India news today : ट्रंप ने क्या कहा कि हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान दिया जिससे भारत और पाकिस्तान को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर (गोलीबारी रोकने) का समझौता करवाया, और साथ ही ट्रेड डील (व्यापार समझौता) पर भी बातचीत की थी। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से बात की और दोनों ने उनकी बात मानी, जिससे सीमा पर शांति बनी।
ट्रंप का यह बयान अमेरिका में एक चुनावी रैली के दौरान आया और उनके फॉलोअर्स ने इसे सोशल मीडिया पर खूब फैलाया। लेकिन भारत की तरफ से इस पर तुरंत प्रतिक्रिया आई।
भारत का साफ इनकार – न कोई ट्रेड डील, न ट्रंप का रोल
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई ट्रेड डील नहीं हुई है, और सीजफायर का फैसला दोनों देशों की सेनाओं ने आपसी बातचीत से लिया था। इसमें किसी तीसरे देश यानी अमेरिका या ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी।
MEA के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच 2021 में बातचीत हुई थी, जिसमें ये तय हुआ था कि LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर शांति रखी जाएगी और बिना उकसावे के कोई गोलीबारी नहीं होगी। यह पूरी तरह एक-दूसरे की सेनाओं के बीच हुई बातचीत थी, न कि किसी विदेशी नेता की मध्यस्थता से।
जहां तक ट्रेड की बात है, भारत ने 2019 के पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ लगभग सभी व्यापारिक रिश्ते खत्म कर दिए थे। तब से अब तक कोई व्यापारिक समझौता नहीं हुआ है, और न ही कोई बातचीत चल रही है। MEA ने यह भी साफ किया कि पाकिस्तान से व्यापार तब तक संभव नहीं जब तक वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता।
जनता का रिएक्शन: “भारत किसी की मेहरबानी से नहीं चलता”
ट्रंप के बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का रिएक्शन साफ था। कई लोगों ने कहा कि ट्रंप सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए झूठ बोल रहे हैं। ट्विटर और फेसबुक पर यूज़र्स ने लिखा कि “भारत आज के समय में इतना मजबूत है कि उसे किसी बाहरी नेता की मदद नहीं चाहिए।”
कुछ लोगों ने मजाक उड़ाते हुए कहा, “अब ट्रंप कहेंगे कि उन्होंने इंडिया में इंटरनेट भी खुद लाया था।” जबकि कुछ लोगों ने इसे अमेरिका की पुरानी रणनीति बताया है। खुद को दुनिया का ‘मसीहा’ दिखाना, जबकि असल में उनके कहे में सच्चाई नहीं होती।
भारतीय लोगों ने भारत सरकार के जवाब की सराहना की, और कहा कि देश की विदेश नीति अब आत्मनिर्भर और दृढ़ है, जो किसी के दबाव में नहीं आती।
भारत ने फिर दिखाया अपना मजबूत रुख
इस पूरे मामले से एक बात साफ हो गई है कि भारत अब किसी के कहने पर नहीं, बल्कि अपने हित और नीति के अनुसार फैसले लेता है। डोनाल्ड ट्रंप ने जो दावा किया, वह न सिर्फ गलत है, बल्कि भारत की संप्रभुता को भी हल्के में लेने जैसा है।
सीजफायर समझौता दोनों देशों की सेना के बीच का फैसला था, और ट्रेड डील जैसी कोई चीज़ हुई ही नहीं। भारत ने यह बात बहुत ही स्पष्ट और सख्त तरीके से दुनिया के सामने रखी है। इससे यह भी जाहिर होता है कि भारत अब किसी भी मुद्दे पर स्पष्ट, सशक्त और सटीक जवाब देने में पीछे नहीं है।