Gold Rate: जिस सोने के दाम अब तक आसमान छू रहे थे, वही अब गिरने की कगार पर है। बाजार के जानकारों की मानें तो आने वाले 60 दिनों में सोने के दामों में बड़ी गिरावट आ सकती है। बीते महीनों में सोने की कीमतों में भारी तेजी देखी गई थी, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारणों की वजह से तेजी थमती दिख रही है। अगर आप सोना खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी हो सकती है।
बाजार के ट्रेंड ने बदली चाल
अभी तक निवेशकों को लग रहा था कि सोना ₹75,000 प्रति 10 ग्राम के पार चला जाएगा, लेकिन अब बाजार ने जो संकेत दिए हैं, वो उलट साबित हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बदलाव की वजह से निवेशकों का मूड बदल गया है।
जानकारों का कहना है कि जुलाई के अंत तक भारत में सोने के दाम ₹68,000 से ₹70,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकते हैं। अभी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में सोने के दाम करीब ₹74,000 प्रति 10 ग्राम हैं, लेकिन लगातार बदलती वैश्विक आर्थिक नीतियों और डॉलर की मजबूती ने सोने को दबाव में ला दिया है।
अंतरराष्ट्रीय कारणों का सीधा असर
सोने के दाम सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में दबाव में हैं। अमेरिका की महंगाई दर में गिरावट और फेड की सख्त मौद्रिक नीति से डॉलर मजबूत हुआ है। डॉलर मजबूत होते ही निवेशक सोने से पैसा निकाल कर शेयर बाजार या बॉन्ड मार्केट की ओर रुख करते हैं।
साथ ही चीन की आर्थिक स्थिति में सुधार और यूरोपीय सेंट्रल बैंक की दरों में बदलाव भी सोने के लिए झटका साबित हो रहे हैं। इन सब बातों का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा है क्योंकि भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और दामों में हलचल यहां तेजी से महसूस होती है।
घरेलू मांग में आई सुस्ती
गर्मी और शादी-ब्याह के सीजन के बीत जाने के बाद अब बाजार में सोने की खरीदारी में भी गिरावट देखने को मिल रही है। ज्वेलर्स का कहना है कि ग्राहक फिलहाल इंतजार की मुद्रा में हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि रेट थोड़े और गिरें तो वे खरीदारी करेंगे।
इसी बीच सरकार की तरफ से भी गोल्ड बॉन्ड की स्कीमें चालू हैं, जिससे निवेशक ज्वेलरी की बजाय निवेश के रूप में सोने को चुन रहे हैं। इसका सीधा असर सोने के भौतिक मांग पर पड़ा है और रेट दबाव में आ गए हैं। अगर यही ट्रेंड बना रहा तो आने वाले दिनों में और गिरावट संभव है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए
जिन लोगों ने ऊंचे दाम पर सोना खरीदा है, उन्हें फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। सोना एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है और इसमें उतार-चढ़ाव सामान्य बात है। लेकिन जो लोग निवेश की सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय थोड़ा इंतजार करने का है।
विशेषज्ञों की मानें तो जुलाई या अगस्त में जब रेट नीचे आएंगे, तब खरीदी का बेहतर मौका होगा। साथ ही गोल्ड ETF और गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों को भी नजर में रखना चाहिए, जो कम रिस्क में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
अगले 60 दिनों की अनुमानित तस्वीर
अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा, तो अगस्त के अंत तक 24 कैरेट सोने के दाम ₹68,500 से ₹69,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकते हैं। वहीं 22 कैरेट सोना जो अभी ₹68,000 है, वह ₹64,000 के करीब पहुंच सकता है।
इस अनुमान को देखकर कहा जा सकता है कि “लद गए सोने के दिन” वाला वाक्य इस समय पूरी तरह फिट बैठता है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या सोना फिर से पुराने रिकॉर्ड को छू पाएगा या निवेशकों को झटका देगा।
👉 यह जानकारी उन लोगों तक जरूर पहुंचाएं जो सोना खरीदने या निवेश करने का मन बना रहे हैं। सही वक्त पर सही फैसला बहुत मायने रखता है।