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भारत का ऑटो सेक्टर संकट में, चीन से मंजूरी का इंतजार कर रहा सरकारी डेलीगेशन : auto sector india

auto sector India : भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इन दिनों एक बड़ी चिंता से गुजर रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और हाई-टेक गाड़ियों के निर्माण में उपयोग होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट की भारी कमी हो गई है। इस कारण कई बड़े वाहन निर्माता कंपनियों को उत्पादन की रफ्तार धीमी करनी पड़ी है।

भारत सरकार ने इस स्थिति को संभालने के लिए एक अहम कदम उठाया है। एक उच्च स्तरीय डेलीगेशन को चीन भेजने की तैयारी हो चुकी है, ताकि चीन से जरूरी रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति को फिर से शुरू करवाया जा सके। हालांकि, अब तक चीन की तरफ से इस दौरे के लिए औपचारिक मंजूरी नहीं मिल सकी है। पूरा देश इस बात पर नजर गड़ाए बैठा है कि क्या भारत को चीन से जरूरी कच्चा माल मिलेगा या नहीं।

 

रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी क्यों बनी संकट

रेयर अर्थ मैग्नेट वो महत्वपूर्ण तत्व हैं जो इलेक्ट्रिक मोटर्स, विंड टर्बाइन और कई एडवांस्ड टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होते हैं। भारत में ईवी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन रेयर अर्थ मेटल्स जैसे नियोडिमियम और प्रासियोडिमियम की भारी कमी इसकी राह में रुकावट बनती जा रही है।

इनका सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है, जो दुनियाभर में रेयर अर्थ एक्सपोर्ट का लगभग 80% हिस्सा अकेले सप्लाई करता है। भारत भी इन कच्चे माल के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। बीते कुछ महीनों से चीन से इन मेटल्स की आपूर्ति धीमी पड़ी है, जिससे कई ऑटो कंपनियों की चिंता बढ़ गई है।

भारत सरकार की रणनीति और चीन से उम्मीद

भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र स्तर पर एक विशेष डेलीगेशन तैयार कर चुकी है, जिसमें भारी उद्योग मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रमुख ऑटो इंडस्ट्री संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस डेलीगेशन का मकसद चीन सरकार और वहां की कंपनियों से मिलकर सप्लाई को फिर से मजबूत करना है।

चीन की अनुमति मिलने के बाद यह डेलीगेशन बीजिंग रवाना होगा और रणनीतिक बातचीत के जरिए भारत की जरूरतों को सामने रखेगा। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को नए सिरे से सुधारने की भी कोशिश की जाएगी।

 

ऑटो इंडस्ट्री पर पड़ रहा सीधा असर

रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी का सबसे बड़ा असर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और हाइब्रिड गाड़ियों के उत्पादन पर पड़ रहा है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा, हुंडई और अन्य बड़ी कंपनियां अब उत्पादन की योजना फिर से बना रही हैं।

कई ऑटो पार्ट निर्माता भी इस संकट से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि मोटर्स और सेंसर्स के लिए जरूरी मैग्नेट न मिल पाने की वजह से उनकी सप्लाई चेन टूट रही है। कुछ कंपनियों ने तो अपने ऑर्डर की डिलिवरी में देरी के संकेत भी दे दिए हैं। इससे आम ग्राहकों तक असर पहुंचने की आशंका है।

स्थानीय विकल्प और भविष्य की दिशा

भारत सरकार अब दीर्घकालिक योजना के तहत देश में ही रेयर अर्थ मैग्नेट के विकल्प तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। इस दिशा में रक्षा अनुसंधान और खनन मंत्रालय के साथ मिलकर कई नए प्रोजेक्ट्स पर विचार किया जा रहा है।

हालांकि इसमें समय लगेगा, लेकिन सरकार का मानना है कि भविष्य में भारत को रेयर अर्थ मेटल्स के लिए आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। फिलहाल, चीन से आपूर्ति बहाल करना सबसे जरूरी कदम है ताकि ऑटो सेक्टर की रफ्तार बनी रहे।

Disclaimer:
यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी सूचनात्मक उद्देश्य से है। निवेश या खरीदारी से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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