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Gold Rate : ₹19000 तक सस्ता होगा सोना, 10 ग्राम के रेट ₹56000 पहुंचने की उम्मीद

Gold Rate : सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार जो अनुमान सामने आया है, उसने बाजार से लेकर आम आदमी तक सभी को चौकन्ना कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले कुछ महीनों में सोने के दामों में भारी गिरावट आ सकती है और 10 ग्राम सोने की कीमतों में करीब ₹19000 तक की गिरावट देखी जा सकती है। यह खबर उन लोगों के लिए राहत की तरह है जो लंबे समय से सोने की ऊंची कीमतों की वजह से खरीदारी नहीं कर पा रहे थे। वहीं निवेशकों के लिए ये खबर थोड़ी चिंता भरी हो सकती है क्योंकि दाम गिरने का सीधा असर उनकी पूंजी पर पड़ेगा।

 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट के संकेत

सोने की कीमतों में संभावित गिरावट का सबसे बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में हो रही उथल-पुथल को माना जा रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव के संकेत, डॉलर की मजबूती और क्रूड ऑयल की कीमतों में स्थिरता ने ग्लोबल गोल्ड प्राइस को दबाव में ला दिया है। जब भी अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतें नीचे आने लगती हैं क्योंकि सोने में निवेश करने वाले ग्लोबल निवेशक डॉलर में निवेश को प्राथमिकता देने लगते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में नरमी लाता है तो बाजार में नकदी बढ़ेगी और उस स्थिति में भी गोल्ड की मांग घट सकती है। यह सारी स्थितियां भारत में भी असर डालती हैं क्योंकि हम सोने का बड़ा हिस्सा आयात करते हैं और अंतरराष्ट्रीय दामों पर ही हमारी बाजार कीमतें टिकी होती हैं।

भारतीय बाजार में क्या हो सकता है असर

 

भारत में 10 ग्राम सोने का भाव इस समय करीब ₹74000 से ₹75000 के बीच चल रहा है। लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल वैसी ही बनी रही जैसी संकेत मिल रहे हैं, तो ₹19000 तक की गिरावट की संभावना जताई जा रही है। यानी आने वाले समय में 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹55000 से ₹56000 के आसपास भी आ सकता है।

भारत में सोने की मांग बहुत हद तक त्योहारी और शादी के सीजन पर निर्भर करती है। अगर गिरावट अक्टूबर-नवंबर के महीनों में आती है, तो खरीदारों के लिए यह सुनहरा मौका साबित हो सकता है। साथ ही सरकार द्वारा आयात शुल्क और GST में कोई कटौती होती है तो ये गिरावट और भी गहरी हो सकती है। हाल ही में RBI ने भी संकेत दिए हैं कि अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है तो गोल्ड के आयात को लेकर नीतियों में थोड़ी राहत दी जा सकती है, जिससे बाजार में सोने की कीमतें और गिर सकती हैं।

 

निवेशकों के लिए सतर्कता जरूरी

जो लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश मानकर इसमें पैसा लगाते हैं, उनके लिए यह गिरावट थोड़ी असहज हो सकती है। खासकर उन लोगों ने जो हाल ही में ऊंचे दामों पर सोने में निवेश किया है, उनके लिए मौजूदा स्थितियां नुकसानदेह हो सकती हैं। हालांकि जानकारों का यह भी मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और लंबी अवधि में सोने के दाम फिर से उछाल ले सकते हैं।

भारत में परंपरागत तौर पर लोग सोने को सिर्फ जेवर नहीं बल्कि संपत्ति मानते हैं। ऐसे में छोटे निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वह जल्दबाजी में अपना गोल्ड न बेचें। जो लोग सिप के जरिए डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF में निवेश कर रहे हैं, उन्हें अपनी रणनीति पर दोबारा सोचने की जरूरत है। गिरावट के वक्त भी खरीदारी का एक अच्छा अवसर होता है, लेकिन यह तभी करना चाहिए जब आप अगले 2–3 साल का नजरिया रखें।

खरीदारों के लिए सुनहरा मौका

जिन लोगों ने लंबे समय से शादी या त्योहार के लिए सोना खरीदने की योजना बनाई थी लेकिन लगातार बढ़ते दामों की वजह से पीछे हट गए थे, उनके लिए आने वाला समय सही हो सकता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि जुलाई से अक्टूबर के बीच सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है, और यह समय आम खरीदारों के लिए बेस्ट डील लाने वाला साबित हो सकता है।

 

ज्वेलरी शॉप्स में भी ऑफर और छूट की संभावना बढ़ जाएगी क्योंकि जब बाजार में रेट गिरते हैं तो विक्रेता खरीदारों को लुभाने के लिए स्कीम्स और डिस्काउंट देना शुरू करते हैं। ऐसे में अगर कोई ग्राहक थोड़ी समझदारी दिखाए तो उसे कम दाम में अच्छा सोना और ज्वेलरी मिल सकती है। लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आप BIS हॉलमार्क वाला ही सोना खरीदें ताकि गुणवत्ता और शुद्धता की गारंटी बनी रहे।

👉 इस जानकारी को अपने परिवार, दोस्तों और उन लोगों तक जरूर पहुंचाएं जो सोना खरीदने की सोच रहे हैं या निवेश से जुड़ी प्लानिंग कर रहे हैं।

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