Corona Update: कोरोना ने एक बार फिर देश में दस्तक दे दी है और यह वापसी इतनी खामोशी से हुई कि किसी को अंदाजा तक नहीं हुआ। अभी कुछ ही हफ्ते पहले तक हालात सामान्य लग रहे थे, लेकिन अब जैसे-जैसे आंकड़े सामने आ रहे हैं, स्थिति फिर से चिंताजनक होती जा रही है। बीते 15 दिनों में कोरोना के सक्रिय मामलों में लगभग 20 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो आम जनता से लेकर प्रशासन तक को फिर से अलर्ट मोड पर ला चुकी है। खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर मामले उन राज्यों से आ रहे हैं जहां पहले भी संक्रमण का प्रकोप सबसे ज्यादा था।
किन राज्यों में बढ़ रहे हैं केस
देश के जिन राज्यों में केस तेजी से बढ़े हैं उनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु प्रमुख हैं। अकेले दिल्ली में ही Corona के एक्टिव केस की संख्या 700 के करीब पहुंच गई है जबकि महाराष्ट्र में रोज़ाना 300 से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं। केरल में भी हालात कुछ खास बेहतर नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन इलाकों में टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई गई है जिससे असली आंकड़ा सामने आ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि त्योहारी सीजन के बाद लापरवाही के चलते संक्रमण फिर से फैलने लगा है।
नए वैरिएंट और उनका असर
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि मौजूदा मामलों में सबसे ज्यादा संक्रमण कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 और BA.2.86 से हो रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि ये वैरिएंट बहुत ज्यादा घातक नहीं हैं, लेकिन इनकी संक्रमण दर काफी तेज है। इसका मतलब है कि ये वायरस तेजी से एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और पहले से बीमार लोग इस बार भी सबसे अधिक खतरे में हैं। इसलिए इन वर्गों के लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
सरकार और प्रशासन की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है जिसमें टेस्टिंग बढ़ाने, ऑक्सीजन बेड तैयार रखने और अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में कोविड आइसोलेशन वॉर्ड फिर से एक्टिव किए जा रहे हैं। कई राज्य अब मॉक ड्रिल के माध्यम से यह जांच कर रहे हैं कि अगर स्थिति बिगड़ती है तो कितना जल्दी और प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया दी जा सकती है। साथ ही RT-PCR टेस्ट को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि वैरिएंट की सही पहचान हो सके।
जनता की लापरवाही बन रही है कारण
जहां सरकार एक बार फिर से एक्टिव हो रही है, वहीं आम लोगों की लापरवाही स्थिति को और खराब कर रही है। सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने वाले लोगों की संख्या न के बराबर रह गई है। सोशल डिस्टेंसिंग तो जैसे अब किसी को याद ही नहीं रही। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ढिलाई ही इस बार के संक्रमण के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। लोगों ने मान लिया कि कोरोना चला गया है, लेकिन वायरस बार-बार यह साबित कर रहा है कि वह कभी भी लौट सकता है। इस बार उसका तरीका भले ही पहले जैसा घातक न हो, लेकिन लापरवाही से नुकसान जरूर हो सकता है।
फिर से सतर्क रहने की जरूरत
कोरोना को लेकर अब जरूरी है कि लोग फिर से वही पुरानी सावधानियां अपनाएं जिन्हें हम 2020 और 2021 में अपना चुके हैं। मास्क का इस्तेमाल, हाथों की सफाई, भीड़भाड़ से दूरी और हल्का बुखार या खांसी होने पर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी हो गया है।
इसके अलावा जिन लोगों ने अब तक बूस्टर डोज़ नहीं ली है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन की बूस्टर खुराक ले लेनी चाहिए, खासकर 60 साल से ऊपर के लोगों को। सरकार की तरफ से वैक्सीन सेंटर फिर से एक्टिव करने की योजना भी तैयार हो रही है ताकि संक्रमण को बढ़ने से पहले ही रोका जा सके।
अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाह होने का समय बिल्कुल नहीं है। अगर जनता सतर्क रही और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया, तो यह उभार भी जल्द ही काबू में आ सकता है। लेकिन यदि पिछली बार की तरह हमने चेतावनियों को नजरअंदाज किया, तो फिर से वही हालात लौट सकते हैं जो देश ने पहले देखे हैं। कोरोना अभी गया नहीं है, और यह बात जितनी जल्दी हम समझ लें, उतना बेहतर होगा।