DA Hike

DA Hike: पिछली बार कर्मचारियों को हुआ था नुकसान, अब कितनी बढ़ेगी सैलरी महंगाई भत्ते से, देखें पूरा हिसाब

DA Hike: महंगाई हर महीने जेब पर असर डालती है, लेकिन जब सरकार महंगाई भत्ते (DA) में इजाफा करती है, तो थोड़ा सुकून जरूर मिलता है। पिछले DA रिवीजन में केंद्रीय कर्मचारियों को जितनी उम्मीद थी, उतना फायदा नहीं मिला था। अब जुलाई 2025 की किस्त का इंतजार है और इस बार सबकी निगाहें आंकड़ों पर टिकी हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या इस बार उनकी उम्मीदें पूरी होंगी या फिर फिर से हल्का झटका लगेगा।

इस बार चर्चा ज्यादा है क्योंकि लगातार CPI-IW इंडेक्स के आंकड़े ऐसे आ रहे हैं जो DA में अच्छी बढ़ोतरी की तरफ इशारा कर रहे हैं। कर्मचारी यूनियन से लेकर सोशल मीडिया तक, हर जगह इस पर बात हो रही है। जो लोग पहले ही अपनी EMI, बच्चों की फीस और बाकी खर्चों में फंसे हुए हैं, उनके लिए यह DA Hike राहत की खबर बन सकता है।

पिछली बार की उम्मीद और झटका

जनवरी 2025 में जब DA बढ़ोतरी की घोषणा हुई थी, तो ज्यादा उम्मीदें थी कि सरकार 5 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करेगी। लेकिन आखिरकार सिर्फ 4 फीसदी बढ़ोतरी हुई, जिससे कई कर्मचारियों को निराशा हुई। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर कई सरकारी कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी भी जताई थी।

बात करें असर की, तो जब DA उम्मीद से कम बढ़ता है, तो उसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ता है। जो लोग पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हैं, उनके लिए यह कम इजाफा बहुत मायने रखता है। खासकर वे कर्मचारी जिनकी बेसिक सैलरी कम है, उन्हें ज्यादा फर्क महसूस होता है।

इस बार का आंकड़ों वाला खेल

इस बार जो CPI-IW के आंकड़े आ रहे हैं, वे बताते हैं कि महंगाई अब भी काबू में नहीं है। अप्रैल तक के आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई में DA में 4 से 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यानी अगर बेसिक सैलरी 30,000 रुपये है, तो 4 फीसदी बढ़ोतरी पर लगभग 1,200 रुपये की बढ़त हो सकती है।

इन आंकड़ों के आधार पर अगर देखा जाए तो जुलाई 2025 के लिए कुल DA 50 फीसदी या उससे ज्यादा हो सकता है। और अगर सरकार ने थोड़ा उदार रुख अपनाया, तो यह 5 प्रतिशत तक भी जा सकता है। लेकिन जब तक सरकार की ओर से आधिकारिक ऐलान नहीं होता, तब तक कुछ भी तय नहीं कहा जा सकता।

इससे क्या फायदा होगा कर्मचारियों को

अगर इस बार DA में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होती है, तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी। खासकर वे कर्मचारी जो छोटे शहरों में रहते हैं और जिनके खर्च हर महीने फिक्स होते हैं, उन्हें सैलरी में आया यह फर्क सीधे जेब में महसूस होगा।

साथ ही पेंशनर्स को भी DA में उतनी ही बढ़ोतरी मिलेगी, जितनी कर्मचारियों को। यानी रिटायर्ड लोगों के लिए भी यह किसी राहत से कम नहीं होगा। ये ऐसे लोग हैं जिनकी आमदनी सीमित होती है और हर छोटी बढ़त उनके लिए मायने रखती है।

 सरकार की तरफ से कब आएगा फैसला

आमतौर पर सरकार हर साल जुलाई और जनवरी में DA का रिवीजन करती है। जुलाई वाले रिवीजन की घोषणा अगस्त या सितंबर के पहले हफ्ते तक होती है। तो अभी कुछ दिन बाकी हैं लेकिन माहौल बन चुका है और सभी की निगाहें अब वित्त मंत्रालय और कैबिनेट मीटिंग की तारीख पर टिकी हैं।

जैसे ही फैसला आता है, इसका फायदा सीधे सैलरी में जुड़कर मिलेगा। DA के साथ-साथ अन्य अलाउंसेज़ भी उसी अनुपात में प्रभावित होते हैं, इसलिए यह फैसला सिर्फ एक प्रतिशत की बात नहीं होती, बल्कि पूरे सैलरी स्ट्रक्चर पर असर डालता है।

साफ बात, आंकड़ों से ही तय होगा DA

सरकार का DA बढ़ाने का तरीका पूरी तरह आंकड़ों पर आधारित होता है। CPI-IW यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स के आंकड़े ही DA तय करते हैं। ये आंकड़े हर महीने लेबर ब्यूरो की वेबसाइट पर जारी होते हैं। तो अगली बार जब कोई बोले कि इस बार सरकार कम बढ़ाएगी या ज्यादा, तो सीधा CPI-IW के आंकड़े देख लेना। वे ही बताते हैं सच्चाई। हां, कभी-कभी चुनाव या आर्थिक हालत के हिसाब से भी थोड़ा-बहुत फर्क आ सकता है, लेकिन ज़्यादातर फैसला इन आंकड़ों पर ही टिका होता है।

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