income tax

Income Tax : घर में कैश रखने की होती है लिमिट या जितना मर्जी रख सकते हैं पैसा, जान लें नियम वरना पड़ जाएगा इनकम टैक्स का छापा

Income Tax : आजकल हर कोई अपने पैसे को बैंक में रखने की सलाह देता है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो घर पर कैश रखना पसंद करते हैं। शादी-ब्याह, इलाज, जमीन खरीदारी जैसे मौके पर कैश हाथ में होना कई बार जरूरी भी होता है। पर सवाल ये है कि क्या घर में कैश रखने की कोई कानूनी सीमा होती है? क्या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कभी भी आपके घर छापा मार सकता है? अगर आपके पास भारी मात्रा में नकद मिल गया तो क्या आप फंस सकते हैं?

यह सवाल बहुत आम है, और लोगों के मन में इसके जवाब को लेकर बहुत भ्रम भी है। लेकिन अब इनकम टैक्स विभाग की गाइडलाइन और नियमों को अच्छे से समझना बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी जांच या छापेमारी की स्थिति में आपको जवाब देने में परेशानी ना हो।

घर में नकद रखने की सीमा को लेकर क्या कहता है कानून

 

सबसे पहले बात ये समझ लें कि भारत में घर में कैश रखने की कोई तय लिमिट नहीं है। जी हां, आप चाहें तो ₹5 लाख रखें या ₹50 लाख, कानून इसे मना नहीं करता। लेकिन, ये पैसा आपका कमाया हुआ, टैक्स चुकाया हुआ और वैध स्रोत से होना चाहिए।

अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके घर पर छापा मारता है और उसे कैश मिलता है, तो सबसे पहले आपसे उसका स्रोत पूछा जाएगा। अगर आप उसकी वैधता के दस्तावेज दिखा सकते हैं जैसे कि सेलरी स्लिप, बैंक ट्रांजैक्शन, बिजनेस इनकम का रिकॉर्ड या कोई लेनदेन की पर्ची, तो आपको कोई डर नहीं होना चाहिए।

कैश का हिसाब नहीं हुआ साफ, तो हो सकती है मुसीबत

अगर आपने कैश तो रखा है लेकिन उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, ना ही आपने उसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में दी है, तो फिर परेशानी शुरू हो सकती है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 132 के तहत जब IT डिपार्टमेंट छापा मारता है और बेहिसाब कैश मिलता है, तो वह उसे “अघोषित आय” मान सकता है।

 

ऐसी स्थिति में उस रकम पर 60% से लेकर 85% तक का टैक्स और जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा अगर इनकम का स्रोत पूरी तरह संदिग्ध पाया गया तो मामला कोर्ट तक जा सकता है। इसलिए जितना भी कैश घर में रखें, उसका पूरा रिकॉर्ड और प्रमाण ज़रूर रखें।

शादी, त्योहार और मेडिकल इमरजेंसी में छूट है लेकिन सावधानी जरूरी

कई बार लोग शादी, त्योहार या इलाज जैसे जरूरी मौके पर भारी कैश निकालते हैं। RBI और IT नियमों के तहत ऐसे मौकों पर थोड़ी छूट होती है। लेकिन फिर भी ये जरूरी है कि आप बैंक से जो भी पैसा निकालें, उसका रिकॉर्ड रखें और जरूरत पड़े तो उसका इस्तेमाल साबित कर सकें।

जैसे अगर आप बेटी की शादी के लिए ₹10 लाख कैश में खर्च करना चाहते हैं, तो पहले बैंक से निकासी का स्लिप और उसके खर्च से जुड़े बिल-पर्चे जरूर रखें। बिना हिसाब-किताब के खर्चा करना आपको फंसा सकता है। इसी तरह अगर इलाज के लिए कैश में पेमेंट किया गया है, तो हॉस्पिटल की रसीद और रिपोर्ट संभालकर रखें।

 

क्या इनकम टैक्स रिटर्न में कैश की जानकारी देनी जरूरी है

अगर आप बड़ी रकम कैश में रखते हैं या आपके पास हर वक्त ₹2 लाख या उससे ज्यादा कैश होता है, तो ITR फाइल करते वक्त उसकी जानकारी देना समझदारी होती है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब बैंक और अन्य एजेंसियों से लिंक है, इसलिए बड़ी कैश निकासी या जमा की खबर सीधे विभाग तक पहुंच जाती है। साल भर में अगर आपने ₹10 लाख से ज्यादा की नकद जमा या निकासी की है, तो उसकी रिपोर्ट बैंकों द्वारा विभाग को भेजी जाती है। अगर आपने ITR में इस बारे में जानकारी नहीं दी, और विभाग ने ट्रांजैक्शन पकड़ लिया, तो नोटिस आना तय है।

कैश रखने से बचने की सलाह क्यों दी जाती है

सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और काले धन पर रोक लग सके। इसी वजह से ₹2 लाख से ज्यादा की नकद खरीदारी या गिफ्ट पर भी रोक है।

 

हालांकि कैश रखना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन जोखिम जरूर है। चोरी, लूट और इनकम टैक्स छापे की स्थिति में कैश का जवाब देना मुश्किल हो सकता है। इसलिए जब भी नकद पैसा रखें, उसका स्रोत साफ रखें और जितना हो सके बैंकिंग माध्यम से लेन-देन करें।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने CA या टैक्स सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। सरकार समय-समय पर नियमों में बदलाव कर सकती है।

Scroll to Top