Income Tax Rule: भारत में ज़्यादातर लोग अपने घर में थोड़ी-बहुत नकदी रखना आम बात मानते हैं। कुछ लोग पैसे बैंक में जमा करने की बजाय घर में ही संभाल कर रखते हैं, ताकि ज़रूरत के वक्त तुरंत काम आ सके। लेकिन जब घर में नकदी लाखों में हो और इनकम टैक्स विभाग को उसके बारे में जानकारी न हो, तो बात गंभीर हो जाती है। खासकर अब जब टैक्स विभाग डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रहा है और कालेधन पर सख्ती कर रहा है, तब यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि घर में कितना कैश रखना कानूनन सही है और ज्यादा होने पर क्या कार्रवाई हो सकती है।
घर में कैश रखने की कोई सीमा नहीं लेकिन…
भारत के इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति के लिए घर में नकद पैसे रखना अवैध नहीं है। यानी आप अपने घर में एक लाख, दो लाख या उससे भी ज्यादा कैश रख सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि आप यह साबित कर सकें कि यह पैसा आपकी वैध कमाई का हिस्सा है। यानी अगर आयकर विभाग आपसे पूछे कि यह नकदी कहां से आई, तो आपके पास उसका साफ-साफ हिसाब होना चाहिए। अगर आपने टैक्स रिटर्न फाइल किया है और उस नकदी को उसमें बताया है, या बैंक ट्रांजैक्शन से उसकी पुष्टि होती है, तो कोई दिक्कत नहीं होगी।
लेकिन अगर जांच में यह पता चलता है कि नकदी का कोई साफ-साफ स्रोत नहीं है, तो इनकम टैक्स विभाग इसे अघोषित आय मान सकता है और आपके खिलाफ छापेमारी या जुर्माना की कार्रवाई हो सकती है। यहां तक कि गंभीर मामलों में मामला गिरफ्तारी तक भी पहुंच सकता है।
इनकम टैक्स छापे में जब्त होता है बेहिसाब कैश
जब आयकर विभाग किसी घर या कारोबारी संस्था पर छापा मारता है, तो उसकी टीम सबसे पहले वहां मौजूद नकदी और अन्य दस्तावेज़ों की जांच करती है। अगर वहां कोई बड़ी नकदी मिलती है, जैसे ₹10 लाख, ₹20 लाख या उससे ज्यादा, और उसका सोर्स नहीं बताया जा सकता, तो उसे जब्त कर लिया जाता है।
आयकर अफसर सबसे पहले पूछते हैं कि क्या यह रकम टैक्स रिटर्न में दिखाई गई है? अगर जवाब नहीं मिलता या जवाब संदिग्ध होता है, तो उस रकम पर 60% से लेकर 137% तक का टैक्स और जुर्माना लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत भी केस दर्ज हो सकता है।
इस तरह की कार्रवाई सिर्फ कारोबारियों तक सीमित नहीं है। आम लोग, खासकर वे जो कैश में लेन-देन करते हैं, जैसे प्रॉपर्टी खरीद-बेच या बड़ी शादी-ब्याह में नकद खर्च, वे भी इनकम टैक्स विभाग की निगरानी में आ सकते हैं।
कब हो सकती है गिरफ्तारी और केस
अब सवाल आता है कि क्या सिर्फ ज़्यादा कैश मिलने से ही गिरफ्तारी हो सकती है? जवाब है – नहीं, जब तक कि आप जानबूझकर टैक्स चोरी करते हुए पाए नहीं जाते, तब तक सिर्फ कैश रखने पर कोई गिरफ्तारी नहीं होती। लेकिन अगर जांच में यह सामने आता है कि आपने सरकार को गुमराह किया है, गलत दस्तावेज़ दिए हैं या कालेधन को सफेद बनाने की कोशिश की है, तो फिर मामला आपराधिक बन सकता है।
आयकर विभाग ऐसे मामलों में Prosecution शुरू कर सकता है। और अगर दोष साबित हो जाता है तो यह 3 साल से 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माने तक जा सकता है। इसके अलावा, बार-बार गलती पकड़ में आने पर आपका PAN नंबर ब्लॉक, बैंक अकाउंट सील और पासपोर्ट भी जब्त किया जा सकता है।
कैसे बचें कार्रवाई से – ये रखें ध्यान
सबसे पहले तो घर में जो भी कैश हो, उसका हिसाब अपने पास रखें। वह सैलरी, बिजनेस प्रॉफिट, गिफ्ट या किसी और वैध स्रोत से आया हो, तो उसकी रसीद, बैंक स्टेटमेंट या अन्य प्रमाण जरूर रखें।
अगर आपने किसी से नकद उधार लिया है तो उसका भी एग्रीमेंट या रसीद होना चाहिए। 2 लाख से ऊपर की नकद लेन-देन करने से बचें क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269ST के तहत इसकी मनाही है।
हर साल अपना इनकम टैक्स रिटर्न सही समय पर और सही जानकारी के साथ फाइल करें। इससे आपकी कमाई और खर्च का रिकॉर्ड टैक्स विभाग के पास रहता है और किसी भी छानबीन में आप आसानी से अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।