India Pakistan News LIVE updates: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को पूरी ताकत से निशाना बनाया है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने सटीक हमलों के जरिए करीब 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया है। इनमें पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड और 1999 के IC-814 विमान अपहरण में शामिल आतंकी भी मारे गए हैं। सेना की तरफ से यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई है, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। यह ऑपरेशन भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है और इसका संदेश साफ है – आतंकवाद के खिलाफ भारत अब और सख्त हो चुका है।
आतंक के गढ़ पर सीधा वार
सेना ने इस ऑपरेशन की शुरुआत 7 मई को की थी और पूरे हफ्ते चली कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी लॉन्चपैड्स और ट्रेनिंग कैंप्स को ड्रोन और मिसाइल हमलों के जरिए नष्ट कर दिया गया। आतंकियों के जो ठिकाने काफी समय से भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने में लगे थे, उन्हें टारगेट करके पूरी तरह खत्म कर दिया गया। ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता यही रही कि इसमें भारत के पास खुफिया जानकारी पहले से मौजूद थी और सेना ने बिलकुल सटीक जगहों पर हमला किया। इससे यह भी साफ हो गया है कि भारतीय सेना अब सिर्फ रिएक्शन में नहीं बल्कि प्री-एम्पटिव (पहले से तैयारी के साथ) एक्शन में भरोसा कर रही है।
बड़े आतंकियों का खात्मा
इस ऑपरेशन में जिन आतंकियों को ढेर किया गया है, वे सिर्फ आम लड़ाके नहीं थे बल्कि भारत के खिलाफ कई बड़े आतंकी हमलों के साजिशकर्ता थे। इनमें यूसुफ अज़हर, जो IC-814 विमान अपहरण का मास्टरमाइंड था और मसूद अज़हर का रिश्तेदार था, वह भी मारा गया है। इसके अलावा अब्दुल मलिक रऊफ, जो पुलवामा हमले के पीछे था, और मुदस्सिर अहमद जैसे कुख्यात आतंकी भी मारे गए हैं। इनकी मौत से आतंक के नेटवर्क को सीधा झटका लगा है और इससे पाकिस्तान की पनाह में पल रहे आतंकी संगठनों का मनोबल भी टूटा है। भारत के लिए यह कार्रवाई एक बड़ी सुरक्षा कामयाबी है जो भविष्य में होने वाले हमलों को रोक सकती है।
पाकिस्तानी सेना को भी लगा झटका
इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकी ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। भारतीय सेना ने दावा किया है कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर हुई सीधी मुठभेड़ों में 35 से 40 पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए हैं। इसके अलावा, पाकिस्तानी एयरफोर्स के कई एयरक्राफ्ट और बेस कैंप को भी निशाना बनाया गया है जिससे उनके ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स में बड़ी बाधा आई है। इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब सिर्फ आतंकियों को नहीं बल्कि उनके संरक्षक को भी जवाब देने के लिए तैयार है, चाहे वह पाकिस्तान की सेना ही क्यों न हो।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ गया है और इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हलचल हुई है। अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। खबर है कि इन देशों की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी है, लेकिन एलओसी पर अभी भी छिटपुट गोलीबारी जारी है। यह स्थिति दिखाती है कि भले ही कूटनीतिक स्तर पर शांति की बात हो रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। भारत ने हालांकि साफ कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।
ऑपरेशन की रणनीति और तकनीक
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को बेहद योजनाबद्ध और आधुनिक तरीके से अंजाम दिया। इसमें ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी, मिसाइल अटैक और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस जैसी तकनीकों का प्रयोग किया गया। सेना ने न केवल टारगेट्स को सटीकता से पहचाना बल्कि उन्हें पूरी तरह खत्म भी किया। DGMO और एयर मार्शल स्तर के अधिकारियों ने खुद यह जानकारी दी कि यह ऑपरेशन पहले से प्लान किया गया था और इसके सभी लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं। इससे भारत की सैन्य क्षमता और इंटेलिजेंस नेटवर्क की मजबूती भी दुनिया के सामने आई है।
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आगे की रणनीति क्या होगी?
हालांकि अभी संघर्ष विराम लागू किया गया है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि आतंक के खिलाफ उनकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। सेना ने कहा है कि भारत की नीति अब ‘जीरो टॉलरेंस’ की है और अगर फिर से कोई हमला होता है तो और भी सख्त जवाब दिया जाएगा। इससे आतंकियों और उनके मददगारों को यह चेतावनी मिल चुकी है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा। आने वाले समय में भारत की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत की जाएगी।
भारत का बदलता रुख
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की तरफ से एक स्पष्ट संदेश है कि अब वह आतंकी हमलों को सिर्फ सहने वाला देश नहीं, बल्कि करारा जवाब देने वाला देश बन चुका है। यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को मजबूत करने वाला कदम है। आतंकवाद के खिलाफ यह एक निर्णायक मोड़ है और इसके जरिए भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि अब वह हर चुनौती का सामना मजबूती से करेगा। इस ऑपरेशन की सफलता आने वाले समय में भारत की सुरक्षा नीति को नई दिशा देगी।