Gold Rate Rule: अगर आपकी मां ने सालों से थोड़ी-थोड़ी बचत करके सोने की चूड़ियां, झुमके और सिक्के इकट्ठा किए हैं। हर त्योहार, शादी-ब्याह में कुछ न कुछ सोना बढ़ता गया। लेकिन एक दिन अचानक इनकम टैक्स वाले आपके दरवाजे पर आ जाएं और पूछें “इतना सोना कहां से आया?” आप बोलें कि ये तो पुश्तैनी है, मां ने बचाया है, पर अगर कागज़ नहीं हुए तो…?
अब सोचिए, अगर पहले से आपको ये पता हो कि सरकार ने सोना रखने की एक लिमिट तय कर रखी है, और अगर आपने वो लिमिट क्रॉस कर दी तो पूछताछ हो सकती है। तो क्यों न पहले ही जानकारी ले ली जाए ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो।
सरकार की गाइडलाइन, कितना सोना रख सकते हैं घर में
देखो, सरकार ने ये नहीं कहा कि घर में सोना रखना गैरकानूनी है। लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुछ लिमिट तय कर रखी है जिससे कि गलत तरीके से जमा किए गए सोने पर नजर रखी जा सके। अगर आपके पास टैक्सपेड इनकम से खरीदा हुआ सोना है या आपको दहेज, विरासत या गिफ्ट में मिला है तो आपको डरने की जरूरत नहीं है, बस उसके दस्तावेज होने चाहिए।
महिलाओं के लिए ये लिमिट कुछ अलग है। शादीशुदा महिलाएं 500 ग्राम तक सोना रख सकती हैं, जबकि अविवाहित महिलाएं 250 ग्राम तक। पुरुषों के लिए लिमिट 100 ग्राम तय की गई है। हां, अगर आपने इससे ज्यादा भी रखा है और वो सही तरीके से अर्जित किया है, तो भी आपको बस उसका प्रूफ दिखाना होगा।
ये लिमिट क्या हर हालत में लागू होती है?
अरे नहीं! ये लिमिट तब देखी जाती है जब कोई इनकम टैक्स रेड हो रही हो। जैसे अगर कोई सूचना मिली कि आपने बहुत ज्यादा सोना घर में रखा है और उसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दी, तब अधिकारी पूछ सकते हैं। उस वक़्त अगर आपके पास प्रूफ है – जैसे बिल, विरासत के दस्तावेज, गिफ्ट की रसीद तो अधिकारी आपका सोना जब्त नहीं करेंगे।
असल में ये लिमिट एक तरह की गाइडलाइन है, जिससे अधिकारी रेड के दौरान तुरंत फैसला ले सकें कि कौन-सा सोना वैध है और कौन संदिग्ध। इसका मतलब ये नहीं कि अगर आपने 600 ग्राम रखा है तो रेड जरूर होगी बस ये है कि उस वक्त आपको अपनी सफाई देने के लिए दस्तावेज तैयार रखने चाहिए।
कितना जरूरी है सोने के दस्तावेज रखना
अब देखिए, हमारे यहां कई बार गहने पीढ़ियों से चलते आ रहे होते हैं। दादी से मां को, फिर मां से बहू को। ऐसे में पुराने गहनों की रसीदें मिलना मुश्किल होता है। लेकिन आजकल जब भी नया गहना खरीदें, उसकी पक्की रसीद जरूर लें। ये सिर्फ इनकम टैक्स के लिए ही नहीं, भविष्य में उसे बेचने या गिरवी रखने के लिए भी जरूरी होता है।
अगर आपको गिफ्ट में या शादी में कुछ मिला है, तो कोशिश करें कि देने वाले से एक साधारण सा declaration ले लें, जिससे आप जरूरत पड़ने पर दिखा सकें कि ये कहां से आया। ऐसा करने से आप किसी भी रेड या जांच से बेफिक्र रह सकते हैं।
नकद खरीद और पैन कार्ड की जरूरत
अगर आप ₹2 लाख या उससे ज्यादा की रकम में कोई सोने की खरीदारी कर रहे हैं, तो आपको पैन कार्ड देना जरूरी होता है। और अगर आप बहुत बड़ी मात्रा में कैश में खरीदारी कर रहे हैं, तो इनकम टैक्स वाले आपसे सवाल कर सकते हैं। इसलिए सबसे बेहतर तरीका यही है कि हमेशा डिजिटल पेमेंट करें और पूरा रिकॉर्ड रखें।
सोने की खरीद में पारदर्शिता जरूरी है, क्योंकि ये एक कीमती धरोहर है। और सरकार का मकसद सिर्फ ये देखना है कि ये धरोहर काले धन से तो नहीं खरीदी गई। अगर आप साफ-सुथरी कमाई से सोना खरीदते हैं और उसके दस्तावेज रखते हैं, तो डरने की कोई जरूरत नहीं।
घर में सोना रखना सही है, लेकिन जानकारी के साथ
आज भी हमारे देश में सोना एक बड़ा निवेश माना जाता है। लोग इसे अपनी बेटी की शादी, किसी मुसीबत की घड़ी, या भविष्य की जरूरतों के लिए संभाल कर रखते हैं। और ये बिल्कुल सही भी है। बस ज़रूरी ये है कि आप जो भी रखें, वो सही तरीके से खरीदा हो और उसके पेपर आपके पास हों।
तो अगली बार जब आप सोने की खरीदारी करने जाएं, तो बिल जरूर लें। अगर मां या दादी से कुछ विरासत में मिला है, तो उसका कोई रिकॉर्ड तैयार रखें, भले ही एक लिखित बयान ही क्यों न हो। इससे आप कानूनी नजरों में सुरक्षित रहेंगे और बिना किसी परेशानी के अपनी मेहनत की कमाई को संजो पाएंगे।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और सरकारी दिशानिर्देशों पर आधारित है। कृपया कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह जरूर लें।