Indigo Plane Emergency Landing: हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट को लेकर एक हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने उस घटना पर बयान जारी किया है, जिसमें इंडिगो का विमान खराब मौसम की वजह से बेहद खतरनाक टर्बुलेंस में फंस गया था। DGCA के मुताबिक, यह घटना 21 मई 2025 को घटी, जब इंडिगो का विमान A321 नियो (VT-IMD) दिल्ली से श्रीनगर के बीच उड़ान संख्या 6E-2142 पर था। विमान जब पठानकोट के आसमान में पहुंचा, तो उसे ओलावृष्टि और तेज टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा।
भारतीय वायुसेना से मिली नकारात्मक प्रतिक्रिया
जब विमान को मौसम की स्थिति बिगड़ती दिखी, तो पायलट ने भारतीय वायुसेना के उत्तरी नियंत्रण से गुजारिश की कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर बाएं मुड़ने की अनुमति दी जाए ताकि खराब मौसम से बचा जा सके। लेकिन पायलट की ये मांग अस्वीकृत कर दी गई, जिससे विमान को वैकल्पिक रास्ता नहीं मिल सका और वो सीधे तूफानी मौसम की ओर बढ़ता चला गया।
पाकिस्तान से भी नहीं मिली राहत
चालक दल ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान के लाहौर नियंत्रण से उनके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति मांगी ताकि वे उस खतरनाक मौसम से निकल सकें। लेकिन पाकिस्तान की ओर से भी इस निवेदन को ठुकरा दिया गया। इस तरह, भारतीय वायुसेना और पाकिस्तान दोनों की ओर से सहायता न मिलने के कारण विमान को उस खतरनाक टर्बुलेंस में प्रवेश करना पड़ा।
ओलों और तेज टर्बुलेंस के बीच पायलट ने लिया कठिन फैसला
विमान को पहले वापसी की कोशिश की गई लेकिन जब आंधी और बादलों का दायरा बहुत पास आ गया, तब पायलट ने आखिरी विकल्प के रूप में खराब मौसम के बीच से गुजरने का निर्णय लिया। इसके बाद विमान को ओलों की मार और गंभीर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। हालात इतने खराब हो गए कि विमान की गति अचानक तेजी से बढ़ने लगी और वह अधिकतम संचालन गति से भी ऊपर चला गया। इससे विमान के सिस्टम में VMO/MMO (अधिकतम गति) अलार्म एक्टिव हो गए और ऑटोपायलट भी फेल हो गया।
विमान की मैन्युअल उड़ान और पायलट की सूझबूझ
ऑटोपायलट के फेल होने के बाद पायलट ने विमान को मैन्युअली नियंत्रित किया। वे तब तक इसे हाथ से उड़ाते रहे जब तक कि विमान ओलों और खराब मौसम के क्षेत्र से बाहर नहीं निकल गया। इस दौरान विमान की ऊंचाई में तेज गिरावट देखी गई जो 8500 फीट प्रति मिनट तक पहुंच गई थी। इसके बाद, पायलट ने श्रीनगर एयर ट्रैफिक कंट्रोल को “पैन-पैन” कॉल किया, जो कि एक आपात संकेत होता है। उन्होंने रडार वेक्टर की मांग की और सुरक्षित रूप से श्रीनगर में विमान की लैंडिंग करवाई।
सुरक्षित लैंडिंग और DGCA की जांच
सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और ECAM प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, विमान ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की। राहत की बात यह रही कि विमान में सवार किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई। हालांकि, बाद में जांच में पता चला कि विमान के नोज रेडोम यानी आगे के हिस्से को इस पूरी घटना में नुकसान पहुंचा है। DGCA ने यह भी बताया कि इस घटना की जांच उसकी ओर से पूरी तरह से की जा रही है।
भारत की मानवीय नीति बनाम पाकिस्तान की असंवेदनशीलता
इस पूरी घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान के रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब एक विमान में दर्जनों लोग गंभीर संकट में थे, तब मदद करने के बजाय पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस का उपयोग करने से मना कर दिया। यह एक ऐसा समय था जब मानवीयता और आपसी सहयोग की सबसे ज्यादा ज़रूरत थी। वहीं भारत हमेशा से आपात स्थितियों में मानवीय मदद के लिए तैयार रहता है, लेकिन इस बार उसके पड़ोसी ने इसका कोई उदाहरण नहीं पेश किया।
यह घटना न सिर्फ एक तकनीकी और मौसमीय चुनौती का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि आपदा की घड़ी में किस देश का व्यवहार कैसा होता है। इंडिगो के चालक दल की सतर्कता, त्वरित निर्णय और साहसिक उड़ान कौशल ने यात्रियों की जान बचाई। DGCA की विस्तृत जानकारी और जांच इस बात को दर्शाती है कि भारत में नागरिक उड्डयन सुरक्षा को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।