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चीन में नमक से चलने वाला स्कूटर, 15 मिनट में होगा चार्ज, जल्द आ सकता है भारत: Automobile News

Automobile News: जिस तरह दुनिया भर में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, वैसे ही इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग भी तेजी से बढ़ी है। लेकिन अब जो खबर चीन से आ रही है, वो इस इंडस्ट्री में एक नई क्रांति की तरह देखी जा रही है। चीन की एक टेक कंपनी ने ऐसा स्कूटर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो लिथियम-आयन बैटरी की जगह नमक आधारित सोडियम-आयन बैटरी से चलेगा।

इस स्कूटर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे सिर्फ 15 मिनट में चार्ज किया जा सकता है और इसकी लागत भी बहुत कम है। यही वजह है कि दुनियाभर में इस इनोवेशन की खूब चर्चा हो रही है, और खासकर भारत जैसे देशों में लोग इसे बड़े बदलाव के रूप में देख रहे हैं।

 

कैसे काम करती है नमक आधारित बैटरी

सोडियम-आयन बैटरी, लिथियम-आयन बैटरी की तरह ही काम करती है, लेकिन इसमें लिथियम की जगह सोडियम यानी नमक का उपयोग होता है। सोडियम धरती पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध है और इसकी लागत भी बहुत कम होती है।

इस टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे चार्ज करने में बहुत कम समय लगता है और यह हाई टेम्परेचर पर भी बेहतर काम करती है। इसके अलावा, यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें भारी धातुएं या टॉक्सिक केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता।

चार्जिंग में लगेगा सिर्फ 15 मिनट

 

अब तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने में घंटों लगते थे, जिससे लोग कई बार परेशान हो जाते थे। लेकिन इस सोडियम-आयन बैटरी वाले स्कूटर को सिर्फ 15 मिनट में फुल चार्ज किया जा सकेगा।

इसकी रेंज भी करीब 120–150 किलोमीटर तक होगी, जो शहरों में दैनिक आवागमन के लिए पर्याप्त है। जो लोग ऑफिस जाने, कॉलेज या लोकल मार्केट के लिए स्कूटर चलाते हैं, उनके लिए यह एक आदर्श विकल्प हो सकता है। इसके अलावा इसकी मेंटेनेंस कॉस्ट भी बेहद कम होगी, क्योंकि इसमें कोई इंजन नहीं है और पारंपरिक बैटरी की तुलना में यह ज्यादा टिकाऊ है।

क्यों है भारत के लिए फायदेमंद तकनीक

भारत में दोपहिया वाहनों की संख्या करोड़ों में है और हर साल लाखों लोग नया स्कूटर या बाइक खरीदते हैं। ऐसे में अगर नमक से चलने वाला स्कूटर बाजार में आता है, तो यह आम आदमी के बजट में फिट बैठ सकता है।

 

लिथियम की तुलना में सोडियम सस्ता और अधिक उपलब्ध है, जिससे इन स्कूटर्स की कीमत भी कम रहेगी। साथ ही भारत जैसे गर्म देश में हाई टेम्परेचर पर काम करने वाली बैटरी एक वरदान साबित हो सकती है।

सरकार भी अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दे रही है और अगर ऐसे सस्ते और टिकाऊ विकल्प मिलते हैं, तो देश की ऑटो इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आ सकता है।

कंपनी की योजना और उत्पादन का रोडमैप

चीन की प्रमुख बैटरी निर्माता कंपनियों में से एक, CATL (Contemporary Amperex Technology Co. Limited) ने इस बैटरी तकनीक पर वर्षों से काम किया है और अब इसे मार्केट में लाने की तैयारी कर रही है।

कंपनी का कहना है कि साल 2025 तक इस बैटरी को स्कूटर और अन्य छोटे वाहनों में इस्तेमाल के लिए तैयार कर दिया जाएगा। इसके बाद वह इसे अन्य देशों में निर्यात करने की योजना बना रही है।

अगर भारत में इसका उत्पादन शुरू होता है तो यह देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए बड़ा कदम होगा।

 

भविष्य की सवारी सस्ती, तेज और टिकाऊ

नमक से चलने वाले स्कूटर की खबर ने लोगों की सोच को बदलना शुरू कर दिया है। अब जब पर्यावरण संकट और ईंधन की बढ़ती कीमतें लोगों की जेब पर असर डाल रही हैं, तब यह टेक्नोलॉजी एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है।

लोग अब ऐसी सवारी चाहते हैं जो सस्ती हो, जल्दी चार्ज हो और लम्बी दूरी तय कर सके। यही कारण है कि सोडियम-आयन बैटरी वाले स्कूटर को लोग आने वाले वर्षों की गेमचेंजर टेक्नोलॉजी मान रहे हैं।

सरकारों को चाहिए कि वे इस दिशा में सहयोग करें ताकि देश में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ सके और आम आदमी को भी इसका सीधा फायदा मिल सके।

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