Traffic Rules: दिल्ली की सड़कों पर तेज रफ्तार से भागते वाहनों के बीच अब ट्रैफिक पुलिस ने नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक बड़ा अभियान चलाकर 27,000 से ज्यादा गाड़ियों पर कार्रवाई की है। ये सभी गाड़ियां फैंसी नंबर प्लेट, जातिगत स्लोगन, और अन्य गैर-कानूनी स्टिकर्स के साथ घूम रही थीं।
इस सख्त कदम ने न सिर्फ ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से लागू किया है बल्कि यह भी संदेश दिया है कि अब सड़कों पर मनमानी नहीं चलेगी। जिन लोगों को लगता है कि खास नंबर प्लेट या जातिगत पहचान दिखाकर वे नियमों से ऊपर हो सकते हैं, उन्हें अब सतर्क हो जाना चाहिए।
कैसे हुई इतनी बड़ी कार्रवाई
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बीते कुछ हफ्तों में राजधानी के अलग-अलग इलाकों में विशेष चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस ने ऐसी गाड़ियों को चिन्हित किया जिन पर नियमों के विरुद्ध नंबर प्लेट या जाति सूचक शब्द लिखे हुए थे।
ट्रैफिक कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, कई गाड़ियों की नंबर प्लेट पर राजपूत, यादव, गुर्जर, जाट, ब्राह्मण जैसे जातिगत नाम बड़े अक्षरों में लिखे गए थे। कुछ गाड़ियों में “दबंग”, “किंग”, “शेर” जैसे शब्द भी थे जो कानूनी रूप से अवैध हैं। ऐसे शब्द और पहचान सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक असंतुलन फैलाने का काम करते हैं और यही कारण है कि पुलिस ने कार्रवाई को जरूरी समझा।
फैंसी नंबर प्लेट पर नियम क्या कहते हैं
भारत सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत स्पष्ट रूप से यह नियम बना रखा है कि किसी भी वाहन की नंबर प्लेट का फॉन्ट, साइज़, रंग और प्रारूप सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार ही होना चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति फैंसी स्टाइल, इंग्लिश या उर्दू में, या फिर अत्यधिक डिजाइन वाली नंबर प्लेट लगाता है, तो यह सीधा कानून का उल्लंघन माना जाता है। यही नहीं, कुछ लोग नंबर की जगह केवल नाम या स्लोगन लगाकर गाड़ी चलाते हैं, जो पूरी तरह गैरकानूनी है और इसके लिए ₹5,000 से लेकर ₹10,000 तक का चालान काटा जा सकता है।
जातिगत स्लोगन और समाज पर असर
जातिगत पहचान को बढ़ावा देने वाले स्लोगन, चाहे वो बाइक पर हो या कार पर, सीधे तौर पर समाज में भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। खासतौर पर जब कोई युवा गाड़ी पर “जाट पावर” या “राजपूत बॉस” लिखवाकर सड़कों पर निकलता है, तो वह अनजाने में एक वर्ग विशेष को ऊपर दिखाने की कोशिश करता है।
सरकार और पुलिस दोनों अब इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं और मान रहे हैं कि ऐसे स्लोगन सामजिक समरसता के खिलाफ हैं। इसलिए अब ऐसे मामलों में सीधे कार्रवाई की जा रही है और चालान के साथ-साथ गाड़ी जब्त करने तक की कार्यवाही हो रही है।
लोगों की प्रतिक्रिया और पुलिस की चेतावनी
इस कार्रवाई के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने पुलिस के इस कदम की सराहना की है और कहा कि इससे सड़कों पर नियम-कानून का डर बना रहेगा। वहीं कुछ लोग इसे “जातिगत पहचान दबाने” का नाम देकर इसका विरोध भी कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई जाति या किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के खिलाफ है। सभी वाहन मालिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि आगे भी ऐसी नंबर प्लेट या स्लोगन लगे मिले, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभियान का असर और आगे की योजना
इस पूरे अभियान के चलते अब दिल्ली में कई गाड़ी मालिकों ने खुद ही अपनी गाड़ियों से ऐसे स्लोगन और डिजाइन हटा दिए हैं। कई नंबर प्लेट बदलवाई जा रही हैं ताकि भविष्य में चालान से बचा जा सके।
पुलिस का कहना है कि यह अभियान सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा। NCR और आसपास के क्षेत्रों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सोशल मीडिया पर भी ऐसे वाहनों की जानकारी साझा की जा रही है ताकि लोग जागरूक हों और नियमों का पालन करें।
👉 यह जानकारी हर वाहन मालिक तक जरूर पहुंचाएं, ताकि सभी सड़कों पर नियम से चलें और समाज में एकता बनी रहे।