब्धता और सुरक्षा जैसे खर्चे शामिल हैं। इसके अलावा, एटीएम नेटवर्क को अपडेट और सिक्योर रखने के लिए भी लगातार निवेश की ज़रूरत होती है।
इन्हीं कारणों से बैंकों ने RBI से एटीएम शुल्क में बढ़ोत्तरी की मांग की थी, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है। बैंकों का यह भी तर्क है कि डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ते कदम को प्रोत्साहित करने के लिए यह एक आवश्यक नीति है। हालांकि, वे ग्राहकों से अपील कर रहे हैं कि वे स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग करें और एटीएम का इस्तेमाल सोच-समझकर करें।
ग्रामीण भारत और बुज़ुर्गों पर प्रभाव
जहां शहरी क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट अब सामान्य हो चुका है, वहीं गांवों और छोटे कस्बों में आज भी नकद लेन-देन का चलन ज्यादा है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एटीएम शुल्क का बढ़ना चिंता का विषय बन सकता है, खासकर बुज़ुर्गों और तकनीक से दूर रहने वाले नागरिकों के लिए।
सरकार और बैंक दोनों इस बात को समझते हुए जागरूकता अभियान चला रहे हैं ताकि लोग डिजिटल साधनों का इस्तेमाल सीखें और इन अतिरिक्त खर्चों से बच सकें। यदि यह रणनीति कामयाब रही तो ना सिर्फ ग्राहक लाभान्वित होंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
RBI द्वारा मंजूर की गई यह नई व्यवस्था एटीएम सेवा के खर्चों को संतुलित करने के लिए लागू की गई है। लेकिन इसका असर सीधे आम जनता पर पड़ रहा है। अब जरूरत है जागरूकता की, ताकि लोग एटीएम का सही इस्तेमाल करें और अतिरिक्त चार्ज से बच सकें। साथ ही, डिजिटल भुगतान को अपनाकर एक आधुनिक और सुविधाजनक वित्तीय व्यवस्था की ओर बढ़ें।
Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक सूचना और RBI की गाइडलाइन पर आधारित है। कृपया किसी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक से जानकारी प्राप्त करें। शुल्क दरें बैंक अनुसार बदल सकती हैं।