Fitment Factor Hike

Fitment Factor Hike : फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने से सैलरी में ₹8000 तक बढ़ोतरी तय, कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत

Fitment Factor Hike : देशभर में करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की जो मांग चल रही थी, उस पर अब सरकार गंभीर दिख रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.28 से बढ़ाकर 2.86 करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों की सैलरी में सीधी 8,000 से 9,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इस फैसले का असर सिर्फ वर्तमान में कार्यरत कर्मियों पर ही नहीं, बल्कि रिटायर्ड पेंशनर्स पर भी पड़ेगा।

फिटमेंट फैक्टर की यह बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग के दायरे में की जाएगी और माना जा रहा है कि इसे 8वें वेतन आयोग से पहले लागू किया जा सकता है। इससे ना सिर्फ कर्मचारी संगठनों की पुरानी मांग पूरी होगी, बल्कि सरकार को भी आगामी चुनावों से पहले एक बड़ा जनसमर्थन मिल सकता है।

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और इसका असर कैसे पड़ता है

फिटमेंट फैक्टर वह मापदंड होता है जिसके ज़रिए केंद्र सरकार वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों के बेसिक वेतन में एक समान अनुपात से वृद्धि करती है। जब 7वां वेतन आयोग लागू किया गया था, तब कर्मचारियों के पुराने बेसिक वेतन को 2.57 के फैक्टर से गुणा करके नया वेतन तय किया गया था। लेकिन वर्तमान में केंद्र सरकार 2.28 के फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल कर रही है, जिसे अब 2.86 तक बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है।

अगर ऐसा होता है तो मान लीजिए किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक पे ₹18,000 है, तो नए फिटमेंट फैक्टर से यह ₹25,800 तक पहुंच सकता है। यही नहीं, DA (महंगाई भत्ता), HRA और अन्य भत्ते भी इसी बढ़े हुए बेसिक के आधार पर तय होंगे, जिससे कुल सैलरी में अच्छा-खासा इजाफा होगा। यह न सिर्फ कर्मचारियों की जेब में राहत देगा बल्कि बाजार में खपत बढ़ाने का भी जरिया बनेगा।

पेंशन में भी होगा असर, रिटायर्ड कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

फिटमेंट फैक्टर सिर्फ वर्तमान कर्मचारियों की सैलरी को नहीं, बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन की गणना को भी प्रभावित करता है। चूंकि पेंशन मूल वेतन के आधार पर तय की जाती है, इसलिए जैसे ही फिटमेंट फैक्टर बढ़ेगा, पेंशन की राशि भी उसी हिसाब से बढ़ेगी।

उदाहरण के तौर पर यदि किसी पेंशनर की मौजूदा पेंशन ₹18,000 है, तो नया फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर उनकी पेंशन ₹22,000 से ऊपर जा सकती है। इसका असर महंगाई भत्ते और चिकित्सा भत्ते जैसी अन्य सुविधाओं पर भी पड़ेगा। सरकार पहले ही 4% DA वृद्धि की घोषणा कर चुकी है और अब यह नया कदम पेंशनर्स के लिए एक और राहत की खबर साबित हो सकता है।

पेंशनर्स यूनियनों ने भी सरकार से लगातार मांग की थी कि वेतन आयोग लागू हुए कई साल हो चुके हैं और महंगाई की दर के मुकाबले पेंशन में पर्याप्त वृद्धि नहीं हो पाई है। सरकार अब इस पर सहमति जताती दिख रही है।

कब हो सकता है फैसला और क्या हैं चुनौतियां

सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग के बीच इस पर बातचीत लगभग अंतिम चरण में है और सरकार आगामी कुछ महीनों में इसका औपचारिक ऐलान कर सकती है। इस फैसले को आगामी बजट से पहले या 2025 के शुरुआती महीनों में लागू किया जा सकता है।

हालांकि इस फैसले पर कुछ वित्तीय चुनौतियां भी हैं। सरकार को इसके लिए बजट में अतिरिक्त बोझ उठाना होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर यह बदलाव लागू होता है, तो सरकार पर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। लेकिन चुनावी माहौल को देखते हुए सरकार इस पर तैयार हो सकती है, क्योंकि कर्मचारियों और पेंशनर्स का समर्थन हर सरकार के लिए अहम होता है।

सरकारी कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

फिटमेंट फैक्टर को लेकर कई कर्मचारी संगठन सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे। उनका कहना है कि महंगाई के इस दौर में वेतन वृद्धि बेहद जरूरी है क्योंकि वर्तमान सैलरी से परिवार चलाना कठिन होता जा रहा है।

हाल ही में दिल्ली, लखनऊ और भोपाल जैसे शहरों में सरकारी कर्मचारी संघों ने प्रदर्शन भी किया था और केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था। अब जब इस पर चर्चा शुरू हो गई है तो कर्मचारियों में एक नई उम्मीद जगी है। वे चाहते हैं कि इस फैसले को जल्द से जल्द लागू किया जाए ताकि उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिल सके और उनका मनोबल भी ऊंचा बना रहे।

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