Dearness Allowance: कोरोना काल की सबसे बड़ी आर्थिक कटौतियों में से एक था केंद्रीय कर्मचारियों का 18 महीने का डीए एरियर रोक देना। अब जब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, वेतन आयोग और डीए से जुड़ी चर्चाएं फिर से तेज़ हो गई हैं। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर फिर से यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि सरकार जल्द ही कर्मचारियों को 18 महीने का डीए एरियर देने जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह खबर सही है या सिर्फ एक अफवाह है? इस लेख में हम इस पूरी स्थिति को तथ्यात्मक रूप से समझेंगे और जानेंगे कि इस मुद्दे की असली सच्चाई क्या है।
क्या है 18 महीने के डीए एरियर का मामला
मार्च 2020 से जून 2021 तक कुल 18 महीने का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) केंद्र सरकार द्वारा रोक दिया गया था। उस समय देश कोरोना संकट से जूझ रहा था और वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया था कि डीए बढ़ोतरी को रोका जाएगा। हालांकि जुलाई 2021 से डीए बहाल कर दिया गया, लेकिन इन 18 महीनों का बकाया एरियर अब तक कर्मचारियों को नहीं दिया गया है।
इस अवधि के दौरान तीन बार डीए में बढ़ोतरी होनी थी, जो नहीं हो पाई। इसे लेकर सरकारी कर्मचारी संगठनों और यूनियनों ने कई बार केंद्र सरकार से मांग की कि इस एरियर को रिलीज किया जाए। लेकिन अब तक सरकार की ओर से इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। यह मामला संसद और कैबिनेट स्तर पर भी चर्चा का विषय बन चुका है।
सरकारी बयानों और वित्त मंत्रालय की स्थिति
अब तक केंद्र सरकार या वित्त मंत्रालय की ओर से 18 महीने के डीए एरियर को लेकर कोई स्पष्ट या लिखित घोषणा नहीं की गई है। हालांकि विभिन्न संसदीय प्रश्नों के जवाब में यह जरूर कहा गया है कि डीए एरियर को लेकर कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। इससे साफ है कि फिलहाल सरकार इस मुद्दे को लेकर कोई कदम नहीं उठाने जा रही है।
वित्त मंत्रालय पहले भी यह तर्क दे चुका है कि अगर सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को यह एरियर दिया जाता है, तो सरकारी खजाने पर हजारों करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। ऐसे में बजट और आर्थिक संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
यूनियनों का दबाव और मांग
कई केंद्रीय कर्मचारी संगठनों और यूनियनों ने सरकार से मांग की है कि 18 महीने का डीए एरियर कर्मचारियों का हक है और इसे रोका नहीं जाना चाहिए। उनका कहना है कि जब कर्मचारी देश के सबसे कठिन समय में भी अपनी सेवाएं दे रहे थे, तब उन्हें इस तरह आर्थिक रूप से पीछे नहीं किया जाना चाहिए।
इन संगठनों का यह भी तर्क है कि डीए एरियर कोई अतिरिक्त लाभ नहीं है, बल्कि यह उनका स्थायी वेतन का हिस्सा है, जिसे सरकार ने सिर्फ स्थगित किया है, रद्द नहीं। इस मांग को लेकर कुछ संगठन अब सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे इस मामले को न्यायिक तरीके से सुलझाया जा सके।
क्या वाकई में मिल सकता है एरियर?
भविष्य में अगर सरकार की आर्थिक स्थिति और राजस्व संग्रहण में सुधार होता है, तो यह संभावना जरूर बन सकती है कि सरकार डीए एरियर पर पुनर्विचार करे। लेकिन फिलहाल की स्थिति में इसे मिलना मुश्किल लग रहा है।
सरकार फिलहाल नई पेंशन योजना (NPS), सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में खर्च बढ़ा रही है। ऐसे में 18 महीने का डीए एरियर एक बहुत बड़ी राशि है जिसे एक साथ जारी करना संभव नहीं लगता। हालांकि अगर राजनीतिक या चुनावी दबाव बनता है, तो इसे लेकर कुछ राहत की उम्मीद जरूर की जा सकती है।
सोशल मीडिया पर चल रही खबरों से सावधान रहें
हाल ही में कई वेबसाइट्स, यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया पेजों ने यह दावा किया है कि सरकार मार्च या जुलाई 2025 में डीए एरियर जारी कर सकती है। लेकिन जब इन खबरों को क्रॉस वेरिफाई किया गया, तो उनमें से अधिकांश के पास कोई भरोसेमंद या आधिकारिक स्रोत नहीं था।
इस तरह की भ्रामक खबरें अक्सर व्यूज़ और क्लिक बढ़ाने के लिए फैलाई जाती हैं। इसलिए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को चाहिए कि वे केवल सरकार की आधिकारिक वेबसाइट, प्रेस रिलीज़ और PIB अपडेट्स पर ही विश्वास करें। अफवाहों पर भरोसा करने से न सिर्फ भ्रम पैदा होता है, बल्कि निराशा भी हाथ लगती है।
18 महीने के डीए एरियर को लेकर एक बार फिर चर्चा गर्म हो गई है, लेकिन सच्चाई यह है कि फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है। यह मुद्दा कई बार उठ चुका है, लेकिन बजट और अन्य प्राथमिकताओं के चलते इसे टाल दिया गया है। अगर भविष्य में सरकार इस पर विचार करती है तो यह लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी राहत हो सकती है। तब तक सभी को चाहिए कि वे अफवाहों से बचें और सिर्फ भरोसेमंद सूत्रों की जानकारी पर ही ध्यान दें।
Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लिखा गया है। यह किसी आधिकारिक घोषणा का विकल्प नहीं है। कृपया वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित विभाग से पुष्टि करें।