Gold Price: सरकार ने आम लोगों के लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम को शुरू कर दिया है। यह योजना 1 जुलाई 2025 से शुरू होकर 5 जुलाई तक खुली रहेगी। इस स्कीम के तहत लोग अब डिजिटल रूप से सस्ता और सुरक्षित सोना खरीद सकते हैं। यह स्कीम आरबीआई द्वारा जारी की जाती है और पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा समर्थित होती है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना का मकसद फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना और लोगों को एक सुरक्षित निवेश विकल्प देना है। इससे न सिर्फ सोने की तस्करी पर नियंत्रण होता है बल्कि देश के चालू खाते के घाटे पर भी असर पड़ता है।
सस्ते दाम पर मिलेगा डिजिटल सोना
SGB स्कीम के तहत सोना बाजार भाव से भी सस्ता मिलेगा। अगर आप इसे ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से खरीदते हैं तो प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलती है। इस बार सरकार ने गोल्ड बॉन्ड का मूल्य 6212 रुपये प्रति ग्राम तय किया है, लेकिन ऑनलाइन खरीदारों को यह 6162 रुपये प्रति ग्राम में मिलेगा।
यह छूट उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो सुरक्षित और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट चाहते हैं। यह स्कीम खासकर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है जो सोना खरीदना तो चाहते हैं, लेकिन फिजिकल गोल्ड से जुड़ी परेशानियों से बचना चाहते हैं।
निवेशकों को मिलेगा तय रिटर्न और टैक्स छूट
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने वालों को 8 साल की मैच्योरिटी पर 2.5% सालाना ब्याज मिलता है। यह ब्याज हर 6 महीने में आपके खाते में ट्रांसफर किया जाता है। इससे ना सिर्फ सोने की कीमत में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है बल्कि निश्चित रिटर्न भी सुनिश्चित होता है।
इतना ही नहीं, बॉन्ड की मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। यानी निवेशकों को मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे यह स्कीम टैक्स सेविंग के नजरिए से भी बेहद फायदेमंद है।
RBI और बैंकों के जरिए आसानी से खरीद
इस स्कीम में निवेश करने के लिए किसी बड़े प्रोसेस की जरूरत नहीं है। इसे आरबीआई, स्टेट बैंक, पीएसयू बैंक, निजी बैंक, पोस्ट ऑफिस और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से आसानी से खरीदा जा सकता है। निवेशक अपने डिमैट खाते में भी इसे रख सकते हैं।
डिजिटल खरीद की प्रक्रिया को सरकार ने बेहद सरल और पारदर्शी बनाया है। आम आदमी के लिए यह एक सुनहरा मौका है, जहां वे बिना जोखिम के सोने में निवेश कर सकते हैं।
लॉन्ग टर्म निवेश और भविष्य की सुरक्षा
SGB स्कीम लॉन्ग टर्म निवेश के लिए आदर्श मानी जाती है। यह निवेशक को न केवल सोने की कीमत में बढ़त का लाभ देती है, बल्कि निश्चित ब्याज और टैक्स छूट भी सुनिश्चित करती है। 8 साल की मैच्योरिटी अवधि निवेश को एक स्थायित्व देती है।
साथ ही, जरूरत पड़ने पर 5 साल बाद इसे सेकेंडरी मार्केट में बेचा भी जा सकता है। इस तरह यह स्कीम फाइनेंशियल प्लानिंग और रिटायरमेंट सुरक्षा की दिशा में भी एक मजबूत कदम मानी जाती है।